JD वेंस ने अपनी हिंदू पत्नी उषा को बताया उनके धार्मिक यात्रा की प्रेरणा
अमेरिकी सीनेटर जे डी वेंस ने हाल ही में अपनी पत्नी उषा वेंस को उनकी धार्मिक और आध्यात्मिक यात्रा में महत्वपूर्ण योगदान देने का श्रेय दिया है। वेंस, जिन्हें पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने साथी के रूप में चयनित किया था, ने एक साक्षात्कार में खुलासा किया कि उनकी पत्नी के हिंदू धार्मिक पृष्ठभूमि ने उनकी ईसाई धर्म की यात्रा को नया दृष्टिकोण और समर्थन प्रदान किया। वेंस का कहना है कि उषा, जो एक हिंदू परिवार में पली-बढ़ी हैं, ने उनके धार्मिक समर्थन और आध्यात्मिकता की अनोखी समझ द्वारा उन्हें मार्गदर्शन किया।
वेंस, जो एक प्रोटेस्टेंट के रूप में पले-बढ़े थे, ने 2016 के आसपास कैथोलिक धर्म में बदलने पर विचार करना शुरू किया और 2018 में उनका बपतिस्मा हुआ। उन्होंने कहा कि उनकी पत्नी उषा ने उन्हें इस आध्यात्मिक खोज में न केवल प्रोत्साहित किया बल्कि अपने अनुभव साझा किए और उन्हें विश्वास दिलाया कि वे सही मार्ग पर हैं।
मुलाकात और विवाह
जे डी वेंस और उषा की मुलाकात येल लॉ स्कूल में हुई थी, जहाँ दोनों ने अपनी पढ़ाई पूरी की। उनका विवाह 2014 में हुआ और आज उनके तीन बच्चे हैं: एवान (6 वर्ष), विवेक (4 वर्ष), और मिराबेल (2 वर्ष)। उषा और वेंस ने यह भी साझा किया कि वे अपने बच्चों को दोनों धार्मिक परंपराओं से अवगत कराना चाहते हैं।
वेंस और उषा ने इस साक्षात्कार में बताया कि एक दो धार्मिक विश्वासों वाले घर में बच्चों का पालन-पोषण करने की चुनौतियों पर उन्होंने खुलकर चर्चा की। उन्होंने कहा कि खुले संवाद का महत्व अत्यंत है और वे अपने बच्चों को दोनों पृष्ठभूमियों का सम्मान और समझ बनाने का प्रयास कर रहे हैं।
निष्ठा और परिवर्तन
जे डी वेंस की राजनीतिज्ञ के रूप में यात्रा भी काफी रोचक रही है। वे पहले ट्रम्प के एक प्रमुख आलोचक थे, लेकिन समय के साथ वे उनके सबसे बड़े समर्थकों में से एक बन गए। वेंस की लोकप्रियता तब बढ़ी जब उन्होंने अपनी पुस्तक "हिलबिली एलिगी" प्रकाशित की, जिसमें उन्होंने अपनी कठिनाइयों और अपने रोचक जीवन यात्रा का वर्णन किया।
धार्मिक समर्थन और सलाह
उषा ने बताया कि उनके अपने माता-पिता ने वेंस की धर्म परिवर्तान की यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उषा के माता-पिता ने वेंस के प्रति उस समय भी समर्थन बनाए रखा जब वे अपनी धार्मक दिशा को लेकर भ्रमित थे। उषा का मानना है कि उनके माता-पिता की धार्मिक परंपराएं और शिक्षा वेंस की ईसाई धर्म की यात्रा को समझने और स्वीकारने में मददगार साबित हुईं।
संयुक्त परिवार में संस्कार
यह जोड़ी अपने बच्चों को एक ऐसे वातावरण में पाल रही है जहां वे हिंदू और ईसाई दोनों परंपराओं का ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं। दोनों माता-पिता का मानना है कि यह महत्वपूर्ण है कि उनके बच्चे दोनों धर्मों की सीख और मूल्यों को समझें। वे नियमित रूप से बच्चों के साथ धार्मिक और आध्यात्मिक चर्चाएं करते हैं और दोनों पंचांगों के अनुसार त्योहार मनाते हैं।
इस प्रकार, उषा और जे डी वेंस का परिवार उनकी धार्मिक और सांस्कृतिक विविधताओं को संजोते हुए, बच्चों को एक समृद्ध और विविधतापूर्ण वातावरण प्रदान कर रहा है, जिसे वे अपने जीवन में महत्व देते हैं।
17 टिप्पणि
Vikas Yadav
जुलाई 17 2024इस तरह की कहानियाँ आजकल बहुत कम मिलती हैं। दो अलग-अलग धर्मों से आए लोग एक साथ रहकर अपने बच्चों को दोनों की शिक्षा देने का फैसला करना, ये सिर्फ एक नहीं, बल्कि एक अद्भुत उदाहरण है। अगर हम सब इतना खुले दिल से सोच पाते, तो दुनिया बहुत अलग होती।
Amar Yasser
जुलाई 19 2024वाह, ये तो बहुत खूबसूरत है। एक दूसरे के धर्म को समझने की कोशिश करना, उसमें शामिल होना, ये सिर्फ प्यार नहीं, ये विश्वास है। मैं भी अपने घर में ऐसा ही बनाना चाहता हूँ।
