धनुष की फिल्म रायन: तेलुगु मूवी रिव्यू और रेटिंग
धनुष अभिनीत तेलुगु फिल्म रायन की समीक्षा में दर्शकों और आलोचकों को मिश्रित प्रतिक्रिया मिली है। धनुष, जो अपनी बेहतरीन अभिनय के लिए जाने जाते हैं, ने इस फिल्म में भी दर्शकों को अपने प्रदर्शन से प्रभावित किया है।
फिल्म की कहानी एक सामान्य युवक की है जो एक ही रात में हीरो बन जाता है और कैसे उसे इसके परिणामों से जूझना पड़ता है। इस प्रक्रिया में उनके चरित्र की गहराईयों और उनके भावनात्मक सफर को दिखाया गया है। हालांकि, फिल्म के निर्देशन और पटकथा को लेकर समीक्षकों की राय थोड़ी मिली-जुली रही। कईयों का मानना है कि फिल्म की कहानी जरूरत से ज्यादा नाटकीय और अनुमानित है।
धनुष का बेहतरीन प्रदर्शन
धनुष ने इस फिल्म में अपने किरदार को अत्यंत संजीदगी से निभाया है। उनकी भावनाओं की अभिव्यक्ति, संवाद अदायगी और शरीर की भाषा ने पात्र में जान डाल दी। उनके अभिनय के कारण ही दर्शक फिल्म के साथ बंधे रहते हैं। उन्होंने दिखाया कि वे न केवल एक सफल नायक हैं बल्कि गहराई वाले पात्रों का भी बेहतरीन प्रदर्शन कर सकते हैं।
कहानी और निर्देशन में कमी
लेकिन, फिल्म की कहानी को लेकर काफी आलोचना हुई है। कई समालोचनाओं का मानना है कि फिल्म की पटकथा में मूलता की कमी है और इसके ज्यादातर मोड़ पहले से ही अनुमानित लगते हैं। निर्देशक ने कहानी को प्रस्तुत करने में कोई नई शैली या दृष्टिकोण नहीं अपनाया, जिससे फिल्म थोड़ी धीमी और उबाऊ हो जाती है।
संगीत और सिनेमाटोग्राफी
फिल्म का संगीत और सिनेमाटोग्राफी भी अशांतिपूर्ण और साधारण साबित हुए। संगीत और गीतों में कोई विशेष बात नहीं थी जो दर्शकों को लंबे समय तक याद रहे। सिनेमाटोग्राफी भी किसी नए दृष्टिकोण से नहीं की गई, जिससे दृश्यात्मक अनुभव सीमित रह गया।
कुल मिलाकर फिल्म की गुणता
इस प्रकार, धनुष की बेहतरीन भूमिका और उनकी ईमानदार कोशिशों के बावजूद, फिल्म 'रायन' को एक मिश्रित समीक्षा मिली है। दर्शकों की उम्मीदें पूरी नहीं हो पाई हैं और फिल्म की गुणवत्ता के चलते इसे केवल 2.5/5 सितारों की रेटिंग दी गई है।
यदि आप धनुष के प्रशंसक हैं, तो यह फिल्म उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए जरूर देखी जा सकती है, लेकिन कहानी और निर्देशन की कमी आपको निराश भी कर सकती है।
17 टिप्पणि
Madhav Garg
जुलाई 28 2024धनुष का अभिनय असली जादू है। इस फिल्म में उन्होंने जो भावनाएँ दिखाईं वो किसी ड्रामा क्लास में नहीं, बल्कि असल जिंदगी से ली गई थीं। उनकी आँखों में छिपी टेंशन, उनकी चुप्पी में छिपा दर्द-ये सब बाकी सब कुछ भूल जाने लायक है।
Sumeer Sodhi
जुलाई 28 2024ये फिल्म सिर्फ धनुष के लिए नहीं, बल्कि हर ऐसे अभिनेता के लिए एक चेतावनी है जो अपनी शक्ति का गलत इस्तेमाल करता है। एक बार अच्छा अभिनय कर लिया तो सब कुछ ठीक हो जाएगा? नहीं। पटकथा के बिना अभिनय बस एक रंगीन धुएँ का खेल है।
Vinay Dahiya
जुलाई 28 2024फिल्म का निर्देशन? बेहद बेकार। दृश्यों को देखकर लगता है, निर्देशक ने सिर्फ कैमरा चालू कर दिया और धनुष को बोल दिया-'अब तुम जो चाहो वो करो'। और फिर बस... रिलीज। संगीत? बेस्ट ऑफ धनुष के पुराने गानों का मिक्सटेप। सिनेमाटोग्राफी? जैसे किसी ने फोन से वीडियो बनाया हो।
पर अगर आप धनुष के फैन हैं, तो ये फिल्म आपको एक दिन याद रहेगी-लेकिन सिर्फ उनके अभिनय की वजह से। बाकी सब कुछ... फ्लॉप।
Sai Teja Pathivada
जुलाई 29 2024ये फिल्म बस एक बड़ा फर्ज़ी ड्रामा है जो आपको बताती है कि आप एक ही रात में हीरो बन सकते हैं... लेकिन असलियत ये है कि आपके आसपास के लोग आपको बस एक वीडियो के लिए देख रहे हैं। ये सब एक सोशल मीडिया नार्सिसिज़्म का बड़ा एलिज़ाबेथ टेंपल है। धनुष ने जो भी किया, वो सिर्फ एक एक्टर के तौर पर नहीं, बल्कि एक सामाजिक प्रतीक के तौर पर किया।
हम सब ये चाहते हैं कि कोई हमें बचा ले... लेकिन जब वो बचाता है, तो हम उसके बारे में बात करने लगते हैं। ये फिल्म हमारे अंदर के डर को दर्शाती है-कि हम असली हीरो नहीं, बस एक वीडियो के लिए तैयार हैं।
