बिहार मौसम अलर्ट: 25 जिलों में बिजली-गर्जन की चेतावनी, गंगा का जलस्तर खतरे के पार

बिहार मौसम अलर्ट: 25 जिलों में बिजली-गर्जन की चेतावनी, गंगा का जलस्तर खतरे के पार

बिहार मौसम अलर्ट: 25 जिलों में बिजली-गर्जन की चेतावनी, गंगा का जलस्तर खतरे के पार

पीला अलर्ट, गरज के साथ तेज चमक और बढ़ता पानी: बिहार में मॉनसून का तीखा दौर

सुबह से पटना में तेज बारिश, आसमान में गरज के साथ चमक, और एक साथ 25 जिलों पर पीला अलर्ट—राज्य का बड़ा हिस्सा इस समय सक्रिय मानसून के बीच बिजली की मार का जोखिम झेल रहा है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने चेतावनी दी है कि कई जिलों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ आंधी, गर्जन और बिजली गिरने की घटनाएं हो सकती हैं। हवा की गति 30–40 किमी/घंटा तक पहुंचने का अनुमान है। यह चेतावनी केवल छाते की नहीं, सतर्क रहने की है, क्योंकि बिजली के साथ होने वाली बारिश अचानक हालात बिगाड़ सकती है।

बीते रविवार देर शाम शुरू हुई बरसात रात भर रुक-रुक कर चलती रही और सोमवार सुबह कई हिस्सों में तेज हो गई। राजधानी पटना सहित आसपास के इलाकों में सड़कों पर पानी भरने की खबरें आईं, जिससे आवागमन प्रभावित रहा। मौसम केंद्र ने पूरे राज्य के लिए पीला अलर्ट बरकरार रखा है और लोगों से गैरजरूरी यात्राओं से बचने, खुले इलाकों में मोबाइल इस्तेमाल कम करने और ऊंचे पेड़ों/लोहे के खंभों से दूर रहने की अपील की है।

मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक बंगाल की खाड़ी से नमी का जोरदार प्रवाह जारी है और इसके चलते दक्षिण और मध्य बिहार में बादल घने बने हुए हैं। इस सेटअप में बिजली-गर्जन की संभावना सामान्य बारिश से ज्यादा होती है। यही वजह है कि बिहार मौसम अपडेट में बिजली गिरने के खतरे पर खास जोर दिया गया है।

जिला-दर-जिला तस्वीर, नदियों का हाल और आगे का रुझान

जिला-दर-जिला तस्वीर, नदियों का हाल और आगे का रुझान

अनुमान के मुताबिक दक्षिण बिहार में बरसात का असर ज्यादा रहेगा। गया, नवादा और जमुई के लिए भारी बारिश की आशंका बताई गई है। वहीं हल्की से मध्यम बारिश, गरज और बिजली की संभावना इन जिलों में है—सीवान, सारण, समस्तीपुर, वैशाली, पटना, भोजपुर, अरवल, जहानाबाद, गया, नालंदा, नवादा और बेगूसराय। इन इलाकों में सोमवार और मंगलवार को बीच-बीच में बारिश की बौछारें पड़ेंगी और कहीं-कहीं आंधी भी चल सकती है। उत्तरी जिलों में बारिश का दबाव अपेक्षाकृत कम रहने का अनुमान है, पर बिजली-गर्जन का जोखिम वहां भी बना रह सकता है।

पानी का दबाव नदियों में भी दिख रहा है। गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है और पटना जिले के हथिदह में यह खतरे के निशान 41.76 मीटर को पार कर 42.72 मीटर तक पहुंच चुका है। मुंगेर में 39.33 मीटर के खतरे के निशान से नीचे होते हुए भी गंगा का स्तर 39.15 मीटर तक चढ़ आया है और बढ़त जारी है। इस चढ़ाव का मतलब है—निचले और नदी किनारे वाले मोहल्लों में तेजी से पानी भरना, घाटों पर फिसलन और नाव यातायात में एहतियाती रोक-टोक। प्रशासन ने बांधों और तटबंधों की निगरानी बढ़ाई है, और जहां जरूरत पड़ी है वहां रेत की बोरियों से अस्थायी सुरक्षा की व्यवस्था की जा रही है।

