प्रयागराज में महाकुम्भ के दौरान लगी भीषण आग: कई टेंट जलकर खाक
महा कुम्भ में आग के दौरान उच्च सतर्कता
प्रयागराज के महाकुम्भ क्षेत्र में रविवार को अचानक आग लगने से आमजन और प्रशासन में हड़कम्प मच गया। सेक्टर 19 में स्थित इस आग में गीता प्रेस के कैंप में रखा एक गैस सिलेंडर में लीक के कारण विस्फोट हो गया, जिससे आस-पास के टेंटो को आग ने अपनी चपेट में ले लिया। करीब 40 झोपड़ियों और छह टेंट इस आग की चपेट में आ गए। स्थानिक अधिकारियों ने तत्परता दिखाई और तुरंत अग्निशमन दस्ते पहुँचे।
इस अग्निकांड में गनीमत रही कि कोई जानहानि नहीं हुई। चूंकि मेला क्षेत्र का यह हिस्सा अति-संवेदनशील क्षेत्र है, यहां की सतर्कता हमेशा हाई रहती है। आग के समय वहां अधिकतर लोग मेला क्षेत्र के बाहर थे, इसीलिए समय रहते मौका-ए-वारदात से 25 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया। स्थानीय निवासियों का कहना है कि घटना स्थल पर प्रशासन की ओर से हाथों-हाथ रेस्पांस की सक्रियता दिखी।
मुख्यमंत्री का घटना स्थल पर दौरा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, जो उस समय संगम क्षेत्र में मौनी अमावस्या के दिन की तैयारियों का मुआयना कर रहे थे, ने घटनास्थल का दौरा किया। उन्होंने परिस्थितियों का जायजा लिया और राहत कार्यों का निर्देशन किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस घटना की जानकारी ली और मुख्यमंत्री से इस संबंध में अपडेट प्राप्त किया। मुख्यमंत्री ने उन्हें बताया कि आपातकालीन टीमों की त्वरित प्रतिक्रिया से स्थिति नियंत्रण में आई।
इस आग ने हालांकि संपत्ति को व्यापक स्तर पर नुकसान पहुँचाया। टेंट में मौजूद दैनिक उपयोग की वस्तुएं जैसे कि चारपाई, कंबल, कुर्सियां और टेबल आग की भेंट चढ़ गईं। कुछ राशि भी इस आग में जलने की सूचना है। इस घटना में एक व्यक्ति जसप्रीत, जो आग से निकलने के प्रयास में घायल हो गया, को इलाज के लिए सेंट्रल अस्पताल और बाद में स्वरूपरानी मेडिकल कॉलेज भेजा गया।
मेला क्षेत्र में शांति और सुरक्षा
मौजूदा घटनाओं को देखते हुए महाकुम्भ के आयोजकों ने अतिरिक्त सतर्कता बढ़ा दी है। सुरक्षा के लिए अतिरिक्त उपाय किए जा रहे हैं ताकि ऐसी दुर्घटनाएं दोबारा न हों। लोग अब भी मेला क्षेत्र का हिस्सा बने रहने के लिए उत्सुक हैं और अग्निशमन की तैयारियों तथा सुरक्षा आश्वासनों से थोड़ा राहत महसूस कर रहे हैं। इससे मेलास्थल पर आने वाले लाखों श्रद्धालुओं को सुरक्षित महसूस होने में मदद मिल रही है।
अग्निकांड के बावजूद, महाकुम्भ 2025 के 45 दिनों के पर्व में कोई रुकावट नहीं आई है। भक्तों के आगमन और सुरक्षा की व्यवस्था को देखते हुए सुनिश्चित किया जा रहा है कि इस प्रकार की कोई और अप्रिय घटना न हो। आगामी दिनों में कुम्भ क्षेत्र में आवश्यक उपायों को और प्रभावी बनाने की योजना पर भी काम किया जा रहा है।
15 टिप्पणि
Paresh Patel
जनवरी 20 2025आग लगी तो डर लगा पर अच्छा लगा कि कोई जान नहीं गई। ये जगह तो हर साल भीड़ भरी होती है, इतनी तेजी से बचाव हो गया तो ये तो बड़ी बात है।
प्रशासन ने अच्छा काम किया।
anushka kathuria
जनवरी 21 2025इस घटना के बाद भी महाकुम्भ का आयोजन जारी रखना एक उचित निर्णय है। धार्मिक आस्था और सुरक्षा के बीच संतुलन बनाए रखना आवश्यक है।
Noushad M.P
जनवरी 23 2025ये गैस सिलेंडर वाले को बेचारा नहीं बनाना चाहिए था... इतनी भीड़ में गैस ले आए तो क्या होगा ना? बस बेवकूफी है।
Sanjay Singhania
जनवरी 23 2025इस अग्निकांड के प्राकृतिक नियंत्रण तंत्र में अत्यधिक गतिशीलता का अभाव था। लेकिन आपातकालीन अभिकल्पना के अनुकूलन ने विकृति को न्यूनीकरण किया।
यह एक जटिल सामाजिक-ताकती अंतरक्रिया का उदाहरण है।
Raghunath Daphale
