Google का 27वाँ जन्मदिन: छोटे गैरेज से विश्व टैक दिग्गज तक
स्मरणीय डूडल और जन्मदिन की तैयारियाँ
जब 27 सितंबर को कई लोग अपने जन्मदिन के केक काटते हैं, तब Google ने अपने 27वें जन्मदिन का जश्न एक खास डूडल के साथ मनाया। इस खास डूडल में 1998 के मूल लोगो को फिर से दिखाया गया, जो असल में रुथ केडर द्वारा बनाई गई थी। इस लोगो को देख कर कईयों को याद आया कि कैसे एक छोटे गैरेज में शुरू हुई यह कहानी आज एक वैश्विक प्रौद्योगिकी साम्राज्य बन गई है।
दिलचस्प बात यह है कि कंपनी आधिकारिक तौर पर 4 सितंबर 1998 को पंजीकृत हुई थी, लेकिन हर साल 27 सितंबर को ही अपना ‘जन्मदिन’ मनाती है। यह परंपरा अब 27 साल पुरानी हो गई है, और हर साल यह दिन कंपनी के लिए एक आत्म‑निरीक्षण का मौका बन जाता है—अतीत की उपलब्धियों को याद करने और भविष्य की दिशा तय करने का।
बेंगलुरु से लेकर विश्वभर तक: जश्न के मोड़
डूडल के अलावा, दुनिया भर के Google ऑफिसों में भी लहरदार उत्सव हुए। भारत में बेंगलुरु के कैंपस में कर्मचारियों ने रिवर्स-आइडिया सत्र और हाथ‑से‑हाथ कार्यक्रम आयोजित किए। कई टीमों ने अपने प्रोजेक्ट्स, नई एआई पहल और क्लाउड सेवाओं की झलकियों को साझा किया। ऐसा माहौल था जैसे कंपनी ने अपने संस्थापक लैरी पेज और सर्गेई ब्रिन के सपनों को फिर से जी रहा हो।
रुथ केडर की कहानी भी इस जश्न का अहम भाग रही। उन्होंने गूगल का पहला लोगो, जो सफेद फ़ॉन्ट में ‘Google’ लिखा था, तैयार किया और यह पहचान आज भी कंपनी की पहचान बना हुआ है। इसपर प्रकाश डालते हुए कई सत्रों में उनके डिज़ाइन विचारों और ब्रांडिंग की यात्रा के बारे में बताया गया।
कंपनी ने यह भी रेखांकित किया कि अब तक उन्होंने केवल सर्च इंजन ही नहीं, बल्कि विज्ञापन प्लेटफ़ॉर्म, क्लाउड सेवाएँ, एआई मॉडल, यू‑ट्यूब और कई अन्य क्षेत्रों में अपनी पैठ बना ली है। लगभग हर दिन लाखों लोग गूगल की सेवाओं का इस्तेमाल करके जानकारी खोजते हैं, इसलिए इस मंच पर कंपनी ने एक बार फिर अपने मूल मिशन—‘दुनिया की जानकारी को व्यवस्थित करना और सभी के लिए सुलभ बनाना’—को दोहराया।
भविष्य की बात करें तो गूगल लगातार नई तकनीकों में निवेश कर रहा है। क्वांटम कंप्यूटिंग, स्वास्थ्य‑तकनीक और स्वायत्त वाहन जैसी दिशा‑निर्देशों पर काम चल रहा है। इस जश्न में यह संकेत मिला कि 28वें साल में कंपनी इन क्षेत्रों में और अधिक प्रगति करने का लक्ष्य रखती है।
इस प्रकार, 27वें जन्मदिन ने न केवल एक स्मृति‑सत्र को दर्शाया, बल्कि यह भी बताया कि कैसे एक छोटा प्रोजेक्ट समय के साथ विश्व के डिजिटल परिदृश्य को बदल सकता है।
13 टिप्पणि
Priyanshu Patel
सितंबर 29 2025ये डूडल देखकर लगा जैसे किसी ने मेरे बचपन का एक पुराना फोटो निकाल दिया हो। अब तो हर चीज़ गूगल पर है पर वो छोटे से गैरेज की याद अभी भी दिल को छू जाती है।
Gaurav Singh
सितंबर 30 202527 साल में एक गैरेज से दुनिया का सबसे बड़ा डिजिटल राज्य बन गया और अब ये बता रहा है कि जानकारी को व्यवस्थित करना है ना कि बेचना लेकिन अगर ये एआई और डेटा को अपने लिए रख ले तो शायद ये राज्य बन जाएगा एक नए तरह का अधिकार जिसका अंत नहीं होगा