लगातार बारिश से कई जिलों में सामान्य जीवन प्रभावित है। कुछ जगह ग्रामीण सड़कों पर कटाव और शहरों में अंडरपास/निचले हिस्सों में जलभराव की स्थिति बनी। राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) की टीमें संवेदनशील इलाकों में तैनात हैं और राहत-बचाव की तैयारियां बढ़ाई गई हैं। बिजली व्यवस्था पर भी असर पड़ा है—तेज गर्जन-चमक के दौरान फाल्ट रोकने के लिए कुछ फीडर सावधानी से ट्रिप कराए जा रहे हैं, जिससे अस्थायी कटौती महसूस हो रही है।

दिन भर के मौसम की बात करें तो राजधानी पटना में आकाश अधिकतर समय बादलों से ढका रहेगा। कहीं-कहीं गरज के साथ बारिश की बौछारें पड़ेंगी। हवा की गति 30–40 किमी/घंटा रहने के साथ तापमान में मामूली गिरावट महसूस हो सकती है, लेकिन नमी बहुत अधिक होने के कारण उमस भारी रहेगी।

कृषि पर इसका असर मिला-जुला है। धान के लिए यह बारिश फायदेमंद है, क्योंकि खेतों में पानी भराव से रोपाई/विकास को सहारा मिलता है। लेकिन सब्जियों और दलहनों में लंबे समय तक पानी ठहरना बीमारी बढ़ा सकता है। किसानों के लिए सलाह—खेतों में अतिरिक्त पानी की निकासी के लिए मेढ़ों पर छोटे नाले खोलें, किटाणुनाशक का छिड़काव बारिश थमते ही करें और पौधों को गिरने से बचाने के लिए सहारा दें। तेज हवा वाले दौर में कटाई/गहाई टालें।

आगे क्या? मौसम केंद्र की मीडियम-रेंज गाइडेंस बताती है कि 10 सितंबर तक राज्य में सामान्य से हल्की-फुल्की बारिश का क्रम बना रहेगा, पर व्यापक भारी बारिश की संभावना कम है। बीच में 2–3 डिग्री सेल्सियस तक तापमान बढ़ सकता है, इसलिए उमस और पसीना परेशान करेंगे। यह ‘मगरमच्छ-सी’ उमस स्वास्थ्य पर बोझ डालती है—डीहाइड्रेशन और हीट-स्ट्रेस से बचने के लिए पानी, नींबू-पानी/ओआरएस और छाछ जैसे पेय साथ रखें।

बिजली-गर्जन से सुरक्षा के आसान नियम—यह बातें ध्यान रखें और घर-परिवार तक पहुंचाएं:

  • खुले मैदान, छत, पेड़ के नीचे और लोहे के खंभे/टावर से दूर रहें।
  • गर्जन सुनाई दे तो तुरंत सुरक्षित भवन/चारदीवारी वाले वाहन में जाएं; शेड/टिन-शेड सुरक्षित नहीं।
  • पानी वाले इलाकों—तालाब/नदी/नहर—से दूर रहें, मछली पकड़ने के उपकरण और छाते के धातु फ्रेम का प्रयोग न करें।
  • घर में रहें तो टीवी, राउटर, चार्जर जैसे उपकरणों के प्लग निकाल दें; बिजली के तारों को न छुएं।
  • मोबाइल नेटवर्क का इस्तेमाल सुरक्षित स्थान पर करें; बिजली चमकते समय धातु फ्रेम वाले ईयरफोन से बचें।
  • अगर बाहर फंस जाएं और आसपास कोई सुरक्षित जगह न हो, तो दोनों पैरों को साथ रखकर नीचे झुकें, जमीन पर पूरी तरह न लेटें।

