Moody’s ने Yes Bank की रेटिंग बढ़ाई, शेयरों पर असर
जब Yes Bank Limited को Moody’s ने अपनी दीर्घकालिक विदेशी व घरेलू मुद्रा जमा रेटिंग Ba3 से Ba2 तक बढ़ाया, तो इस परिवर्तन के पीछे की वजहें तुरंत दिलचस्प बन गईं। रेटिंग अपग्रेड 13 जून 2025 को घोषित हुआ, और उसी दिन बैंक के शेयरों में हल्की गिरावट दर्ज हुई, जिससे निवेशकों को नई दिशा‑निर्देश मिली। इस निर्णय ने भारतीय वित्तीय बाजार में ‘विश्वास की पुनर्निर्माण’ की लहर पैदा की है।
रेटिंग उन्नयन की पृष्ठभूमि
Moody’s ने अपनी आधिकारिक घोषणा में बताया कि यह उन्नयन Moody's की व्यापक समीक्षा के बाद आया, जहाँ बैंक की पूँजी पर्याप्तता, नुकसान असहिष्णु बफर, तथा अस्सेट क्वालिटी में सुधार प्रमुख कारण थे। “दोनों रूढ़िवादी बफर और सुधरे हुए प्रॉफिटेबिलिटी मीट्रिक ने इस रेटिंग उन्नयन को संभव किया है,” Moody’s ने कहा।
मुख्य कारण और आँकड़े
- कुल नॉन‑परफ़ॉर्मिंग लोन (NPL) अनुपात 31 मार्च 2025 को 1.6% तक गिरा, जबकि 31 मार्च 2022 को यह 13.9% था।
- प्राविज़न कवरेज 71% से बढ़कर 80% हो गया, जिससे बुरे कर्जों के खिलाफ सुरक्षा मजबूत हुई।
- सेप्टेम्बर 2025 तक ऋण वर्ज़न ₹2,504.68 अरब (≈ ₹2.5 ट्रिलियन) तक पहुँचा, जो पिछले वर्ष की तुलना में 6.5% की सालाना वृद्धि दर्शाता है।
इन आँकड़ों ने बतलाया कि बैंक ने 2020 के पुनर्गठन के बाद से धीरे‑धीरे अपना वित्तीय स्वास्थ्य सुधारा है।
बैंक की मौजूदा जोखिम प्रोफ़ाइल
हालाँकि सुधार स्पष्ट हैं, Moody’s ने यह भी चेतावनी दी कि Yes Bank अभी भी ‘अनसीज़न्ड रिस्क’ से अलग नहीं हो सकता। इस जोखिम का मुख्य स्रोत है रिटेल और छोटे‑मध्यम उद्यम (SME) क्षेत्रों में तेज़ी से विस्तार। तीसरे‑पक्षीय लेंडिंग स्रोतों पर बढ़ती निर्भरता और उच्च‑जोखिम वाले रिटेल लोन पोर्टफ़ोलियो को भी ध्यान में रखा गया है।
इसी दौरान Sumitomo Mitsui Banking Corporation (SMBC) ने RBI की मंजूरी के बाद 24.22% शेयरों का अधिग्रहण पूरा किया, जिससे वह भारत के निजी‑सेक्ट्री बैंक में सबसे बड़ा विदेशी निवेशक बन गया। इस कदम ने बैंकर के बैलेंस शीट को स्थिर करने में मदद की, पर साथ ही नई जोखिम प्रबंधन चुनौतियों को भी उजागर किया।
प्रबंधन और नियामक प्रतिक्रिया
Prashant Kumar, Managing Director और CEO का कार्यकाल अक्टूबर 2025 में समाप्त होने वाला था, पर RBI ने उन्हें अक्टूबर 2025 से अप्रैल 2026 तक, यानी छह महीने की अतिरिक्त अवधि, का विस्तार दिया। यह विस्तार बैंक की स्थिरता को पहले से जारी रखने के लिए एक रणनीतिक कदम माना गया।
इसी अवधि में Reserve Bank of India ने बैंकों के पुनर्गठन में अपने समर्थन को दोहराया, जिससे वित्तीय प्रणाली में विश्वास वापस आया।

निवेशकों और बाजार की प्रतिक्रिया
