शेली डुवाल का निधन: 'द शाइनिंग' की अभिनेत्री और रॉबर्ट ऑल्टमैन की प्रिय अभिनेता का 75 वर्ष की आयु में निधन
शेली डुवाल की संक्षिप्त जीवन यात्रा
शेली डुवाल का जन्म 7 जुलाई 1949 को ह्यूस्टन, टेक्सास में हुआ था। बचपन से ही उनकी रुचि कला और नाटक में थी, जो आगे चलकर उन्हें हॉलीवुड के दरवाजे तक ले गई। उनका फिल्मी करियर तब शुरू हुआ जब उन्होंने रॉबर्ट ऑल्टमैन की फिल्म 'ब्रूस्टर मैक्लाउड' में अभिनय किया। इस फिल्म के बाद, ऑल्टमैन ने डुवाल को अपनी कई फिल्मों में लिया, जिनमें 'मकैब एंड मिसेज मिलर', 'थीव्स लाइक अस', 'नैशविल', 'बफेलो बिल एंड द इंडियंस', 'थ्री वीमेन' और 'पोपेय' शामिल हैं।
स्त्री प्रतिबिंब और संघर्ष: 'द शाइनिंग' की यात्रा
डुवाल की सबसे चर्चित भूमिकाओं में से एक थी स्टेनली क्यूब्रिक की हॉरर क्लासिक 'द शाइनिंग' में वेंडी टोरेंस का किरदार। इस फिल्म में उन्होंने एक लेखक की पत्नी की भूमिका निभाई जो धीरे-धीरे पागलपन की ओर बढ़ता है। फिल्म की शूटिंग इंग्लैंड में 13 महीने तक चली, जिसमें डुवाल को लंबे समय तक भावनात्मक और मानसिक रूप से चुनौतीपूर्ण स्थितियों से गुजरना पड़ा। उन्हें तीन महीने तक हर दिन 12 घंटे तक रोना पड़ता था, जिस कारण वह शारीरिक और मानसिक रूप से थक गई थीं।
मनोरंजन उद्योग में योगदान
1980 के दशक में, डुवाल ने अपने प्रोडक्शन कंपनी थिंक इंटरटेनमेंट के माध्यम से बच्चों के कार्यक्रमों के निर्माण में कदम रखा। उन्होंने 'फैरी टेल थिएटर' और 'मदरल गूस रॉक 'एन' राइम्स' जैसी श्रृंखलाएँ बनाई, जो दर्शकों में बेहद लोकप्रिय हुई। इन प्रयासों ने उन्हें दो एमी पुरस्कार नामांकन दिलाए।
संघर्ष और वैयक्तिक जीवन
शेली डुवाल ने अपने जीवन में कई चुनौतियों का सामना किया। 2016 में, उन्होंने 'डॉ. फिल' शो पर अपनी मानसिक बीमारी की समस्याओं को सार्वजनिक किया। इस शो में, उन्होंने अपनी संघर्षमय यात्रा के कई पहलुओं को साझा किया, जिससे उनकी साहसिकता और हिम्मत का पता चलता है।
समर्पित पार्टनर और श्रद्धांजलियाँ
शेली का निधन उनके जीवन साथी डैन गिलरॉय ने सार्वजनिक किया। गिलरॉय ने बताया कि वह 'मेरी प्यारी, मीठी, अद्भुत जीवन साथी और दोस्त' थीं। डुवाल की मौत की खबर सुनकर कई प्रसिद्ध हस्तियों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। मिया फैरो, वेंडेल पियर्स, एडगर राइट, और विंसेंट डी'ऑनफ्रियो जैसे कलाकारों ने उन्हें याद करते हुए उनकी प्रतिभा की सराहना की।
एक अनोखी आवाज़ की सदा
शेली डुवाल के निधन से सिनेमा जगत में एक युग का अंत हो गया है। उनकी अद्वितीय अभिनय शैली और छवि पहले से कई दर्शकों के दिलों में हमेशा बनी रहेंगी। उन्होंने अपने जीवन और करियर के माध्यम से एक ऐसा स्थान प्राप्त किया जो हमेशा याद रहेगा।
शेली डुवाल की सर्वश्रेष्ठ अदाकारी और अद्वितीय व्यक्तित्व के लिए वह हमेशा याद की जाएंगी। उनका असिम योगदान सिनेमा उद्योग के लिए एक प्रेरणा बना रहेगा।
16 टिप्पणि
Raghunath Daphale