शहरों में जलभराव के वक्त ये सावधानियां मदद करेंगी—अंडरपास/कम ऊंचाई वाले रास्तों से बचें, बहते पानी में वाहन न उतारें, गड्ढों की गहराई का अंदाजा लगाना मुश्किल होता है। आवश्यक हो तो रूट बदलें। दफ्तर/स्कूल जाते समय अतिरिक्त समय रखें और बच्चों को बारिश-आंधी में खुले मैदान में खेलने से रोकें।

स्वास्थ्य की बात भी जरूरी है। लू और उमस के बीच सर्द-गर्म पकड़ बना सकती है—गीले कपड़े तुरंत बदलें, फफूंदी/सीलन वाले कमरों को हवादार रखें। मच्छरों का खतरा बरसात में बढ़ता है, इसलिए घर के आसपास जमा पानी हटाएं और रात में मच्छरदानी का इस्तेमाल करें।

नीचे के इलाकों और नदी किनारे बसे बस्तियों के लिए संदेश साफ है—सूचना पर नजर रखें। स्थानीय निकायों के कंट्रोल रूम सक्रिय हैं, जरूरत पड़ने पर पंपिंग सेट लगाए जा रहे हैं। अगर पानी तेजी से बढ़े तो ऊंचे और सुरक्षित स्थानों की ओर शिफ्ट होने में देर न करें। अपने साथ जरूरी कागजात, दवाइयां, चार्जर और हल्का सूखा राशन बैग में तैयार रखें।

अभी के लिए तस्वीर यही कहती है—बरसात जारी रहेगी, पर व्यापक भारी बारिश का जोखिम सीमित दिख रहा है। असली खतरा बिजली-गर्जन और फिसलन/जलभराव से है। सावधानी, थोड़ी योजना और अपडेटेड सूचना—यही इस हफ्ते का रक्षा कवच है।

19 टिप्पणि

  • Noushad M.P

    Noushad M.P

    सितंबर 3 2025

    ये बारिश तो हर साल होती है, पर हम लोग हमेशा भूल जाते हैं कि बिजली के झटके से बचना कितना जरूरी है। मैंने अपने भाई को खुले में मोबाइल चलाते देखा था, फिर बिजली गिरी... अब वो अभी तक डर के मारे घर से बाहर नहीं निकल पाता।
    अच्छा हुआ अलर्ट आया, वरना कोई जान गंवा देता।

  • Sanjay Singhania

    Sanjay Singhania

    सितंबर 4 2025

    इस मौसमी संकट को एक अधिक जटिल जलवायविक असंगति के रूप में देखा जा सकता है, जिसमें बंगाल की खाड़ी के नमी फ्लो और हिमालयी वायु दबाव के बीच एक गैर-रेखीय डायनामिक्स शामिल है।
    बिजली के आवेगों की आवृत्ति में वृद्धि, लघु-स्तरीय उत्थान और उच्च नमी घनत्व के संयोजन के कारण हो रही है।
    इसका अर्थ है कि हमें बस बारिश के बारे में नहीं, बल्कि एटमॉस्फेरिक एनर्जी ट्रांसफर के बारे में सोचना चाहिए।
    प्रशासन अभी भी टेक्नोलॉजी-आधारित वॉर्निंग सिस्टम्स के बजाय लोकल अलर्ट्स पर निर्भर है।

  • Raghunath Daphale

    Raghunath Daphale

    सितंबर 5 2025

    अरे भाई ये सब तो बस बिहार की आदत है 😅
    हर साल बारिश होती है, हर साल गंगा फूलती है, हर साल बिजली जाती है, हर साल लोग भूल जाते हैं कि छाता लेकर घर से बाहर निकलना है।
    अब तो लोगों को बिजली गिरने की चेतावनी देनी पड़ रही है? अरे भाई, बिजली गिरती है तो भाग जाओ, खड़े रहो मत! 😂
    पढ़-लिखे लोग भी खुले में फोन चलाते हैं। ये देश क्या है बताओ?