जनवरी 25 2025अच्छा तो आग लगी और कोई मरा नहीं... अरे भाई ये तो लगता है जैसे बच गए तो अच्छा हो गया 😒
ये सब तो बस नाटक है। अगर एक बार बच गए तो दूसरी बार भी ऐसे ही चलेगा।
Renu Madasseri
जनवरी 26 2025हालांकि आग लग गई, लेकिन लोगों को जल्दी निकाल लिया गया और जो घायल हुआ उसे तुरंत अस्पताल भेज दिया गया। ये तो बहुत अच्छी बात है।
हमें इसी तरह की तैयारी देखकर आशा मिलती है।
Aniket Jadhav
जनवरी 28 2025कुम्भ में इतनी भीड़ होती है कि बस ये ही देखो कि कितने लोग बच गए। अगर ये रिस्पॉन्स न होता तो बहुत बड़ी बात बन जाती।
काम किया गया तो अच्छा हुआ।
Anoop Joseph
जनवरी 29 2025इस तरह की घटनाओं में लोगों की जान बच जाए तो बहुत अच्छा है। बाकी सब चीजें बदली जा सकती हैं।
Kajal Mathur
जनवरी 29 2025यह घटना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है, हालांकि इसके बाद जो व्यवस्था बनाई गई है, वह एक आदर्श प्रशासनिक प्रतिक्रिया का उदाहरण है।
Archana Dhyani
जनवरी 31 2025मुझे लगता है कि इस आग का वास्तविक कारण यह नहीं है कि गैस सिलेंडर लीक हुआ... यह तो सिर्फ एक बहाना है।
सच यह है कि ये सब एक विशाल धार्मिक भावनाओं को नियंत्रित करने के लिए एक राजनीतिक खेल है।
जब तक आप लोग यही बात मानते रहेंगे, तब तक आपको यही नुकसान दिखेगा।
ये सब जानबूझकर बनाया गया है ताकि लोग डरे और विश्वास रखें कि अधिकारी लोगों की रक्षा कर रहे हैं।
मैंने अपने एक दोस्त को यहां जाते देखा है, उसने कहा कि वहां निगरानी के लिए बहुत कम कैमरे हैं।
और आप जानते हैं, अगर कोई आग लगे तो आपको तुरंत अग्निशमन दल नहीं मिलेगा।
यह सब बस एक बड़ा फ्रेम है।
आप लोग इतने साधारण बातों पर भरोसा करते हैं।
मैं तो इस बात को नहीं मानती कि कोई भी व्यक्ति यहां बच गया।
मैंने एक वीडियो देखा था, जिसमें एक आदमी चिल्ला रहा था कि वह अपना बच्चा खो चुका है।
लेकिन उसकी बात किसी ने नहीं सुनी।
यही तो सच है।
हम सब इस बात को छुपा रहे हैं।
इस तरह के नाटक हमें बेवकूफ बनाते हैं।
Guru Singh
फ़रवरी 2 2025महाकुम्भ के दौरान आग लगने की संभावना पहले से ही जानी जाती थी। अग्निशमन दल की तैयारी और लोगों को निकालने की तेजी देखकर लगता है कि ये अभ्यास पहले से किया गया था।
Sahaj Meet
फ़रवरी 3 2025ये तो बहुत अच्छा हुआ कि जान बच गई। यहां तो हर बार भीड़ देखकर डर लगता है।
लेकिन अब लोगों को भी सावधान रहना चाहिए। गैस सिलेंडर या बिजली के तार ले आना बंद कर देना चाहिए।
Madhav Garg
फ़रवरी 4 2025इस घटना के बाद भी महाकुम्भ चल रहा है, यह दिखाता है कि हमारी सांस्कृतिक आस्था अटल है।
प्रशासन की तेजी से प्रतिक्रिया ने एक बड़ी आपदा को रोक दिया।
Sumeer Sodhi
फ़रवरी 6 2025अरे यार, ये सब तो बस एक बड़ा धोखा है।
क्या तुम्हें लगता है कि ये आग अचानक लगी? नहीं भाई, ये तो पहले से तैयार किया गया था।
इसलिए कि लोगों को डरा दिया जाए और वे अपनी जगह छोड़ दें।
और फिर ये लोग बोलते हैं कि अच्छा हुआ कि कोई नहीं मरा।
पर जो मरे वो कहां गए? क्या तुमने कभी किसी के शव देखे हैं जो इस आग में जल गए? नहीं ना?
ये सब बस खबरों का खेल है।
Sai Teja Pathivada
फ़रवरी 8 2025मुझे लगता है कि ये आग एक टेस्ट थी।
सरकार ने ये सब इसलिए किया कि देखें कि कितनी जल्दी लोग भागते हैं और कितनी तेजी से अग्निशमन दल आते हैं।
और फिर उन्होंने बताया कि कोई नहीं मरा।
लेकिन मैंने एक वीडियो देखा था जिसमें एक आदमी बेहोश पड़ा था और उसे ले जाया गया।
वो कहीं नहीं गया था।
उसकी जान चली गई थी।
लेकिन ये खबर नहीं दी गई।
इसलिए अब ये सब तो बस एक बड़ा झूठ है।
तुम लोग इतने आसानी से भरोसा कर लेते हो।
मैं तो अब इस तरह के मेलों में नहीं जाऊंगा।
ये सब एक बड़ा फ्रेम है।
और अगर तुम ये नहीं मानते तो फिर एक दिन तुम्हारी जान भी चली जाएगी।
और तब तुम भी खामोश हो जाओगे।