कंधार अपहरण की समीक्षा: उत्कृष्ट प्रदर्शन और रोमांचकारी कहानी, एक बेहतरीन अनुभव
कंधार अपहरण के आईसी 814 की समीक्षा
अभिलाषा सिन्हा द्वारा निर्देशित और त्रिशांत श्रीवास्तव द्वारा सह-लिखी गई नेटफ्लिक्स श्रृंखला IC 814: कंधार अपहरण ने एक बेहद पसंद की जाने वाली श्रृंखला के रूप में अपनी पहचान बनाई है। यह श्रृंखला भारतीय एयरलाइंस के विमान 814 के उस त्रासदी को विस्तृत और वस्तुनिष्ठ रूप से वर्णन करती है जो दिसंबर 1999 में घटित हुई थी।
यह श्रृंखला सच्ची घटना पर आधारित है, जिसमें एक विमान, जो काठमांडू से दिल्ली के रास्ते पर था, को पांच इस्लामिक आतंकवादियों ने अपने कब्जे में ले लिया था। इस विमान को आपातकालीन लैडिंग के लिए अमृतसर, लाहौर, दुबई, और अंत में कंधार, अफगानिस्तान ले जाया गया था। इस श्रृंखला का आधार 'फ्लाइट इंटू फियर' नामक पुस्तक है, जिसे कैप्टन देवी शरण और श्रीन्जय चौधरी ने लिखा है।
कहानी की विशेषता
कैप्टन देवी शरण (विजय वर्मा) के नेतृत्व में, इस श्रृंखला में विमान में सवार 180 लोगों की दुखद दशा को बड़ी ही संवेदनशीलता से चित्रित किया गया है। यात्री और क्रू मेंबर आठ दिनों तक बंधक बने रहे और इस दौरान उत्पन्न हुए तनाव और भय को श्रृंखला में बेहतरीन रूप से प्रदर्शित किया गया है।
इस आपदा के दौरान दिल्ली के पावर कॉरिडोर्स, टीवी न्यूज चैनल्स, और इंटेलिजेंस अफसरों के बीच की गहमागहमी को भी श्रृंखला में स्पष्ट रूप से दिखाया गया है। संवाद, निर्णय और संघर्ष, जिनमें सामाजिक और राजनीतिक दबाव भी शामिल हैं, को बेहद प्रभावशाली ढंग से पेश किया गया है।
अभिनय और निर्देशन
इस श्रृंखला में विजय वर्मा, नसीरुद्दीन शाह, पंकज कपूर, मनोज पाहवा, कुमुद मिश्रा, अरविंद स्वामी और दिया मिर्जा जैसे मशहूर कलाकारों ने अपनी अदाकारी से सभी का दिल जीत लिया। हर एक पात्र के भावनाओं और संघर्षों को बड़ी ही सजीवता से प्रस्तुत किया गया है।
अमरजीत सिंह की एडिटिंग और इवान मुलिगन तथा रवि किरण अय्यागरी की सिनेमाटोग्राफी ने इस श्रृंखला की कहानी को और भी अधिक संवेदनशील और तीव्र बना दिया है। तनाव और गहराई को बड़े ही असरकारक ढंग से फिल्माया गया है, जो दर्शकों को अंत तक बांधे रखता है।
संकट और निर्णय
इस श्रृंखला की सबसे बड़ी खूबी इसकी लेखनी और कहानी की प्रस्तुतीकरण है। विभिन्न दृष्टिकोणों और विचारधाराओं को प्रदर्शित करते हुए, इस संकट की जटिलताओं और निर्णयों को बड़े ही मुस्तैदी से दिखाया गया है। भारतीय सरकार द्वारा तीन हार्डकोर आतंकवादियों को रिहा कर बंधकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए किए गए फैसले और इन निर्णयों की जटिलताओं को बहुत ही स्पष्टता से पेश किया गया है।
विशेष रूप से, मसूद अजहर की रिहाई, जिसने आगे चल कर जैश-ए-मोहम्मद का गठन किया और कई महत्वपूर्ण आतंकवादी घटनाओं का प्रमुख बन गया, इस श्रृंखला में बहुत ही विस्तृत रूप से वर्णन किया गया है।
यह श्रृंखला एक मार्मिक सवाल के साथ समाप्त होती है: क्या वाकई ये संवाद सफल साबित हुए? क्या बंधकों की रिहाई के लिए किए गए ये कड़े फैसले सच में जीत थे, या फिर उन्होंने आने वाले और संकट पैदा किए?