  • Renu Madasseri

    Renu Madasseri

    सितंबर 7 2025

    बहुत अच्छा अलर्ट है, और इसमें जो सुरक्षा टिप्स दिए गए हैं, वो बहुत जरूरी हैं।
    मैंने अपने गांव में बच्चों को बिजली के खतरे के बारे में समझाया है, और उन्हें बताया कि अगर गर्जन सुनाई दे तो तुरंत घर में आ जाएं।
    किसानों के लिए खेतों में नाले खोलने की सलाह बहुत अच्छी है - मैंने अपने पड़ोसी को भी यही सलाह दी है।
    ये जानकारी बहुत काम आ रही है। धन्यवाद। 🙏

  • Aniket Jadhav

    Aniket Jadhav

    सितंबर 8 2025

    ये बारिश तो हर साल होती है, पर इस बार तो अलर्ट अच्छा दिया गया है।
    मैंने अपने बच्चे को घर पर रख लिया है, और उसे बताया कि बिजली चमके तो फोन बंद कर देना।
    हम लोग बस घर में बैठे हैं, चाय पी रहे हैं, और बारिश की आवाज सुन रहे हैं।
    कुछ नहीं करना है तो यही बेस्ट है। 😊

  • Anoop Joseph

    Anoop Joseph

    सितंबर 9 2025

    गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है, ये बात सच है।
    मैं इस इलाके में रहता हूं, और ये सब देख रहा हूं।
    बस इतना कहना चाहता हूं - लोग सावधान रहें।

  • Kajal Mathur

    Kajal Mathur

    सितंबर 10 2025

    मैं आश्चर्यचकित हूं कि एक राज्य जिसके लोग इतने अनपढ़ हैं, उसके लिए इतनी विस्तृत और तकनीकी जानकारी दी जा रही है।
    क्या यह वास्तव में लाभदायक होगा? या फिर यह सिर्फ एक आंकड़ों का नाटक है?
    जब तक लोग बुनियादी सावधानियां नहीं अपनाते - जैसे बिजली गिरते समय बाहर न निकलना - तब तक ये सब बस एक लिखित अभियान है।

  • rudraksh vashist

    rudraksh vashist

    सितंबर 11 2025

    मैं भी गंगा के किनारे रहता हूं, और पिछले दिनों घर के पास एक छोटा सा बाढ़ आ गया था।
    लेकिन हमने रेत की बोरियां रख दीं, और अभी तक कुछ नहीं हुआ।
    सच बताऊं तो ये अलर्ट बहुत अच्छा है - लोगों को डराने के बजाय समझाने की कोशिश की गई है।
    धन्यवाद इस जानकारी के लिए।

  • Archana Dhyani

    Archana Dhyani

    सितंबर 12 2025

    यह सब बहुत रोचक है, लेकिन मैं वास्तव में यह जानना चाहूंगी कि ये सारी जानकारी किस आधार पर दी जा रही है? क्या IMD के डेटा को किसी अंतरराष्ट्रीय अवलोकन नेटवर्क ने पुष्टि की है? या फिर यह सिर्फ एक राज्य स्तरीय रिपोर्ट है जिसे जनता को शांत करने के लिए फैलाया गया है?
    मैंने देखा है कि बिहार के कई जिलों में जलभराव के बाद भी लोगों को न तो राहत मिली और न ही कोई नियोजित योजना बनाई गई।
    क्या हम सिर्फ अलर्ट देकर ही संतुष्ट हो जाते हैं? क्या इसका मतलब है कि हम लोग अपने नागरिक अधिकारों को भूल गए हैं?
    मैं बस एक बात कहना चाहती हूं - जानकारी के बिना डर नहीं, डर के बिना जागरूकता नहीं।

