भारत का 76वां गणतंत्र दिवस: दिल्ली के कर्तव्य पथ पर भव्य परेड में सैन्य शौर्य और सांस्कृतिक विविधता की झलक

भारत का 76वां गणतंत्र दिवस: दिल्ली के कर्तव्य पथ पर भव्य परेड में सैन्य शौर्य और सांस्कृतिक विविधता की झलक

भारत का 76वां गणतंत्र दिवस: दिल्ली के कर्तव्य पथ पर भव्य परेड में सैन्य शौर्य और सांस्कृतिक विविधता की झलक

भारत की स्वतंत्रता की अद्वितीय यात्रा

हर साल 26 जनवरी को भारत अपनी स्वतंत्रता और लोकतंत्र के आदर्शों को याद करते हुए गणतंत्र दिवस का समारोह मनाता है। इस वर्ष 2023 में, यह 76वां गणतंत्र दिवस नई दिल्ली के प्रतिष्ठित कर्तव्य पथ पर आयोजित किया गया, जो भारतीय गणराज्य के गौरव का प्रतीक है। भारतीय सेना की ताकत और सांस्कृतिक विरासत की भव्यता का प्रदर्शन करने वाली इस परेड में एक अद्वितीय जोश और गर्व का माहौल था।

अतिथि और प्रमुख व्यक्तित्व

इस वर्ष की परेड ने महत्वपूर्ण राजनीतिक और सामाजिक व्यक्तित्व के बीच ध्यान आकर्षित किया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसे उच्च पदाधिकारियों के साथ आयोजन स्थल पर इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियान्तो की उपस्थिति विशेष रूप से उल्लेखनीय थी। चीफ गेस्ट के रूप में उनका स्वागत शाही बग्गी में किया गया जिसकी रक्षा राष्ट्रपति बॉडीगार्ड ने की। यह एक गर्व की बात है कि इस आयोजन को विश्व भर में एक प्रतिष्ठित अवसर के रूप में पहचाना जाता है।

सैन्य शक्ति का प्रदर्शन

परेड में भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना की संयुक्त शक्ति को प्रदर्शित करने वाले 'शशक्त और सुरक्षित भारत' थीम पर एक त्रिसेवा तालमेल प्रस्तुत किया गया। इसमें अर्जुन बैटल टैंक, तेजस लड़ाकू विमान और उन्नत लाइट हेलिकॉप्टर जैसे स्वदेशी हथियार प्रणालियों का प्रदर्शन किया गया। भारतीय नौसेना की टुकड़ी ने आत्मनिर्भर भारत थीम के तहत नवीनतम आयुध युक्त युद्धपोत जैसे INS सूरत, INS नीलगिरि और INS वाघशीर को प्रदर्शित किया।

संस्कृति और परंपरा की विविधता

इस गणतंत्र दिवस का एक अन्य आकर्षक पहलू सांस्कृतिक विरासत का प्रदर्शन था। भारत के विभिन्न कोने से आए 5,000 से अधिक मेल, लोक और जनजातीय कलाकारों ने आकर्षक नृत्य प्रस्तुत किया। ये कलाकार अपनी परंपरा और संस्कृति को प्रस्तुत करते हुए कर्तव्य पथ पर नृत्य किया, जिसने देश की सांस्कृतिक विविधता की झलक प्रस्तुत की।

महिलाओं की सशक्त प्रस्तुति

इस वर्ष परेड में महिलाओं की समान भागीदारी को भी नई ऊँचाईयों पर ले गया। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की 148-महिला सदस्यीय टुकड़ी, जिसका नेतृत्व सहायक कमांडेंट अश्विर्या जॉय एम. कर रहे थे, परेड का मुख्य आकर्षण था। इस कदम ने देश में महिलाओं की बढ़ती भूमिका को भी विशेष महत्व में रखा।

अंतिम उड़ान का शानदार प्रदर्शन

इस भव्य आयोजन का समापन एक अद्वितीय हवाई प्रदर्शन से हुआ। भारतीय वायु सेना की टुकड़ी ने 'बाज़ फॉर्मेशन' में मिग-29 विमानों के साथ एक अद्भुत प्रदर्शन किया, जिसे हज़ारों दर्शकों ने देखा। इस परेड को राष्ट्रीय टीवी पर प्रसारित किया गया, जिसे करोड़ों ने लाइव का आनंद लिया।