निष्कर्ष
कुल मिलाकर, IC 814: कंधार अपहरण एक अनिवार्य देखने योग्य श्रृंखला है जिसकी उभरती हुई प्रस्तुति, उत्कृष्ट अभिनय और तीव्र कहानी ने इसे एक आनंददायक अनुभव बना दिया है। सच्ची घटनाओं पर आधारित इस श्रृंखला ने दर्शकों को उस समय की पीड़ा और संघर्ष को महसूसने के लिए मजबूर कर दिया है। इस वजह से यह श्रृंखला न सिर्फ मनोरंजक है, बल्कि ऐतिहासिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है।
18 टिप्पणि
Paresh Patel
अगस्त 30 2024इस श्रृंखला ने मुझे रात भर जागा रखा। कोई फिल्म नहीं, ये तो इतिहास का एक टुकड़ा है।
Kiran M S
अगस्त 31 2024क्या आपने कभी सोचा है कि जब हम एक आतंकवादी को रिहा करते हैं, तो हम अपने नागरिकों की जान बचाने के बजाय भविष्य के शिकारों को बेच रहे होते हैं? यह एक नैतिक विकल्प नहीं, बल्कि एक अस्तित्वगत असफलता है।
हम अपनी आत्मा के लिए बहुत कम भुगतान करते हैं, और फिर उसी आत्मा को दोबारा बेच देते हैं। क्या यही हमारी राष्ट्रीय नीति है? एक बंधक की जान के बदले दर्जनों निर्दोषों की जान का भुगतान?
Raghunath Daphale
सितंबर 1 2024अभिनय तो बेस्ट था पर कहानी बहुत धीमी थी 😴 फिर भी एक बार देख लेना चाहिए
anushka kathuria
सितंबर 2 2024इस श्रृंखला का ऐतिहासिक संदर्भ अत्यंत सटीक है। निर्माण टीम ने विमान के अंदर के वातावरण को बेहद संवेदनशीलता से प्रस्तुत किया है।
Noushad M.P
सितंबर 2 2024क्या तुमने देखा कि मसूद अजहर के चेहरे पर जो भाव था वो असली था? मैंने उसे टीवी पर देखा था और वो बिल्कुल वैसा ही था जैसा यहाँ दिखाया गया है
Sanjay Singhania
सितंबर 4 2024इस प्रोडक्शन में एक डायनामिक नैरेटिव फ्रेमवर्क है जो गतिशील राजनीतिक एक्टर्स के इंटरैक्शन को एक निर्णायक फैक्टर के रूप में प्रस्तुत करता है। इंटेलिजेंस एपरेटस की लीकेज और डिसीजन मेकिंग के बीच का डिसोनेंस बेहद रिच है।
Renu Madasseri
सितंबर 5 2024मैंने इसे अपनी माँ के साथ देखा। वो रो पड़ीं। उन्होंने कहा, 'ये वो दिन हैं जब हम सब एक थे।' इस श्रृंखला ने एक ऐसी याद जगाई जिसे हम भूलना चाहते थे।
Aniket Jadhav
सितंबर 6 2024कैप्टन देवी शरण का काम बहुत बड़ा था बस उनकी शांति और हिम्मत ने सब कुछ बचा लिया
Anoop Joseph
सितंबर 7 2024मैंने इसे देखा। अच्छा था।
Kajal Mathur
सितंबर 8 2024यह श्रृंखला एक बहुत ही सावधानी से चुनी गई नैरेटिव स्ट्रैटेजी के माध्यम से एक जटिल ऐतिहासिक घटना को नियंत्रित रूप से प्रस्तुत करती है। यह दर्शकों को भावनात्मक रूप से शामिल करती है, लेकिन कभी भी अतिशयोक्ति में नहीं जाती।