  • Guru Singh

    Guru Singh

    सितंबर 14 2025

    मैं एक नदी के किनारे रहता हूं।
    पिछले तीन दिनों से बारिश के बाद घर के आसपास का मैदान नम हो गया है।
    मैंने अपने बच्चों को बाहर नहीं निकलने दिया।
    बिजली गिरने के डर से मैंने टीवी और राउटर के प्लग निकाल दिए।
    ये जानकारी बहुत काम आई।
    धन्यवाद।

  • Sahaj Meet

    Sahaj Meet

    सितंबर 15 2025

    बिहार में बारिश तो हमारी जड़ें हैं।
    हमारे गानों में बारिश है, हमारे त्योहारों में बारिश है।
    लेकिन अब तो बारिश भी बदल गई है।
    पहले बारिश आती तो खुशी होती थी, अब डर लगता है।
    हमें सीखना होगा - बारिश के साथ जीना, न कि उससे डरना।
    मैंने अपने बच्चे को बताया - बिजली चमके तो पैरों को साथ रखकर बैठ जाना, जमीन पर लेट मत जाना।
    ये जानकारी बहुत अच्छी है।
    हम लोग बदल सकते हैं।

  • Madhav Garg

    Madhav Garg

    सितंबर 15 2025

    बिजली गिरने की चेतावनी को बहुत गंभीरता से लेना चाहिए।
    इस साल बिहार में बिजली के झटके से अब तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है।
    कोई भी व्यक्ति जो खुले में मोबाइल चलाता है, वह अपनी जान जोखिम में डाल रहा है।
    हमें अपने आसपास के लोगों को भी समझाना होगा।
    ये जानकारी सिर्फ एक अलर्ट नहीं, एक बचाव का निर्देश है।

  • Sumeer Sodhi

    Sumeer Sodhi

    सितंबर 17 2025

    ये सब बस एक बड़ा धोखा है।
    क्या तुम्हें लगता है कि जब तक बिजली नहीं गिरती, तब तक लोग इस बात को गंभीरता से नहीं लेंगे?
    मैंने देखा है कि लोग बिजली गिरने के बाद भी फोन चलाते हैं।
    क्या ये देश है या एक बेवकूफों का अस्पताल?
    प्रशासन बस अलर्ट भेज रहा है, लेकिन लोगों को सिखाने की कोशिश नहीं कर रहा।
    ये नहीं चलेगा।

  • Vinay Dahiya

    Vinay Dahiya

    सितंबर 18 2025

    ये अलर्ट? बस एक फॉर्मलिटी है।
    क्या तुम्हें लगता है कि लोग बिजली के खतरे के बारे में नहीं जानते? वो जानते हैं, लेकिन उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता।
    हर साल यही चीज होती है - बारिश, बिजली, जलभराव, फिर भूल जाना।
    क्या तुम्हें लगता है कि ये राज्य के लोग जाग गए हैं?
    नहीं।
    ये लोग तो बस एक बार फिर बारिश में भीग जाएंगे, और फिर शिकायत करेंगे कि कोई नहीं बचा रहा।
    ये बस एक चक्र है।
    और तुम सब इसी चक्र में फंसे हो।

  • Sai Teja Pathivada

    Sai Teja Pathivada

    सितंबर 19 2025

    अरे भाई, ये सब बस एक बड़ा कॉन्सिरेप्सी है! 😱
    तुम्हें पता है कि ये बारिश किसके लिए हो रही है?
    ये बिजली गिरना किसके लिए है?
    मैंने सुना है - अमेरिका के एक वैज्ञानिक ने कहा है कि ये सब बारिश और बिजली गिरना एक गुप्त टेक्नोलॉजी के द्वारा नियंत्रित हो रही है।
    क्या तुम्हें पता है कि इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेव्स के जरिए बादलों को जानबूझकर बनाया जा रहा है?
    ये बिजली गिरना तो लोगों को डराने के लिए है, ताकि वो अपने फोन बंद कर दें और इंटरनेट का इस्तेमाल न करें!
    और फिर? फिर वो तुम्हारी डेटा चुरा लेंगे! 😈
    मैंने अपना फोन बंद कर दिया है, और अब मैं बिना बैटरी वाला फोन लेकर घूमता हूं।
    तुम भी ऐसा ही करो।
    ये दुनिया जानबूझकर तुम्हें नियंत्रित कर रही है।

