Asia Cup 2022: बाबर का दांव—रिज़वान-नवाज़ की साझेदारी ने भारत के खिलाफ मैच पलट दिया

Asia Cup 2022: बाबर का दांव—रिज़वान-नवाज़ की साझेदारी ने भारत के खिलाफ मैच पलट दिया

Asia Cup 2022: बाबर का दांव—रिज़वान-नवाज़ की साझेदारी ने भारत के खिलाफ मैच पलट दिया

बाबर का दांव, भारत की योजना धरी की धरी

एक छोटा सा दांव और पूरा मैच पलट गया—दुबई में हुए Asia Cup 2022 सुपर फोर क्लैश में पाकिस्तान कप्तान बाबर आज़म ने मोहम्मद नवाज़ को नंबर-4 पर प्रोमोट किया और भारत की स्पिन-रणनीति बिखर गई। 182 रन का सख्त लक्ष्य, आखिरी ओवर तक तनातनी, और अंत में पाकिस्तान की 5 विकेट से जीत—ये मुकाबला कई छोटे-छोटे फैसलों से तय हुआ।

5 सितंबर 2022 की रात, पाकिस्तान की शुरुआत डगमगाई। बाबर खुद 10 गेंद पर 14 बनाकर रवि बिश्नोई का शिकार बने। स्कोर 22/1 और दबाव साफ। ऐसे में मोहम्मद रिज़वान ने एंकर की भूमिका पकड़ी और बाएं हाथ के ऑलराउंडर मोहम्मद नवाज़ को ऊपर भेजने का फैसला खेल बदलने वाला साबित हुआ। पोस्ट-मैच में बाबर ने साफ कहा—सादगी से खेलो और मैच-अप्स पर दांव लगाओ; उन्हें अंदेशा था कि नवाज़ भारतीय लेग-स्पिन के विरुद्ध कुंजी होगा।

रिज़वान का 71 (51) और नवाज़ का 20 गेंद पर 42—यहीं से समीकरण पलटा। नवाज़ ने क्रीज पर कदम रखते ही युजवेंद्र चहल और रवि बिश्नोई पर प्रेशर बनाया, मिड-ऑन और मिड-विकेट क्षेत्रों को निशाना बनाया, और फील्ड फैलने से पहले ही रफ्तार पकड़ ली। इस तेज़ साझेदारी ने रन-रेट को 10 के ऊपर टिकाए रखा, जिससे आखिरी ओवरों में पाकिस्तान को बड़े शॉट्स के लिए घबराना नहीं पड़ा।

भारत ने इससे पहले पारी की शुरुआत में टोन सेट कर दिया था। रोहित शर्मा और केएल राहुल ने शुरुआती ओवरों में तेज़ शुरुआत दी—दोनों ने 28-28 रन बनाए और पावरप्ले खत्म होते-होते पाकिस्तान पर दबाव बना दिया। विराट कोहली ने 60 (44) की लयबद्ध पारी खेली, कुछ क्लासिक कवर-ड्राइव, रनिंग बिटवीन द विकेट्स और आखिरी ओवरों में शॉट्स—सब कुछ देखने को मिला। स्कोरबोर्ड आखिर में 181/7 पर रुका, जो दुबई की सतह पर लड़ने लायक से ज्यादा था।

पाकिस्तान के गेंदबाजों में शादाब खान ने बीच के ओवरों में लय पकड़ी, नवाज़ ने भी टाइट लाइन रखी, और हारिस रऊफ-नसीम शाह ने डेथ में मिस-हिट कराने वाले लेंथ्स दिखाए। भारत की पारी का एक पैटर्न साफ था—तेज़ शुरुआत, मिडल ओवर्स में थोड़ी रुकावट, और फिर कोहली के सहारे 180 के ऊपर का धक्का।

लेकिन टी20 में असली खेल मैच-अप्स का होता है। भारत का कॉम्बिनेशन इस मुकाबले में जडेजा की गैरहाजिरी से अलग दिखा। एक अतिरिक्त लेग-स्पिनर के साथ आईडिया था कि दाएं हाथ के पाक बल्लेबाजों पर हमला होगा। बाएं हाथ के नवाज़ को ऊपर भेजकर पाकिस्तान ने इसी स्क्रिप्ट को उधेड़ दिया। नवाज़ ने लॉन्ग-ऑन के ऊपर और मिड-विकेट के बीच, उन लेंथ्स को टारगेट किया जहां लेग-स्पिनर स्वाभाविक रूप से रिस्क लेते हैं। चहल-बिश्नोई के बीच बदलाव की रफ्तार पर भी स्ट्राइक-रोटेशन से दबाव कम हुआ।

रिज़वान की भूमिका उतनी ही अहम रही। उन्होंने पावरप्ले के बाद जोखिम सीमित रखा, सिंगल-डबल से स्कोर बढ़ाया, और जब फील्ड फैल गई तो गियर बदला। उनकी पारी का टेम्पो ऐसा था कि दूसरे छोर पर बल्लेबाज खुलकर खेल सके। यही वजह रही कि नवाज़ को 20 गेंद मिल पाईं और वे 200 के ऊपर स्ट्राइक-रेट से रन ठोक गए।