rudraksh vashist
सितंबर 9 2024कभी-कभी जब मैं बस में बैठा होता हूँ और बाहर देखता हूँ, तो मुझे लगता है कि ये दिन वापस आ सकते हैं। इस श्रृंखला ने मुझे याद दिलाया कि शांति कितनी कमजोर होती है।
Archana Dhyani
सितंबर 10 2024मैं नहीं जानती कि यह श्रृंखला किस तरह से इतनी गहरी भावनाओं को उकसाती है। मैंने इसे तीन बार देखा, हर बार एक नया अर्थ निकला। क्या यह वाकई एक विमान अपहरण की कहानी है? या यह एक राष्ट्र के आत्मा के अंधेरे को दर्शाती है? जब हम एक आतंकवादी को रिहा करते हैं, तो हम अपने नागरिकों के अधिकारों को नहीं, बल्कि अपने भविष्य के लिए वादा तोड़ देते हैं। यह एक ऐसा व्यवहार है जो एक देश की नैतिक आत्मा को नष्ट कर देता है। और फिर हम उसे बहुत बड़ी आत्मा से देखते हैं। यह दर्दनाक है।
Guru Singh
सितंबर 11 2024इस श्रृंखला में दिखाए गए इंटेलिजेंस ऑपरेशन्स के तरीके अभी भी वैध हैं। कुछ बातें बदली नहीं हैं।
Sahaj Meet
सितंबर 13 2024मैंने इसे अपने दोस्त के साथ देखा जो लाहौर से है। उसने कहा कि वो जो देख रहा था वो उसके दादा की कहानी थी। उसके दादा ने उस दिन बस के लिए रास्ता बदल दिया था। अगर नहीं किया होता तो वो भी उस विमान में होते।
Madhav Garg
सितंबर 14 2024कैप्टन देवी शरण के नेतृत्व की शानदार दुनिया को दर्शाया गया है। उनकी शांति और निर्णय क्षमता असली नेतृत्व का उदाहरण है।
Sumeer Sodhi
सितंबर 15 2024ये सब बकवास है। एक आतंकवादी को रिहा करना जीत नहीं, शर्म की बात है। और ये श्रृंखला उसे जीत बता रही है? ये तो देशद्रोह है।
Vinay Dahiya
सितंबर 15 2024अगर ये श्रृंखला असली है, तो क्या ये बता रही है कि हमारी सरकार आतंकवाद के साथ बातचीत करती है? तो फिर अगली बार जब कोई विमान ले जाएगा, तो हम फिर से तीन आतंकवादियों को रिहा करेंगे? और फिर? और फिर? और फिर? ये क्या है? एक चक्र? एक अनंत चक्र? ये श्रृंखला एक नैतिक अपराध को दर्शा रही है, न कि एक जीत को!
Sai Teja Pathivada
सितंबर 16 2024ये श्रृंखला सिर्फ एक अपहरण नहीं है... ये एक ऑपरेशन है जिसमें सीआईए और राव के बीच एक गुप्त समझौता था। जो लोग इसे सच मानते हैं, वो बेवकूफ हैं। वो तीन आतंकवादी असल में नहीं थे... वो एक ब्रोकरेज थे। और जो आदमी रिहा हुआ, वो एक गुप्तचर था। जानकारी लेने के लिए उसे रिहा किया गया था। ये बात किसी को नहीं बताई गई। अगर तुम वाकई जानना चाहते हो, तो गूगल पर लिखो: 'IC814 CIA HANDOFF'। तुम्हें पता चल जाएगा।