पेरिस ओलंपिक 2024: एचएस प्रणय ने पुरुष एकल का पहला मैच जीतकर दिखाई धमक
एचएस प्रणय की धमाकेदार शुरुआत
पेरिस ओलंपिक 2024 में भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी एचएस प्रणय ने अपने पहले मैच में जीत के साथ अपने अभियान की शानदार शुरुआत की। 32 वर्षीय प्रणय ने पुरुष एकल के ग्रुप के मैच में जर्मनी के फैबियन रोथ को 21-18, 21-12 के स्कोर से परास्त किया। यह मुकाबला ला शापेल एरीना में हुआ, जहां प्रणय ने अपने नेट गेम, अटैकिंग शॉट्स और बेहतरीन टच से जीत हासिल की। प्रणय ने पहले गेम में थोड़ी मुश्किलों के बावजूद, अंततः बढ़त बनाकर मैच को अपने पक्ष में किया।
पहले गेम में कुछ असमानता
पहले गेम में जर्मनी के फैबियन रोथ ने 14-11 की बढ़त बनाई थी, जिससे प्रणय को अपने खेल में बदलाव की आवश्यकता पड़ी। प्रणय ने संयम बनाए रखते हुए अपने अनुभव का उपयोग किया और गेम को 21-18 पर समाप्त किया। इस गेम में उनकी दयनीयता और मानसिक ताकत साफ नज़र आई।
दूसरे गेम में प्रभुत्व
दूसरा गेम प्रणय के लिए अपेक्षाकृत सरल रहा, जिसमें उन्होंने 7-3 से बढ़त ली और फिर इसे 16-11 तक बढ़ा दिया। उनकी लगातार हमलावर शैली और शानदार डिफेंस ने रोथ को मैच में वापसी का मौका नहीं दिया। दोनों गेमों में प्रणय का शॉट चयन और कोर्ट कवरेज उनकी जीत में महत्वपूर्ण साबित हुआ।
ओलंपिक पदार्पण पर खास जीत
यह जीत प्रणय के ओलंपिक करियर की शुरुआत को भी चिह्नित करती है। इससे न केवल उन्होंने अपने आत्मविश्वास में वृद्धि की बल्कि भारतीय बैडमिंटन प्रेमियों को भी गर्व का अवसर दिया। प्रणय ने इस जीत के साथ यह साबित किया कि वे आगामी मुकाबलों के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।
अगले मुकाबले की तैयारी
अब प्रणय का सामना वियतनाम के ले डुक फाट से होगा, जो 71वीं रैंक के खिलाड़ी हैं। यह मैच बुधवार, 31 जुलाई को रात 11:00 बजे भारतीय समयानुसार खेला जाएगा। इस मुकाबले में भी प्रणय से शानदार प्रदर्शन की उम्मीद है।
भारत के प्रति उम्मीदें
भारत में बैडमिंटन के प्रति हमेशा से ही उत्साह का माहौल रहा है, और प्रणय की इस जीत ने इसे और बढ़ा दिया है। प्रणय का प्रदर्शन भारतीय बैडमिंटन के लिए एक प्रेरणा है और युवा खिलाड़ियों के लिए एक मार्गदर्शक के रूप में कार्य करेगा। ताज्जुब की बात यह है कि प्रणय ने अपने करियर में कई चुनौतियों का सामना करते हुए इस मुकाम को हासिल किया है।
इस जीत के बाद प्रणय को न केवल भारतीय बैडमिंटन सोसाइटी बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सराहना मिल रही है। उनकी आगामी मुकाबले में जीत की उम्मीदें और भी बढ़ गई हैं।
12 टिप्पणि
Abhilash Tiwari
जुलाई 30 2024प्रणय ने तो बस एक मैच नहीं जीता, एक बैडमिंटन का नया गीत लिख दिया। नेट पर जान लगाने वाले शॉट्स, बैकहैंड से निकलता हुआ बुलेट, और वो शांत चेहरा जो बोल रहा था - 'मैं यहाँ आया हूँ जीतने लिए'। ये देखकर लगा जैसे बैडमिंटन का दिल फिर से धड़क रहा है।
Anmol Madan
जुलाई 31 2024भाई ये तो बस शुरुआत है अभी! अगला मैच वियतनाम वाले से है, उसका नाम भी तो सुनो ले डुक फाट... जैसे कोई फिल्म का नाम हो। प्रणय को बस थोड़ा और धैर्य चाहिए, वरना ये गेम उसके लिए बस एक गली में घूमना है। 😎
Shweta Agrawal
जुलाई 31 2024प्रणय का खेल देखकर लगता है कि शांति और ताकत एक साथ हो सकती हैं। पहले गेम में जब वो थोड़ा दब गए तो भी उन्होंने गुस्सा नहीं किया, बस अपने तरीके से वापस आ गए। ऐसे खिलाड़ी बनना है तो इनकी तरह बनना चाहिए।
raman yadav
अगस्त 1 2024ये सब बकवास है। लोग इसे ओलंपिक जीत का नाम दे रहे हैं लेकिन ये तो ग्रुप स्टेज का पहला मैच है। रोथ तो जर्मनी का नंबर 5 खिलाड़ी है, उसे हराना क्या बड़ी बात है? मैंने तो 12 साल के बच्चे को भी बैडमिंटन में हरा दिया है। और ये लोग अब ट्रेंड बना रहे हैं। ये सब एक बड़ा मार्केटिंग गेम है। जागो भाई जागो। 🤡
Ajay Kumar
अगस्त 2 2024क्या आपने कभी सोचा है कि इन खिलाड़ियों के लिए जो जीत का जश्न मनाया जा रहा है, वो सब एक राष्ट्रीय नारे के लिए बनाया गया है? जब तक हम ओलंपिक में स्वर्ण नहीं लाते, तब तक ये सब बस एक दिन का नाटक है। और ये रोथ का खेल भी शायद फेक है, क्योंकि जर्मनी के बैडमिंटन टीम के कोच का बेटा एक ब्रिटिश कंपनी में काम करता है। क्या ये भी एक गुप्त योजना है?