ashish bhilawekar
अक्तूबर 2 2025ओये भाई ये गूगल तो अब बस इतना ही नहीं बल्कि तेरी चाय का बर्तन भी बता देता है कि तू कब खाली करेगा और अगर तू रात को 2 बजे गूगल पर लिखेगा कि मैं अकेला हूँ तो वो तुझे एक नई एआई दोस्त भेज देगा और तू उससे बात करके रो जाएगा
Vishnu Nair
अक्तूबर 4 2025क्या आपने कभी सोचा है कि गूगल के डूडल्स के पीछे एक गुप्त एल्गोरिथ्म है जो तुम्हारे ब्राउज़िंग हिस्ट्री के आधार पर तुम्हारी संस्कृति और भावनाओं को एन्क्रिप्ट करके एक नए फॉर्मेट में रिप्रेजेंट करता है और फिर उसे डूडल के रूप में तुम्हें दिखाता है जैसे कि ये एक डिजिटल रूपांतरण है जो तुम्हारे अवचेतन को समझता है और उसे एक रंगीन आइकन में बदल देता है जिसका अर्थ तुम्हें पता नहीं लेकिन तुम उसे पसंद कर लेते हो क्योंकि तुम्हारा दिमाग उसे बहुत अच्छा लगता है
Kamal Singh
अक्तूबर 4 2025रुथ केडर के बिना गूगल का लोगो क्या होता? एक औसत स्क्रिप्ट फ़ॉन्ट। लेकिन उन्होंने बस एक छोटी सी गलती की थी-एक एक्स्ट्रा ‘L’ डाल दिया और दुनिया ने उसे प्यार कर लिया। कभी-कभी बड़ी चीजें छोटी गलतियों से शुरू होती हैं।
Jasmeet Johal
अक्तूबर 5 202527 साल का जश्न और अभी तक गूगल एड्स के बिना कुछ नहीं चलता तो जश्न क्या है जब तुम्हारी जानकारी बेची जा रही हो
Abdul Kareem
अक्तूबर 6 2025मैंने देखा कि गूगल ने अपने डूडल के लिए एक नया फ़ॉन्ट इस्तेमाल किया है। ये वास्तव में अलग है। ये लोगो अब ज्यादा नरम लगता है। ये बदलाव जानबूझकर किया गया है या बस एक अपडेट?
Namrata Kaur
अक्तूबर 6 2025गूगल का लोगो बहुत सुंदर है। बस इतना ही।
indra maley
अक्तूबर 8 2025जब एक छोटा सा सपना बड़े समय के साथ बदल जाता है तो क्या वो अभी भी उसी सपने का हिस्सा है या फिर वो एक नया सपना बन गया है जिसे अब कोई नहीं जानता कि उसकी शुरुआत कहाँ से हुई थी
Kiran M S
अक्तूबर 9 2025अगर गूगल वास्तव में दुनिया की जानकारी को व्यवस्थित करना चाहता है तो फिर ये क्यों नहीं करता कि जो लोग गूगल पर अपने विचार लिखते हैं उन्हें एक अलग अलग रैंक दे दे जैसे फ़िल्टर कर दे जो जानकारी सच है और जो बकवास है और फिर वो जो बकवास लिखते हैं उन्हें एक नए डूडल के रूप में दिखाएं जिसमें वो खुद के चेहरे के साथ बेकार की बातें कर रहे हों
Paresh Patel
अक्तूबर 10 2025इस डूडल ने मुझे याद दिलाया कि हम सब एक छोटे से विचार से शुरू करते हैं और अगर हम डर के बजाय जिज्ञासा से चलें तो शायद हम भी किसी के लिए एक डूडल बन जाएं। ये बहुत खूबसूरत बात है।
anushka kathuria
अक्तूबर 11 2025गूगल के 27वें जन्मदिन पर यह उल्लेख करना महत्वपूर्ण है कि उनकी विज्ञापन आय विश्व के कई देशों की राष्ट्रीय आय से अधिक है। इसलिए जश्न का भाव अधिक जटिल है।
Noushad M.P
अक्तूबर 11 2025गूगल ने अपना लोगो बदल दिया है और अब ये ज्यादा फ़िल्टर्ड लगता है शायद उन्होंने अपने डिज़ाइन टीम को बदल दिया है या फिर ये एक नया एआई डिज़ाइनर है जिसने इसे बनाया है और अब ये ज्यादा ज्यादा लगता है जैसे किसी ने इसे बनाया ही नहीं