इस बीच पाकिस्तान के लिए कुछ झटके भी लगे—फखर ज़मान सस्ते में आउट हुए, और डेथ ओवर्स में भारत ने वापसी की झलक दिखाई। मगर 19वां ओवर कहानी बदल गया। भुवनेश्वर कुमार, जो आमतौर पर डेथ में मिसाल रहे हैं, उस ओवर में लंबा चले गए। नवाज़ और फिर आसिफ अली ने वही शॉट्स निकाले जिनकी भारत उम्मीद नहीं कर रहा था। यही 19 रन का बैग मैच को पाकिस्तान की तरफ धकेल गया।

आखिरी ओवर का थ्रिल, छूटी कैच और कप्तानी की क्लास

20वां ओवर भी किसी रोलर-कोस्टर से कम नहीं था। आर्शदीप सिंह को जिम्मा मिला। पहली कुछ गेंदों पर यॉर्कर मिस-हिट हुए, एक विकेट गिरा—आसिफ अली 16 (7) पर आउट हुए—और फिर आखिरी दो गेंद पर पाकिस्तान को दो रन चाहिए थे। इफ्तिखार अहमद ने कूल दिमाग से काम लिया और स्कोर पार करा दिया।

मुकाबले में एक और बड़ा मोमेंट 18वें ओवर में आया, जब रवि बिश्नोई की गेंद पर शॉर्ट थर्ड-मैन के पास एक कैच छूटा। वो मौका अगर पकड़ा जाता, समीकरण बदल सकता था। इस तरह की छोटी खामियां हाई-प्रेशर गेम्स में बहुत महंगी पड़ती हैं।

बाबर की कप्तानी यहां पढ़नी पड़ती है। उन्होंने बॉलिंग-चेंजेज को हालात के मुताबिक घुमाया, पावरप्ले में तेज गेंदबाजों से शुरू करके मिडल ओवर्स में स्पिन से गेम काबू में रखा, और बैटिंग में प्रोटोकॉल तोड़कर नवाज़ को ऊपर भेजा। यही लचीलापन बड़े नॉकआउट जैसे खेलों में टीम को शेल्फ से उठाकर मैदान पर विजेता बनाने का काम करता है।

भारत की तरफ देखें तो कुछ फैसले डिबेट में रहे—दिनेश कार्तिक की जगह ऋषभ पंत, दो लेग-स्पिनर के साथ जाना, और डेथ ओवर्स की जिम्मेदारी का बंटवारा। भुवी आमतौर पर 19वां ओवर टिकाते हैं, इस रात उनकी लेंथ्स नवाज़-आसिफ के हिट-ज़ोन में आ गईं। हार्दिक पंड्या, जो ग्रुप चरण के मुकाबले में पाकिस्तान पर छाए थे, इस मैच में बल्ले-बॉल से प्रभाव नहीं छोड़ पाए। यह भी फर्क का कारक बना।

मैच के बाद का संदेश साफ था—टी20 में टेम्पलेट से ज्यादा मायने रखता है समय पर लिया गया बहादुर फैसला। नवाज़ का नंबर-4 पर आना केवल एक प्रमोशन नहीं था; यह भारतीय लेग-स्पिन के खिलाफ एक सोचा-समझा काउंटर था। उधर रिज़वान ने दिखाया कि एंकर और एक्सीलेरेटर एक ही पारी में बनना संभव है।

टूर्नामेंट संदर्भ में यह जीत पाकिस्तान के लिए बड़ी थी। सुपर फोर में भारत-पाकिस्तान मैच अक्सर टूर्नामेंट की दिशा तय करते हैं। इस नतीजे ने पाकिस्तान के लिए फाइनल के दरवाजे खोले और ड्रेसिंग रूम में वह भरोसा भरा जिसकी जरूरत बड़े स्टेज पर होती है।

थोड़ा सा आंकड़ों का स्नैपशॉट भी देख लें:

  • भारत: 181/7 (विराट कोहली 60, रोहित शर्मा 28, केएल राहुल 28)
  • पाकिस्तान: 182/5, लक्ष्य 182, 1 गेंद बाकी
  • पाकिस्तान के टॉप परफॉर्मर: मोहम्मद रिज़वान 71 (51), मोहम्मद नवाज़ 42 (20)
  • आखिरी ओवर: आर्शदीप सिंह ने विकेट लिया, पर इफ्तिखार अहमद ने दो रन लेकर मैच खत्म किया

भारत-पाकिस्तान की टक्कर हमेशा भावनाओं से भरपूर होती है, पर इस रात क्रिकेटिंग समझ ने बाजी मारी। बाबर की सूझ-बूझ, नवाज़ की हिम्मत और रिज़वान की स्थिरता—इन्हीं तीन बातों ने एक और क्लासिक चेज़ लिखा। अगली बार दोनों टीमें आमने-सामने होंगी, तो आप मानकर चलिए—मैच-अप्स की यह शतरंज और भी धारदार होने वाली है।

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