7 टिप्पणि

  • Vishnu Nair

    Vishnu Nair

    जनवरी 28 2025

    ये सब परेडें तो बस एक डिज़ाइन किया गया प्रोपेगंडा है जो लोगों को भ्रमित करता है कि भारत अभी भी एक शक्तिशाली राष्ट्र है। असल में हमारी सेना के पास बहुत कम असली तकनीक है, और जो है वो भी चीन और रूस से आयात की गई है। तेजस विमान? वो तो एक बड़ा बजट भोज है जिसमें डिफेंस लॉबीज़ ने अपना लाभ निकाल लिया। और ये सारे नृत्य? बस एक धोखा है जिससे हम अपनी आर्थिक विफलताओं को भूल जाते हैं। ये सब नेता बस अपनी तस्वीरें खींचवाने के लिए इकट्ठे होते हैं।

  • Kamal Singh

    Kamal Singh

    जनवरी 29 2025

    मैंने इस साल की परेड लाइव देखी और दिल भर गया। वो तेजस विमान जो आकाश में घूम रहा था - वो सिर्फ एक मशीन नहीं, एक अहंकार था। हर एक नृत्य, हर एक युद्धपोत, हर एक बैटल टैंक - ये सब भारत के उन अज्ञात इंजीनियर्स, किसानों, और शिल्पकारों की कहानी हैं जिन्होंने कभी अपना नाम नहीं लिखा। और वो CRPF की महिला टुकड़ी? बस एक शब्द - अद्भुत। जब तक हम इन छोटी-छोटी बातों को नहीं देखेंगे, हम अपने देश को नहीं जान पाएंगे।

  • Jasmeet Johal

    Jasmeet Johal

    जनवरी 31 2025

    परेड बकवास ये सब दिखावा नेता बस अपनी फोटो लेना चाहते हैं

  • Abdul Kareem

    Abdul Kareem

    जनवरी 31 2025

    मैंने देखा कि आजकल लोग इस परेड को बहुत ज्यादा भावनात्मक रूप से लेते हैं। लेकिन क्या ये वाकई हमारी राष्ट्रीय पहचान का हिस्सा है या सिर्फ एक राजनीतिक स्टेज पर नाटक? क्या हम इस तरह के प्रदर्शनों को बरकरार रखने के लिए उतना ही खर्च करते हैं जितना हम स्कूलों और अस्पतालों पर करते हैं? मैं आदर करता हूं लेकिन सवाल पूछना भी जरूरी है।

  • Namrata Kaur

    Namrata Kaur

    फ़रवरी 1 2025

    वाह ये महिला कॉन्फ्रेंस वाली टुकड़ी बहुत अच्छी लगी। सच में गर्व हुआ।

  • indra maley

    indra maley

    फ़रवरी 1 2025

    इस दिन के बाद जब घर जाकर चाय पी रहा था तो लगा जैसे एक गहरी खाई के बीच एक फूल खिल गया हो। ये परेड नहीं बल्कि उस फूल की खुशबू है जो हमें याद दिलाती है कि भारत अभी भी सपने देख सकता है। अगर हम इस खुशबू को नहीं सूंघेंगे तो फिर क्या बचेगा?

  • Kiran M S

    Kiran M S

    फ़रवरी 2 2025

    अरे यार, ये सब तो बस एक फॉर्मलिटी है। जब तक हम अपने जीवन में वो गहराई नहीं लाएंगे जो भारत के दर्शन और इतिहास में छिपी है, तब तक ये परेडें सिर्फ एक शो हैं। तेजस विमान? बहुत अच्छा। लेकिन क्या तुमने कभी सोचा कि वो विमान बनाने वाले इंजीनियर अपने बच्चों को खाना कैसे देते हैं? ये सब ज्ञान और शक्ति तो बस एक वर्ग के हाथ में है। और हम सब इसके लिए तालियां बजा रहे हैं। ये तो एक नए तरह का राष्ट्रीय दुख है।

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