  • Antara Anandita

    Antara Anandita

    सितंबर 20 2025

    बिजली गिरने के खतरे के बारे में जानकारी बहुत जरूरी है।
    मैंने अपने गांव के स्कूल में एक छोटा सा सत्र लगाया है - बच्चों को बताया कि बारिश में छाता कैसे लेना है, कहां नहीं खड़े होना है।
    हमने एक पोस्टर भी बनाया है - बिजली के खतरे के लिए।
    ये छोटे कदम ही बड़े बदलाव ला सकते हैं।
    धन्यवाद इस जानकारी के लिए।

  • Gaurav Singh

    Gaurav Singh

    सितंबर 21 2025

    मैंने इस अलर्ट को पढ़ा, और लगा कि किसी ने एक गांव के बुजुर्ग को बैठाकर लिखवाया है
    क्योंकि इसमें बहुत सारी बातें सही हैं - लेकिन बहुत कुछ बेकार है
    जैसे कि नाव यातायात में एहतियाती रोक-टोक - अरे भाई, वहां तो कोई नाव नहीं चलती
    और जलभराव के वक्त रूट बदलने की सलाह - तो अगर सारे रूट बंद हो गए तो क्या करें?
    मैं बस इतना कहना चाहता हूं - ये जानकारी अच्छी है, लेकिन बहुत ज्यादा लिखा हुआ है
    और कुछ बातें तो बिल्कुल असंगत हैं
    जैसे कि ओएआरएस पीने की सलाह - अरे भाई, ये तो बारिश में नहीं, गर्मी में चलती है
    अब तो मैं बस एक चीज समझ गया - ये लेखक ने अपना डायरी फेंक दिया है
    और उसे अलर्ट बना दिया है

  • Priyanshu Patel

    Priyanshu Patel

    सितंबर 21 2025

    ये बारिश तो बहुत बढ़िया है - खेतों के लिए बहुत अच्छी है।
    मैंने अपने दोस्त को बताया कि अपने खेत में नाले खोल दो।
    और घर में बच्चों को बाहर न निकलने दो।
    हमने आज बारिश में चाय पी, और बारिश की आवाज सुनी।
    ये दिन भी अच्छे लगते हैं।
    सावधानी बरतो, लेकिन डरो मत।
    हम बिहार के लोग हैं - हम बारिश से प्यार करते हैं।
    बस थोड़ा सा ध्यान रखो, और जी लो। ❤️

  • ashish bhilawekar

    ashish bhilawekar

    सितंबर 23 2025

    अरे भाई, ये बारिश तो बिहार का रक्त है! 💪
    पहले तो लोग डरते थे, अब तो ये बारिश हमारी शक्ति है!
    मैंने अपने खेत में नाले खोल दिए, और दलहन के पौधों को सहारा दे दिया।
    बिजली गिरे तो मैंने फोन बंद कर दिया - लेकिन अपने दिल में गीत गुनगुनाया!
    हमारे पास नहीं है बहुत कुछ, लेकिन हमारे पास है बारिश, हमारे पास है धूप, हमारे पास है एक दूसरे का साथ!
    ये अलर्ट नहीं, ये हमारी जीत का संदेश है!
    मैं जानता हूं - ये बारिश बाद में फसल लाएगी!
    हम बिहारी हैं - हम बारिश के साथ जीते हैं, न कि उसके खिलाफ!
    जय बिहार! 🌧️🔥

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