Moody’s के अपग्रेड के बाद बँक के शेयर BSE पर ₹20.16 पर बंद हुए, जो एक हल्की कमी (‑1.3%) को दर्शाते हैं, जबकि व्यापक संकेतक Sensex ने 0.7% गिरावट दिखायी। विशेषज्ञों ने कहा कि यह शुरुआती प्रतिक्रिया ‘अपेक्षित हिचकी’ है, पर दीर्घकालिक रूप से रेटिंग वृद्धि से बैंक की लागत‑ऑफ़‑फ़ंडिंग में सुधार और शेयर मूल्य में स्थिरता आ सकती है।
ICRA Limited ने भी जुलाई 2025 में Yes Bank की रेटिंग को उन्नत किया, और कहा कि “लोन बुक का मिश्रण सुधर रहा है और तनावग्रस्त एसेट पूल में निरंतर कमी देखी जा रही है।” इससे बाजार में सकारात्मक भावना बनी रहती है।
भविष्य की संभावनाएँ और चुनौतियाँ
आगामी महीनों में बँक को दो प्रमुख मोड़ का सामना करना पड़ेगा: एक ओर, SMBC का बड़ा हिस्सेदारी निवेश बैंकों की पूँजी क्षमता को बढ़ाएगा; दूसरी ओर, तेज़ रिटेल विस्तार से जुड़ी ‘अनसाइज़्ड रिस्क’ को नियंत्रित करने की आवश्यकता है। यदि बैंक अपने लोन पोर्टफ़ोलियो में गुणवत्ता को बनाए रखता है और लागत‑ऑफ़‑फ़ंडिंग में सुधार करता है, तो यह रेटिंग अपग्रेड को आगे भी स्थायी बना सकता है।
अंत में कहा जा सकता है कि Moody’s की यह रेटिंग सुधार येस बैंक के पुनर्स्थापना की कहानी को एक नई दिशा देता है, और भारतीय बैंकिंग क्षेत्र के आगे के विकास में एक महत्वपूर्ण संकेतक बनकर उभरा है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
Moody’s ने Yes Bank की रेटिंग क्यों बढ़ाई?
Moody’s ने बताया कि बँक के पूँजी बफ़र मजबूत हुए, NPL अनुपात 13.9% से घटकर 1.6% रहा, और प्राविज़न कवरेज 71% से 80% बढ़ा। इन सुधारों ने बँक की क्रेडिट प्रोफ़ाइल को धीरे‑धीरे बेहतर बनाया, जिससे Ba3 से Ba2 तक अपग्रेड हुआ।
क्या इस रेटिंग उन्नयन से शेयरधारकों को लाभ होगा?
शुरुआती दौर में शेयर कीमत में थोड़ी गिरावट देखी गई, पर लंबी अवधि में रेटिंग सुधार से बँक की फंडिंग लागत कम होनी और लाभ मार्जिन में स्थिरता आनी अपेक्षित है, जिससे शेयरधारकों को लाभ मिल सकता है।
Sumitomo Mitsui Banking Corporation का Yes Bank में stake क्या मायने रखता है?
SMBC ने 24.22% शेयर खरीदे, जिससे वह बँक का सबसे बड़ा विदेशी शेयरधारक बन गया। यह पूँजी प्रवाह बँक के बैलेंस शीट को सुदृढ़ करता है, पर साथ ही अंतरराष्ट्रीय नियमन और जोखिम प्रबंधन का दबाव भी बढ़ाता है।
RBI ने Prashant Kumar को आगे क्यों रखा?
RBI ने कहा कि मौजूदा नेतृत्व बँक की पुनर्स्थापना में महत्वपूर्ण रहा है, और संक्रमण अवधि में स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए उनके कार्यकाल को छह महीने का विस्तार किया गया। यह बँक के संचालन में निरंतरता बनाए रखने का कदम है।
भविष्य में Yes Bank किन जोखिमों का सामना कर सकता है?
बँक का सबसे बड़ा जोखिम रिटेल व SME लोन में तेज़ विस्तार, उच्च‑जोखिम वाले पोर्टफ़ोलियो और थर्ड‑पार्टी लेंडिंग स्रोतों पर निर्भरता है। इन क्षेत्रों में गुणवत्ता बनाए रखने के लिए कड़े जोखिम प्रबंधन उपाय आवश्यक होंगे।
1 टिप्पणि
Harshada Warrier
अक्तूबर 11 2025ये रेटिंग उन्नयन के पीछे बड़ी झाँझी पई जाती है।