Tata Capital और LG Electronics के IPO क्लैश से भारतीय शेयर बाजार में हलचल
जब Tata Capital Limited ने 6 अक्टूबर को अपना IPO लॉन्च किया, तो मार्केट में तुरंत हलचल मच गई। वहीँ LG Electronics India Private Limited ने 7 अक्टूबर को अपना शेयर इश्यू शुरू किया, जिससे दो बड़ों के बीच IPO क्लैश बना और भारत के प्राथमिक बाजार में अक्टूबर 2025 का सप्ताह सबसे बड़ा बना। दोनों इश्यू मिलकर लगभग ₹27,000 करोड़ की बोली लगे, जो इस साल के सबसे बड़े पूँजी उभार में गिना गया है।
IPO क्लैश का पृष्ठभूमि
पहले भी भारतीय बाजार में दो बड़े इश्यू एक ही सप्ताह में खुले हैं, लेकिन इस बार दो अलग‑अलग सेक्टर—वित्तीय सेवाएँ और इलेक्ट्रॉनिक्स—की टकराव ने निवेशकों को कठिन चुनाव पर धकेल दिया। भारत में इस तरह के दो‑तीन‑दिवसीय इश्यू पहले 2022 के HDB Financial Services और 2024 के Reliance Retail ने किया था, पर अब Tata‑Group की NBFC और कोरियाई दिग्गज के भारतीय शाखा का साथ-साथ लिस्टिंग इतिहास में नया अध्याय लिख रहा है।
Tata Capital का इश्यू: आंकड़े और प्रतिक्रिया
Tata Capital Limited ने ₹15,512 करोड़ का इश्यू ₹310‑₹326 प्रति शेयर के बैंड में पेश किया। यह मूल्य बैंड RBI के NBFC लिस्टिंग नियमों के तहत फ्रेश इश्यू और ऑफर‑फॉर‑सेल (OFS) का मिश्रण है। इश्यू के पहले दो दिन में कुल सब्सक्रिप्शन केवल 0.58 गुना रहा, जहाँ रिटेल सेक्शन 0.59 गुना, एम्प्लॉयी कैटेगरी 1.7 गुना, NIIs 0.56 गुना और QIBs 0.55 गुना बुक हुए।
एनालिटिक्स फर्म Swastika Investmart के प्रमुख विश्लेषक राजत गोलाने ने कहा, "Tata Capital का वैल्यूएशन अभी भी ऊँचा माना गया है, और मौजूदा रेट‑एनवायरनमेंट में निवेशकों ने अधिक सावधानी बरती है।"
ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) के आंकड़े भी संकेत देते हैं कि निवेशकों का जुनून सीमित रहा—केवल ₹12.5 या लगभग 3.83%। लिस्टिंग की तिथि 13 अक्टूबर तय है, जिससे यह इश्यू सप्ताह के मध्य में सार्वजनिक हो जाएगा।

LG Electronics India का इश्यू: बाजार का स्वागत
LG Electronics India Private Limited ने ₹11,607 करोड़ का इश्यू ₹1,080‑₹1,140 प्रति शेयर की रेंज में पेश किया। यह पूर्ण‑ऑफ़र‑फॉर‑सेल (OFS) है, जिसमें मूल कंपनी LG Electronics Inc. को सभी आय प्राप्त होगी। इश्यू के पहले दिन ही सब्सक्रिप्शन 1.05 गुना पहुंच गया, जहाँ NIIs ने प्रमुख मांग उत्पन्न की।
विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि GMP ₹318 या 27.89% तक पहुंचा—लगभग 28‑29% की प्रीमियम। यह दर्शाता है कि भारतीय निवेशक इस ब्रांड के भविष्य को लेकर काफी आशावादी हैं।
लेआउट के अनुसार 50% शेयर क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIBs) को, 15% गैर‑संस्थागत निवेशकों (NIIs) को और 35% रिटेल निवेशकों को आवंटित किया गया। प्रमोटर LG Electronics Inc. ने 10 करोड़ से अधिक शेयर बेच कर अपनी हिस्सेदारी 100% से घटाकर 85% करने का इरादा जताया है। लिस्टिंग 14 अक्टूबर को NSE और BSE पर होगी।
निवेशकों की पसंद और ग्रे मार्केट प्रीमियम
दोनों इश्यू के बीच GMP में अंतर स्पष्ट रूप से निवेशकों के सेक्टर‑वाइस रुझान को दर्शाता है। इलेक्ट्रॉनिक्स ब्रांड की विश्वसनीयता और प्रोडक्ट लाइन‑अप ने हाई‑वॉल्यूम प्रीमियम को उचित ठहराया, जबकि वित्तीय सेवाओं के नियामक दबाव और मूल्य‑संगठन ने सतर्क प्रतिक्रिया को जन्म दिया।
वित्तीय विशेषज्ञ अर्चना शुक्ला ने टिप्पणी की, "जब RBI ने NBFC लिस्टिंग पर कड़ी शर्तें लगाई हैं, तो निवेशकों को सुरक्षा की तलाश रहती है, इसलिए Tata Capital के इश्यू पर उनका रिस्क एप्रोच अधिक स्पष्ट है।" दूसरी ओर, टेक‑एनालिस्ट रवि वर्मा ने कहा, "LG का भारतीय बाजार में नया कार‑लोन, स्मार्ट होम और एआई‑आधारित प्रोडक्ट्स की प्लानिंग ने निवेशकों को उच्च ग्रोथ लीड के रूप में पहचान दी है।"

