पेरिस ओलंपिक में महिला 25 मीटर पिस्टल में तीसरे फाइनल के लिए तैयार मनी भाकर
पेरिस ओलंपिक: महिला 25 मीटर पिस्टल में मनी भाकर का तीसरा फाइनल
भारतीय निशानेबाज मनी भाकर ने एक बार फिर पेरिस ओलंपिक में महिला 25 मीटर पिस्टल फाइनल में अपनी जगह बना ली है। यह उनके करियर का तीसरा ओलंपिक फाइनल होगा। मनी ने क्वालीफिकेशन राउंड में 590 अंकों के साथ दूसरे स्थान पर रहते हुए यह कामयाबी हांसिल की। हालांकि, हंगरी की निशानेबाज वेरोनिका मेजर ने 591 अंकों के साथ पहला स्थान प्राप्त किया।
मनी भाकर के लिए शुरुआती दौर काफी मुश्किल भरा था, जहां उन्होंने पहले पांच शॉट्स में केवल दो परफेक्ट 10 हासिल किए। लेकिन उन्होंने जल्दी ही अपनी परफॉर्मेंस में सुधार किया और लगातार पांच 10s के साथ श्रृंखला का अंत उच्च स्तर पर किया। दूसरी श्रृंखला में मनी ने 98 अंकों के साथ मजबूत शुरुआत की और तीसरी श्रृंखला में नौ 10s मारते हुए 294 अंकों के साथ तैयारी पूर्ण की।
तैयारी का उतार-चढ़ाव
प्रिसिशन राउंड के बाद, मनी भाकर तीसरे स्थान पर थीं। अंदरूनी 10s के कारण वह शीर्ष स्थान से कम रह गईं। वहीं, उनकी साथी निशानेबाज ईशा की शुरुआत कुछ खास नहीं रही। ईशा ने पहले दो श्रृंखलाओं में 95 और 96 अंक प्राप्त किए। हालाँकि, उन्होंने अंत में 100 का परफेक्ट स्कोर बनाकर अपनी छवि को सुधारा और प्रिसिशन प्रयास को दसवें स्थान पर समाप्त किया।
रैपिड राउंड में मनी भाकर की शानदार परफॉर्मेंस जारी रही। उन्होंने पहले ही श्रृंखला में 100 का परफेक्ट स्कोर बनाकर शुरुआत की। उन्होंने अपनी गति को बनाए रखा और दूसरी श्रृंखला में पांच शॉट्स में चार 10s मारे। अंत में उन्होंने एक और शानदार परफॉर्मेंस दी और फाइनल में जगह सुनिश्चित की।
ईशा की कठिनाई
रैपिड राउंड में ईशा की शुरुआत अच्छी रही, लेकिन बाद में कुछ कम स्कोरों ने उन्हें पीछे कर दिया। पहले दो प्रयासों में उन्होंने 97 और 96 अंक बनाए। अंतिम श्रृंखला में, आठ 10s मारते हुए भी, दो कम स्कोर (9 और 8) के कारण उनकी कुल मिलाकर 97 अंक पर अटक गई।
अब मनी भाकर 3 अगस्त को भारतीय समयानुसार दोपहर 1:30 बजे स्वर्ण पदक के लिए प्रतिस्पर्धा करेंगी। अपने करियर में इससे पहले भी उन्होंने कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट्स में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है, जिसमें उनकी दृढ़ता और शारीरिक रूप से सशक्त होने की भावना साफ दिखाई देती है।
मनी भाकर ने अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति और मेहनत से एक बार फिर साबित कर दिया है कि अगर आप अपने लक्ष्य के प्रति पूर्णता और ईमानदारी से जुटे रहें तो कोई भी बाधा आपको रोक नहीं सकती। भारतीय निशानेबाजी समुदाय और खेल प्रेमियों की उम्मीदें मनी भाकर पर टिकी हैं और सबको विश्वास है कि वह इस बार एक बार फिर देश का नाम रोशन करेंगी।
मनी भाकर की जांच
मनी भाकर अपने करियर में कई कठिनाइयों का सामना कर चुकी हैं। लेकिन उनकी इच्छाशक्ति और मजबूत मानसिकता ने उन्हें हर बार उभरने का मौका दिया है। उनके कोच और प्रशिक्षण स्टाफ का भी इसमें बेहद बड़ा योगदान है, जिन्होंने समय-समय पर उन्हें सही दिशा और मार्गदर्शन दिया है।