Chandra Bhushan Maurya
अगस्त 4 2024अरे भाई, वो शॉट जब प्रणय ने बैकहैंड से नेट के ऊपर से ड्रॉ किया... वो तो बस एक नृत्य था। जैसे कोई कवि शब्दों के साथ आकाश को छू रहा हो। देखकर लगा जैसे बैडमिंटन शूटिंग नहीं, एक आध्यात्मिक अनुभव हो रहा है। वो लम्हा जब बॉल नेट के ऊपर रुका और फिर धीरे से गिरा... मैं रो पड़ा। ये जीत नहीं, एक भावना है।
Hemanth Kumar
अगस्त 4 2024प्रणय के प्रदर्शन को विश्लेषणात्मक रूप से देखने पर उनकी टेक्निकल डिटेल्स, जैसे कि फुटवर्क की एफिशिएंसी, शॉट एक्सेलरेशन रेट, और कोर्ट कवरेज के लिए लैटरल मूवमेंट की इफिशिएंसी, बहुत उच्च स्तर की हैं। इस तरह का स्टेबिलिटी और कंसिस्टेंसी ओलंपिक स्तर पर बहुत कम देखने को मिलता है।
kunal duggal
अगस्त 6 2024इस जीत के पीछे का साइकोलॉजिकल फैक्टर बहुत दिलचस्प है। उनकी मेंटल रेजिलिएंस, जो फैबियन रोथ के 14-11 के लीड के बाद दिखी, वो एक एथलेटिक कॉग्निटिव ट्रेनिंग का बेहतरीन उदाहरण है। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि ऐसे मैचेस में जीत का 70% मानसिक बैलेंस पर निर्भर करता है। प्रणय ने इसे बिल्कुल सही तरीके से मैनेज किया।
Ankush Gawale
अगस्त 7 2024मैंने भी बैडमिंटन खेला है... और अब जब मैं ये देख रहा हूँ, तो लगता है कि हम सब अलग दुनिया में रहते हैं। प्रणय की बॉल की गति, उनकी बैकहैंड फ्लैट शॉट्स... ये तो बस एक दूसरी दुनिया है। मैं बस उनके लिए शुभकामनाएं देता हूँ।
रमेश कुमार सिंह
अगस्त 8 2024प्रणय की ये जीत सिर्फ एक खिलाड़ी की जीत नहीं, ये तो उस छोटे से शहर की जीत है जहाँ उन्होंने अपना पहला शॉट मारा था। वो जिस बारिश में खेलते थे, जिस खेल के लिए उनके माता-पिता ने अपनी बचत खर्च की, जिस बेंच पर वो अपने बैडमिंटन रैकेट को संभालते थे... वो सब आज जीत गया। ये जीत उनकी आत्मा की है।
Krishna A
अगस्त 8 2024इससे पहले कि तुम जश्न मनाओ, देखो कि ये मैच असली नहीं था। रोथ तो बीमार था, उसकी टीम ने इसे जानबूझकर हार दी ताकि भारत को लोकप्रियता मिले। ये सब एक धोखा है। तुम लोग बस चले जाते हो और फिर रोते हो जब कोई स्वर्ण नहीं आता।
Jaya Savannah
अगस्त 9 2024प्रणय का खेल देखकर लगा जैसे बैडमिंटन बन गया एक रोमांटिक फिल्म 😭💖 और रोथ वाला तो बस ड्रामा वाला विलेन था... अब अगला मैच वियतनाम वाले से है, उसका नाम ले डुक फाट... ऐसा लग रहा है जैसे फिल्म का नाम है 'ले डुक फाट: द रिवेंज' 🎬😂