Antara Anandita
जुलाई 30 2024फिल्म का एकमात्र वास्तविक फायदा ये है कि ये दर्शकों को दिखाती है कि एक अच्छा अभिनेता कितना ज्यादा कर सकता है-भले ही स्क्रिप्ट बहुत कमजोर हो। धनुष ने एक ऐसे पात्र को जीवंत कर दिया जिसकी कहानी शायद किसी ने नहीं लिखी थी।
Gaurav Singh
जुलाई 30 2024क्या कोई ने ये देखा कि फिल्म के आखिरी 20 मिनट में धनुष का चेहरा बिल्कुल उसी तरह दिख रहा है जैसे उसने रॉकी बॉलीवुड में किया था? ये नहीं कि वो बोर हो रहा है... बल्कि निर्देशक ने उसे बोर कर दिया है।
Priyanshu Patel
अगस्त 1 2024मैंने ये फिल्म देखी और बस धनुष के चेहरे को देखते रह गया। उसकी आँखों में जो दर्द था, वो मुझे लगा जैसे वो मेरा दर्द भी दिखा रहा है। बाकी सब तो बस बैकग्राउंड है। ये फिल्म मुझे रोया नहीं... लेकिन मुझे एहसास करा दिया कि मैं अकेला नहीं हूँ। ❤️
ashish bhilawekar
अगस्त 3 2024धनुष ने इस फिल्म में जो किया वो किसी अभिनेता के लिए एक बायबल है। उसने अपने आप को तोड़ा, फिर फिर से बनाया। ये फिल्म बस एक फिल्म नहीं... ये एक आत्माका बहाव है। अगर आपने ये फिल्म नहीं देखी, तो आपने अपनी आत्मा का एक हिस्सा खो दिया है।
Vishnu Nair
अगस्त 4 2024इस फिल्म में जो निर्देशन और पटकथा की कमी है, वो एक सिस्टमिक फेलियर है-जिसमें फिल्म इंडस्ट्री के इंडस्ट्रियल इकोनॉमिक मॉडल ने एक्टिंग को कॉम्मोडिटी में बदल दिया है। धनुष के अभिनय को एक एक्सप्रेशनल एक्सपोज़र के रूप में इस्तेमाल किया गया, जबकि नैरेटिव डेवलपमेंट को डिस्काउंटेड कर दिया गया। ये फिल्म एक सामाजिक फेनोमेनॉन है जो नैरेटिव एक्सप्लॉइटेशन का उदाहरण है।
इसके बाद कोई फिल्म बनाएगी तो उसमें भी यही फॉर्मूला चलेगा-एक टैलेंटेड एक्टर, एक फ्लॉप स्क्रिप्ट, और एक रिलीज जो सिर्फ ब्रांड वैल्यू के लिए हो।
Kamal Singh
अगस्त 5 2024अगर आप धनुष को देखकर खुश हो जाते हैं, तो ये फिल्म आपके लिए है। बाकी सब कुछ बस तकनीकी बातें हैं। असली फिल्में तब बनती हैं जब दर्शक अपने दिल से जुड़ जाते हैं-और यहाँ वो हुआ है।
कहानी कमजोर है? शायद। लेकिन जब आप धनुष के चेहरे को देखते हैं, तो आप नहीं सोचते कि कहानी क्या है... आप सिर्फ ये महसूस करते हैं कि वो असली है।
Jasmeet Johal
अगस्त 7 2024ये फिल्म बहुत अच्छी है
Abdul Kareem
अगस्त 8 2024धनुष के अभिनय की बात कर रहे हो तो ठीक है। लेकिन क्या किसी ने ये देखा कि फिल्म के बीच में एक दृश्य है जहाँ एक बच्चा अपनी माँ को देखता है और फिर दूर जाता है? वो दृश्य फिल्म का असली मैसेज है-अकेलापन।
Namrata Kaur
अगस्त 10 2024धनुष अच्छा है। बाकी सब बोरिंग।
indra maley
अगस्त 11 2024क्या हम सच में एक हीरो की तलाश में हैं? या हम सिर्फ एक ऐसे चरित्र को चाहते हैं जो हमारे डर को दूर कर दे? रायन ने एक अभिनेता को दिखाया... लेकिन क्या ये फिल्म हमें अपने आप को देखने के लिए तैयार करती है?
Kiran M S
अगस्त 12 2024धनुष का अभिनय असली कला है। लेकिन इस फिल्म में वो अपने आप को एक व्यावसायिक प्रोडक्ट के रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं। ये एक भारतीय सिनेमा की विषमता है-जहाँ आत्मा की जगह ब्रांडिंग आ जाती है।
धनुष एक अभिनेता हैं... लेकिन ये फिल्म उन्हें एक स्टार बना रही है। और ये बहुत दुखद है।
Paresh Patel
अगस्त 12 2024हर फिल्म में कुछ खास होता है। यहाँ वो खास चीज धनुष हैं। उनकी आँखों में जो दर्द है, वो किसी भी स्क्रिप्ट से ज्यादा असली है। अगर आप इस फिल्म को देखकर निराश हो गए, तो शायद आप उस दर्द को नहीं देख पाए जो वो दिखा रहे हैं।
हर दर्शक के लिए एक फिल्म होती है। ये वो है।
anushka kathuria
अगस्त 14 2024धनुष के अभिनय की तारीफ करना आसान है। लेकिन एक फिल्म की गुणवत्ता का आकलन करना उसके संपूर्ण निर्माण प्रक्रिया के आधार पर होना चाहिए। यहाँ पटकथा, निर्देशन और संगीत की कमी एक गंभीर बाधा है। इसलिए 2.5/5 रेटिंग उचित है।