जुलाई 13 2024बस यही कहना है कि शेली ने तो बस रोते रहना था... 12 घंटे रोना? ये तो अभिनय नहीं, अंतर्राष्ट्रीय रोने का ओलंपिक है 😅
Renu Madasseri
जुलाई 15 2024उनकी आवाज़ और अदाएँ तो बस अलग ही थीं... हर सीन में एक असली इंसान दिखता था। आज के ट्रेंडी एक्टर्स को बस एक बार भी उनकी फिल्में देखनी चाहिए। 🌸
Sanjay Singhania
जुलाई 16 2024शेली के अभिनय का एपिस्टेमोलॉजी तो बस इंटर-पर्सनल रिलेशनशिप के लेयर्स को डिकोड करने की कला है... उनकी रिकॉर्डिंग्स एक फिनोमेनोलॉजिकल एक्सपीरियंस हैं जो बहुत से अभिनेताओं के डिस्कोर्डेंट रिफ्लेक्शन्स से बेहतर हैं।
Aniket Jadhav
जुलाई 17 2024मैंने 'द शाइनिंग' देखा था... वो वेंडी वाला सीन जहां वो बस खड़ी है और डरी हुई है, उसने मुझे दिल से छू लिया। आज भी याद आ जाता है।
Anoop Joseph
जुलाई 17 2024शेली डुवाल के बारे में बहुत सुंदर लिखा है। धन्यवाद।
Kajal Mathur
जुलाई 18 2024क्या आप जानते हैं कि इस फिल्म की शूटिंग के दौरान क्यूब्रिक ने अभिनेत्रियों को बिना स्क्रिप्ट के रोने के लिए कहा था? यह तो एक निर्माण की अत्यधिक अनैतिक अभिव्यक्ति है।
rudraksh vashist
जुलाई 20 2024बहुत अच्छा लगा... उन्होंने जो भी किया, वो दिल से किया। ऐसे लोगों की याद जिंदा रहती है।
Archana Dhyani
जुलाई 21 2024मुझे लगता है कि शेली डुवाल के अभिनय को जब तक आधुनिक अभिनय के अर्थशास्त्र के संदर्भ में नहीं समझा जाएगा, तब तक उनकी गहराई का आकलन अधूरा रहेगा। उनकी आवाज़ की फ्रिक्वेंसी, उनके शरीर के माइक्रो-मूवमेंट्स, उनकी निःश्वास की अवधि-ये सब एक निर्माण की दृष्टि से अत्यंत जटिल हैं।
Guru Singh
जुलाई 21 2024मैंने 'फैरी टेल थिएटर' देखा था... उन्होंने बच्चों के लिए भी इतना सारा दिल लगाया। आज ऐसा कोई नहीं है।
Sahaj Meet
जुलाई 23 2024भारत में भी ऐसे कलाकारों को याद करने की जरूरत है। हमारे यहाँ तो बस ट्रेंड्स चलते हैं... शेली जैसी असली कला को याद करना जरूरी है। 🙏
Madhav Garg
जुलाई 23 2024शेली डुवाल की अदाकारी ने सिनेमा को एक नए स्तर पर ले गया। उनकी शैली ने अभिनय को एक आध्यात्मिक अनुभव बना दिया।
Sumeer Sodhi
जुलाई 25 2024ये सब बकवास है। एक अभिनेत्री को रोने के लिए 3 महीने तक दबाया गया? ये तो शोषण है। और अब लोग इसे 'आर्ट' कह रहे हैं? बस एक बड़ा नाटक है।
Vinay Dahiya
जुलाई 26 2024क्यूब्रिक ने उन्हें जानबूझकर तोड़ा था... वो फिल्म बनाने की नहीं, एक व्यक्ति को तोड़ने की थी। और अब लोग इसे क्लासिक कहते हैं? ये तो अपराध है।
Sai Teja Pathivada
जुलाई 26 2024लोगों को नहीं पता, लेकिन शेली को फिल्म के दौरान विषैला खाना खिलाया गया था... ताकि वो वास्तविक डर का अनुभव कर सके। ये सब सरकारी एजेंसी का एक ट्रायल है। 🤫👁️
Antara Anandita
जुलाई 26 2024उनकी आवाज़ की शानदार गहराई और अदाएँ आज भी अनुकरणीय हैं। बहुत कम अभिनेत्रियाँ इतनी निडरता से अपनी भूमिकाओं को जीती हैं।
Raghunath Daphale
जुलाई 27 2024अरे ये सब लोग तो भावनाओं के बारे में बात कर रहे हैं... पर क्या किसी ने ये देखा कि उनके बाद अभिनय का कोई असली स्टाइल ही नहीं बचा? 😒