भविष्य की दिशा और संभावित जोखिम
- वैल्यूएशन जोखिम: दोनों इश्यू की प्राइस‑टू‑अर्निंग रेशियो बाजार औसत से ऊपर है।
- रेगुलेटरी बदलाव: RBI और SEBI द्वारा संभावित नई दिशा‑निर्देशों से NBFC और विदेशी‑मालिक कंपनियों पर असर पड़ सकता है।
- ब्याज‑दर का माहौल: मौजूदा हाई‑इंफ़्लेशन और RBI के ब्याज‑दर नीति में बदलाव से इश्यू की अंतःस्थापन क्षमता प्रभावित हो सकती है।
- क्रेडिट‑डिमांड साइकिल: उपभोक्ता लोन और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट की मांग में उतार‑चढ़ाव दोनों कंपनियों के प्रदर्शन को प्रभावित कर सकता है।
इन जोखिमों को देखते हुए, निवेशकों के लिए डाइवर्सिफ़ाइड पोर्टफ़ोलियो बनाना और दीर्घकालिक वैल्यू एसेसमेंट पर फोकस रखना ज़रूरी होगा। दोनों इश्यू के बाद, बाजार अगले दो‑तीन महीनों में नई लिस्टिंग की संभावना का भी अंदाज़ा लगा रहा है, जिससे 2025 का कैपिटल मार्केट अधिक गतिशील दिख रहा है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
Tata Capital के IPO में निवेशकों को क्या जोखिमों का सामना करना पड़ सकता है?
Tata Capital के IPO का वैल्यूएशन बाजार औसत से ऊपर है, इसलिए कीमत में संभावित सुधार कम हो सकता है। साथ ही, RBI के NBFC‑संबंधी नियामक कदम, ब्याज‑दर में उतार‑चढ़ाव और क्रेडिट साइकिल की अनिश्चितता मुख्य जोखिम हैं। निवेशकों को इन कारकों को ध्यान में रखकर पोर्टफ़ोलियो में संतुलन बनाना चाहिए।
LG Electronics India के IPO में इतनी उच्च ग्रे मार्केट प्रीमियम क्यों है?
LG का ब्रांड वैल्यू, भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स बाजार में बढ़ती मांग और कंपनी की भविष्य की योजनाओं (जैसे इलेक्ट्रिक वीहिकल्स और AI‑ड्रिवेन प्रोडक्ट्स) ने निवेशकों को आकर्षित किया। यही कारण है कि NIIs ने पहली ही दिन 1.05 गुना सब्सक्रिप्शन कर दिया और GMP लगभग 28% तक पहुंच गया।
इन दो IPO के बाद भारतीय शेयर बाजार में क्या बदलाव दिखेगा?
दोहरे बड़े इश्यू ने बाजार में तरलता को बढ़ाया और निवेशकों के बीच सेगमेंट‑स्पेसिफिक पसंद को उजागर किया। अगले महीनों में तकनीकी और वित्तीय सेक्टर की नई लिस्टिंग की संभावना है, जिससे बाजार अधिक विविधीकरण की ओर बढ़ेगा।
क्या RBI या SEBI के कोई नए दिशा‑निर्देश इस IPO क्लैश को प्रभावित कर सकते हैं?
हफ्ते‑भर में RBI ने NBFC‑लिस्टिंग पर कुछ कड़े मानदंड प्रस्तावित किए हैं, जो Tata Capital के इश्यू को प्रभावित कर सकते हैं। SEBI भी IPO प्रक्रिया में अधिक पारदर्शिता के लिए नया ढांचा तैयार कर रहा है, जिससे दोनों कंपनियों की लिस्टिंग शर्तों पर असर पड़ सकता है।
निवेशकों को कौन-सी प्लेटफ़ॉर्म पर इन IPO में भाग लेना चाहिए?
SEBI‑पंजीकृत प्लेटफॉर्म जैसे Swastika Investmart को विश्वसनीय माना जाता है। यह रिसर्च, कंप्लायंस और टेक‑टूल्स प्रदान करता है, जिससे निवेशक अपने आवेदन को आसान और सुरक्षित बना सकते हैं।
1 टिप्पणि
Harmeet Singh
अक्तूबर 7 2025IPO क्लैश ने निवेशकों को दो आकर्षक विकल्प दे कर उत्साह बढ़ा दिया है। वित्तीय सेक्टर में जोखिम प्रीमियम अभी भी थोड़ा ऊँचा है, इसलिए सतर्क रहना बेहतर रहेगा। दूसरी ओर, इलेक्ट्रॉनिक ब्रांड के लिए ग्रे मार्केट प्रीमरियम दर्शाता है कि बाजार में भरोसा बना हुआ है। diversified पोर्टफ़ोलियो बनाते समय दोनों इश्यू को शांति से आंकना चाहिए। अंत में, दीर्घकालिक दृष्टिकोण रखकर निवेश करने से फायदा फौलादी हो सकता है।