नवीकरणीय ऊर्जा क्या है और क्यों ज़रूरी?
अगर आप सोच रहे हैं कि नवीकरणीय ऊर्जा सिर्फ बड़े प्लांट्स के लिए है, तो आप ठीक नहीं हैं। असल में सौर पैनल, पवन टरबाइन, छोटे जल विकास जैसे विकल्प हमारे रोज़मर्रा की ज़िन्दगी में भी काम आएँगे। वो ऊर्जा बचाती है, बिल कम करती है और हवा‑पानी को साफ़ रखती है।
भारत में सबसे पॉपुलर नवीकरणीय स्रोत
सौर ऊर्जा भारत में सबसे तेज़ी से बढ़ रही है। छतों पर सोलर पैनल लगवाने से आप सीधे बिजली बना सकते हैं और बची हुई बिजली ग्रिड को बेच भी सकते हैं। पवन ऊर्जा भी बढ़ रही है, खासकर राजस्थान और गुजरात में फॉर्मर और टर्बाइन स्थापित हो रहे हैं। छोटा‑बड़ी जलविद्युत भी कई पहाड़ी जिले में काम कर रहा है जहाँ नदी के बहाव से बिजली बनती है। ये तीनों स्रोत मिलकर राष्ट्रीय ग्रिड को स्थिर रखते हैं।
घर में नवीकरणीय ऊर्जा कैसे अपनाएँ?
सबसे आसान तरीका है छत पर सोलर पैनल लगवाना। सरकारी योजनाएँ जैसे किफ़ायती सोलर पावर किट और टैक्स छूट आपको खर्चे में मदद करती हैं। अगर आपके पास पर्याप्त भूमि है, तो छोटा पवन टरबाइन भी लगवाया जा सकता है—इसे खुद की जरूरत या पड़ोसियों के साथ शेयर किया जा सकता है। जल ऊर्जा के लिए बहुतेरे ग्रामीण इलाकों में छोटे पंप और टर्बाइन उपलब्ध होते हैं, जो खेती या घर के पानी के लिए उपयोगी होते हैं।
ध्यान रखने वाली बात यह है कि इंस्टालेशन के बाद नियमित रख‑रखाव ज़रूरी है। पैनल को साफ़ रखें, टरबाइन के ब्लेड को जांचते रहें, और जल टरबाइन के मशीन्स को समय‑समय पर सर्विस कराएँ। इससे लाइफ़ टाइम बढ़ेगा और ऊर्जा उत्पादन स्थिर रहेगी।
भारत की सरकार भी कई प्रोग्राम चला रही है—जैसे नेशनल सोलर मिशन, वाद्य मानक (विंड) पालिसी, और जल शक्ति योजना। इनसे न केवल औद्योगिक स्तर पर नई पावर प्लांट बन रही हैं, बल्कि छोटे‑छोटे व्यवसायों को भी सपोर्ट मिल रहा है। अगर आप किसी स्टार्ट‑अप या छोटे उद्योग चलाते हैं, तो इन स्कीम्स से फंडिंग और तकनीकी मदद ले सकते हैं।
नवीकरणीय ऊर्जा अपनाने से आपके बिजली बिल में काफी कटौती हो सकती है। कई घरों ने बताया कि सोलर पैनल लगवाने के बाद उनका बिल 60‑70% तक घट गया। साथ ही, आप पर्यावरण को भी बचा रहे हैं—कोयला और पेट्रोलियम पर निर्भरता कम होती है, जिससे हवा में प्रदूषक घटते हैं।
तो, अब देर न करें। चाहे आप एक गृहस्वामी हों, किसान, या छोटे उद्योग के मालिक, नवीकरणीय ऊर्जा आपके पास कई विकल्प लेकर आती है। सही जानकारी और सरकारी सहायता से आप इस बदलाव का हिस्सा बन सकते हैं और अपने भविष्य को साफ़ बना सकते हैं।
भारत 50 लाख रूफटॉप सोलर सिस्टम के माइलस्टोन के करीब है। ऊर्जा मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बताया कि 20 लाख घरों में सिस्टम लग चुके हैं और 30 लाख जल्द जुड़ेंगे। फरवरी 2024 में शुरू हुई योजना का लक्ष्य 2027 तक 1 करोड़ घरों को सोलराइज करना है। गुजरात और महाराष्ट्र तेजी से आगे हैं। देश की कुल सौर क्षमता 119.02 GW तक पहुंच गई है और घरेलू मैन्युफैक्चरिंग भी दोगुनी हुई है।
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