Saurabh Shrivastav
जुलाई 19 2024अरे यार, ये सब बस प्रचार है। अमेरिका में लोग अपने धर्म के नाम पर चुनाव जीतने की कोशिश करते हैं। ये सब बस एक नाटक है जिसमें उषा को एक एक्सट्रा बना दिया गया है।
Sandhya Agrawal
जुलाई 20 2024क्या आप लोग वाकई यकीन करते हैं कि एक हिंदू महिला ने एक ईसाई आदमी को अपने धर्म में बदलने के लिए प्रेरित किया? ये सब बस बाहरी नज़र आने के लिए है। असल में वो धर्म बदलने के बाद भी अपनी जड़ों को भूल गए होंगे।
Steven Gill
जुलाई 21 2024मुझे लगता है कि धर्म कभी किसी की शख्सियत को नहीं बदलता, बल्कि वो शख्सियत अपने अंदर के खोज के आधार पर बदलती है। जे डी ने शायद अपने अंदर की एक गहरी खोज की थी, और उषा ने उसे एक नए दृष्टिकोण से देखने का मौका दिया। ये बहुत खूबसूरत है।
Divya Johari
जुलाई 22 2024यह व्यवहार धार्मिक अनुशासन के नियमों के खिलाफ है। धर्म को व्यक्तिगत अनुभव के रूप में नहीं, बल्कि एक संस्थागत और अपरिवर्तनीय सत्य के रूप में देखा जाना चाहिए। इस तरह की अनुशासनहीनता भविष्य में विनाशकारी साबित होगी।
Aniket sharma
जुलाई 22 2024अगर आपके घर में दो धर्म हैं, तो बच्चे को दोनों की शिक्षा देना ज़रूरी है। लेकिन ये ज़रूरी है कि वो खुद अपना रास्ता चुने। हमें उन्हें बस जानकारी देनी है, न कि दिशा।
Unnati Chaudhary
जुलाई 23 2024मैंने कभी नहीं सोचा था कि एक अमेरिकी सीनेटर और एक भारतीय हिंदू महिला का परिवार इतना सुंदर तरीके से दुनिया को एक संदेश दे सकता है। ये बस एक परिवार नहीं, ये एक अमूल्य उदाहरण है।
Sreeanta Chakraborty
जुलाई 23 2024इस तरह की बातें भारत के सांस्कृतिक संरचना के खिलाफ हैं। हिंदू धर्म को एक विदेशी धर्म के लिए बलपूर्वक बलिदान करना गलत है। ये बस एक विदेशी प्रचार है।
Vijendra Tripathi
जुलाई 24 2024सुनो, मैं भी अपने घर में दो धर्मों के बीच चलता हूँ। मेरी पत्नी मुस्लिम है, मैं हिंदू। हम दोनों अपने त्योहार मनाते हैं, दोनों की भोजन की आदतें हैं। बच्चे को बस बताओ कि ये दोनों अलग-अलग रास्ते हैं, लेकिन एक ही लक्ष्य है - अच्छाई। बाकी वो खुद चुनेंगे।
ankit singh
जुलाई 25 2024ये बात बहुत सच है। जब दो लोग अलग-अलग दुनियाओं से आते हैं और एक साथ बढ़ते हैं, तो वो बस एक नई दुनिया बना देते हैं। इसमें धर्म नहीं, इंसानियत है।
Pratiksha Das
जुलाई 26 2024मुझे लगता है ये सब बहुत अच्छा है पर बच्चों को दो धर्म देना उनके लिए भ्रम पैदा कर सकता है। एक धर्म होना चाहिए नहीं तो वो अपने आप को खो देंगे।
ajay vishwakarma
जुलाई 27 2024इस जोड़ी के बच्चों के नाम देखो - एवान, विवेक, मिराबेल। ये नाम ही एक बात बोल रहे हैं। दो संस्कृतियाँ एक साथ जी रही हैं। ये नाम बस एक नाम नहीं, ये एक संदेश है।
devika daftardar
जुलाई 28 2024धर्म कभी नहीं बदलता, बल्कि हम बदलते हैं। जे डी ने अपने अंदर की एक गहरी आवाज़ सुनी, और उषा ने उसे अपनी आवाज़ के साथ मिलाने का रास्ता दिखाया। ये एक अद्भुत अनुभव है।
fatima almarri
जुलाई 30 2024मैं इस बात को बहुत अच्छी तरह से समझती हूँ कि एक व्यक्ति के लिए धर्म कितना गहरा अनुभव हो सकता है। ये सिर्फ एक धर्म बदलने की बात नहीं, ये एक आत्मा के अपने आप को ढूंढने की यात्रा है। उषा के माता-पिता ने उसे स्वीकार किया, ये भी बहुत बड़ी बात है।
deepika singh
जुलाई 31 2024ये जोड़ी बस एक धर्म बदलने की बात नहीं कर रही, ये एक दुनिया बना रही है जहाँ अलग-अलग लोग एक साथ रह सकते हैं। बच्चों को दोनों धर्मों का ज्ञान देना बहुत बड़ी बात है। ये बस नहीं, ये एक क्रांति है।
Prince Chukwu
अगस्त 2 2024देखो यार, इस जोड़ी के बच्चों के नाम ही एक कविता हैं। एवान - अमेरिकी, विवेक - भारतीय, मिराबेल - फ्रांसीसी लगता है न? ये बच्चे तीन संस्कृतियों का जीवित उदाहरण हैं। ये नाम बस नाम नहीं, ये एक अनंत गीत हैं जो दुनिया को बता रहा है - एकता ही असली धर्म है।