ईशा का भी प्रदर्शन सराहनीय है, लेकिन वह अपने सीनियर की तरह निरंतरता बनाए रखने में थोड़ी कमी महसूस कर रही हैं। हालांकि, उनके पास अपनी परफॉर्मेंस को सुधारने के कई मौके हैं और उम्मीद की जा सकती है कि वह भी भविष्य में बेहतरीन प्रदर्शन करेंगी।
इसके अलावा, ओलंपिक जैसे बड़े मंच पर प्रदर्शन करना किसी भी खिलाड़ी के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। मनी भाकर का वर्तमान प्रदर्शन न केवल उनके खुद के लिए बल्कि पूरे देश के लिए गर्व की बात है। सटीक निशानेबाजी और त्वरित प्रतिक्रिया जैसी कठिनाइयों के बावजूद, मनी ने अपनी उत्कृष्टता को साबित कर दिखाया है।
5 टिप्पणि
Sumeer Sodhi
अगस्त 4 2024ये लोग ओलंपिक में फाइनल में पहुंच गए तो बस इतना ही काफी है? असली बात तो ये है कि भारत में निशानेबाजी के लिए कोई अच्छा इन्फ्रास्ट्रक्चर नहीं है। जब तक हमारे स्कूलों में शूटिंग को बाध्यकारी नहीं किया जाएगा, तब तक ये सब बस ट्रेंड होगा। आप लोग बस इनके लिए तालियां बजा रहे हैं, पर किसी ने भी सोचा है कि इनके पास कौन सा ट्रेनर था, किसने उनकी बंदूक खरीदी? ये सब अंधविश्वास है।
Vinay Dahiya
अगस्त 5 2024मनी भाकर का फाइनल में पहुंचना तो बहुत अच्छा है... पर देखो ईशा का स्कोर? 97? ये तो राष्ट्रीय स्तर पर भी बहुत खराब है। और ये ओलंपिक है, ये नहीं कि शहर का कोई टूर्नामेंट! वो भी 100 का परफेक्ट स्कोर करके आई, लेकिन उससे पहले के दो शॉट्स में उसने 9 और 8 दे दिए! ये निशानेबाजी है या रूलेट? इतनी अनियमितता के साथ गोल्ड की उम्मीद कैसे कर सकते हो? ये लोग तो बस इतना ही कर पाते हैं।
Sai Teja Pathivada
अगस्त 6 2024मनी भाकर के लिए ये फाइनल बस शुरुआत है... लेकिन अगर तुमने देखा हो तो उसके बाद वाले शॉट्स में उसकी हाथ की हिलने की बात देखी? मैंने एक रिपोर्ट पढ़ी थी कि ओलंपिक वेन्यू में वायरल वाइब्रेशन होता है जो निशानेबाजों के नसों को असर करता है... और वो हाथ की हिलन वही है! ये नहीं कि वो तनाव में हैं... ये तो एक जानबूझकर लगाया गया साइकोलॉजिकल वॉरफेयर है! वो बाकी खिलाड़ियों को भी इसी तरह टारगेट कर रहे हैं... ये देश भी इसके बारे में कुछ नहीं कर रहा! 😡
Antara Anandita
अगस्त 8 2024मनी भाकर का प्रदर्शन वाकई अद्भुत है। उन्होंने शुरुआत में धीमी शुरुआत की लेकिन बाद में अपनी स्थिरता और धैर्य से पूरा गेम बदल दिया। रैपिड राउंड में पहले शॉट पर 100 बनाना बहुत बड़ी बात है - इसका मतलब है कि उनका मन शांत है और शरीर भी उसके अनुकूल है। ईशा के लिए भी अच्छा प्रदर्शन था, बस अंतिम श्रृंखला में थोड़ी अस्थिरता रह गई। ये बहुत सामान्य है, खासकर इतने बड़े मैच में। अगली बार उनकी निरंतरता बेहतर होगी।
Gaurav Singh
अगस्त 10 2024मनी भाकर ने बस फाइनल में जगह बनाई है और तुम सब उसे गोल्ड का दावेदार बना रहे हो... अरे भाई ये तो बस एक फाइनल है ना जीत नहीं। क्या तुमने कभी सोचा कि वो फाइनल में जाने के बाद भी कितने खिलाड़ी हैं जिन्होंने अपनी बंदूक उठाने के बाद भी गोल्ड नहीं जीता? ये निशानेबाजी एक खेल है ना कि देवी की पूजा। बस एक बार फाइनल में आ गए तो अब सबको जादू लग गया।