धनबाद के बेलगडिया शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में displaced परिवारों को लॉटरी से मिली ठेले

धनबाद के बेलगडिया शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में displaced परिवारों को लॉटरी से मिली ठेले

धनबाद के बेलगडिया शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में displaced परिवारों को लॉटरी से मिली ठेले

लॉटरी प्रक्रिया और भागीदारी

धनबाद नगर के प्रमुख पुनर्वास योजना के तहत बेलगडिया शॉपिंग कॉम्प्लेक्स के फ़ेज‑2 और फ़ेज‑3 में कुल 51 आवेदकों ने भाग लिया। हर फ़ेज में 13 दुकानें विशेष रूप से विस्थापित परिवारों के लिये अलग रखी गईं, बाकी जगहें सार्वजनिक आवेदन के आधार पर बाँटी गईं। लॉटरी का संचालन सब‑डिविजनल ऑफिसर (एस.डी.ओ.) राजेश कुमार की निगरानी में किया गया, जिससे सभी प्रक्रिया में पक्षपात न रहे।

लॉटरी में भाग लेने वाले परिवारों को आवेदन फॉर्म, पहचान प्रमाण और विस्थापन का प्रमाण देना पड़ा। दस्तावेज़ों की पारदर्शी जाँच के बाद, प्रत्येक फ़ेज के लिए अलग लॉटरी ड्रा आयोजित किया गया। ड्रा के परिणाम तुरंत ही सार्वजनिक बोर्ड पर प्रकाशित हुए, जिससे समुदाय में भरोसा बना रहा।

वसूली योजना के बड़े लक्ष्यों की ओर एक कदम

वसूली योजना के बड़े लक्ष्यों की ओर एक कदम

बेलगडिया शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, धनबाद की पुनर्वास प्रयोजन के तहत विकसित एक प्रमुख वाणिज्यिक केंद्र है। इस योजना का प्रमुख उद्देश्य विस्थापित लोगों को स्थायी आय का स्रोत देना है, ताकि वे पुनः सामाजिक-आर्थिक स्थिति में स्थापित हो सकें। पहले दो चरणों में कुल 26 दुकानें सीधे विस्थापित परिवारों को आवंटित की गईं, जिससे न केवल रोजगार मिलता है बल्कि स्थानीय व्यापारिक माहौल भी सुदृढ़ होता है।

निवेशकों और स्थानीय व्यापारियों ने भी इस पहल को सराहा। कई ने बताया कि लॉटरी के माध्यम से चयनित परिवारों में से कुछ ने पहले ही छोटे-छोटे स्टॉलों पर खुद की वस्तु बेचना शुरू कर दिया है, जिससे नज़र के सामने आर्थिक सुधार की झलक दिखती है।

  • 51 कुल आवेदक, जिनमें से 26 दुकानें विस्थापित परिवारों को सुरक्षित.
  • राजेश कुमार एस.डी.ओ. की निगरानी में सभी कदम पारदर्शी रहे.
  • फ़ेज‑2 और फ़ेज‑3 में प्रत्येक में 13-13 दुकानें आरक्षित.
  • स्थानीय बाजार में नई ऊर्जा और रोजगार के अवसर.

भविष्य में भी इस तरह की लॉटरी‑आधारित आवंटन प्रणाली को अन्य पुनर्वास प्रोजेक्ट्स में अपनाने की संभावना है। यदि इस मॉडल को सही तरीके से लागू किया जाए, तो विस्थापित समुदायों के पुनर्स्थापन में बड़ी प्रगति संभव है। प्रशासन ने कहा है कि आगे भी ऐसी ही योजनाओं के जरिए आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा दिया जाएगा।

10 टिप्पणि

  • Abdul Kareem

    Abdul Kareem

    सितंबर 24 2025

    ये लॉटरी सिस्टम असल में बहुत समझदारी से बनाया गया है। जब तक दस्तावेज़ चेक हो जाएं और ड्रा पारदर्शी हो, तब तक कोई शिकायत नहीं हो सकती।

  • indra maley

    indra maley

    सितंबर 25 2025

    इस तरह की योजनाएं बस दुकानें देने तक नहीं जातीं वो एक नए आत्मविश्वास की शुरुआत हैं जो बच्चों के भविष्य को बदल देती है

  • Kiran M S

    Kiran M S

    सितंबर 26 2025

    लॉटरी का इस्तेमाल एक आधुनिक न्याय प्रणाली के रूप में देखा जाना चाहिए जो अंधविश्वास के बजाय संरचना के साथ निष्पक्षता को प्राथमिकता देती है। ये सिर्फ एक दुकान नहीं ये एक सामाजिक अधिकार है।

  • Paresh Patel

    Paresh Patel

    सितंबर 27 2025

    मैंने देखा कि एक विस्थापित महिला ने अपनी दुकान पर घर के बने चटनी बेचना शुरू कर दिया है और अब उसका बच्चा स्कूल जा रहा है। ये वाकई जीवन बदल देता है।

  • anushka kathuria

    anushka kathuria

    सितंबर 28 2025

    प्रशासन की इस पहल की सराहना की जानी चाहिए। पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ आवंटन करने का यह एक उदाहरण है जिसे देश भर में अपनाया जाना चाहिए।

  • Noushad M.P

    Noushad M.P

    सितंबर 28 2025

    ये सब अच्छा तो है पर क्या सब आवेदक असली विस्थापित थे कोई चेक किया क्या या सिर्फ नाम डाल दिए गए थे बस

  • Sanjay Singhania

    Sanjay Singhania

    सितंबर 30 2025

    लॉटरी मॉडल एक डिमोक्रेटिक रिसोर्स अलोकेशन मैकेनिज्म है जो स्टेट के अलोकेशन फेलियर को कवर करता है और इंटरवेन्शनल इकोनॉमिक रिस्ट्रक्चरिंग को सपोर्ट करता है। ये नॉन-लिनियर सोशल एंगेजमेंट का एक उदाहरण है।

  • Raghunath Daphale

    Raghunath Daphale

    अक्तूबर 2 2025

    अरे यार ये सब फालतू बातें हैं। कितने लोगों को लॉटरी में जीतने का मौका मिला? और बाकी के लोगों का क्या? ये सब नाटक है बस 😒

  • Renu Madasseri

    Renu Madasseri

    अक्तूबर 4 2025

    मैंने एक दुकानदार से बात की जिसने लॉटरी जीती थी। उसने कहा कि अब उसकी बेटी को डॉक्टर बनने का सपना देखने में डर नहीं लगता। ये बदलाव छोटा नहीं है।

  • Aniket Jadhav

    Aniket Jadhav

    अक्तूबर 5 2025

    अच्छा हुआ इस तरह से लोगों को मौका मिला। बस अब देखना है कि दुकानें चलती हैं या नहीं।

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