आँखों का संक्रमण – क्या होता है और कैसे बचें?
आँखें हमारी सबसे नाज़ुक चीज़ें हैं, इसलिए जब उनमें खुजली, लालिमा या पानी आ जाए तो हम तुरंत परेशान हो जाते हैं। अक्सर यह संक्रमण बैक्टीरिया, वायरस या एलर्जी की वजह से होता है। अगर सही समय पर इलाज न किया गया तो समस्या बढ़ सकती है। चलिए, इस लेख में समझते हैं कि आँखों का संक्रमण कब शुरू होता है, क्या लक्षण दिखते हैं और घर पर क्या‑क्या उपाय मददगार होते हैं।
संक्रमण के प्रमुख कारण
सबसे आम कारण हैं:
- बैक्टीरियल इन्फेक्शन: पसीना, धूल या पुरानी कॉन्टैक्ट लेन्स से बैक्टीरिया आँख में पहुँच सकता है।
- वायरल इन्फेक्शन: सर्दी या फ्लू के साथ अक्सर वायरल इन्फेक्शन फ़ैलता है, जैसे ‘कोरनिया’।
- एलर्जी: परागकण, पालतू जानवरों की रूसी या मोमबत्ती के धुएँ से आँख में जलन हो सकती है।
- खराब स्वच्छता: हाथों को साफ़ न कर के आँखों को छूना या पुरानी मेकअप आइटम इस्तेमाल करना।
इन कारणों को समझने से आप रोज़ाना की आदतों में बदलाव कर सकते हैं और संक्रमण से बच सकते हैं।
लक्षण और कब डॉक्टर को दिखाएँ?
आँखों का संक्रमण आमतौर पर ये लक्षण दिखाता है:
- लालिमा या रक्तस्राव जैसा दिखना
- खुजली या जलन का अनुभव
- पानी या मोटी पानी जैसी रत्ता
- धुंधला दिखना या प्रकाश से तकलीफ़
- सफेद या पीले रंग का पीपल (पुस) बनना
अगर इनमें से दो से अधिक लक्षण दो‑तीन दिनों से बने रहें, या दर्द तेज हो, आंख में प्रकाश से बहुत ज़्यादा तकलीफ़ हो, तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएँ। क्योंकि कुछ मामलों में एंटी‑बायोटिक या एंटी‑वायरल दवाओं की ज़रूरत पड़ती है।
अब बात करते हैं घर पर क्या‑क्या कर सकते हैं जिससे राहत मिले और संक्रमण की गति धीमी पड़े।
घरेलू उपाय: जल्दी आराम पाने के आसान टिप्स
1. साफ़ पानी से धोएँ – एक साफ़ कपड़े या कॉटन पैड को ठंडे पानी में भिगोकर आँखों पर हल्के से रगड़े। इससे पुस ढीला होगा और जलन कम होगी।
2. नमक पानी (सलाइन) ड्रॉप – दवा की दुकान से नमक पानी की बूंदें खरीदें या ½ चम्मच नमक को आधा लीटर उबले पानी में घोलकर ठंडा करके ड्रॉप्स बनायें। दिन में 3‑4 बार उपयोग कर सकते हैं।
3. हाइड्रेशन रखें – शरीर में पानी कम होने से आँखों में सूखापन बढ़ता है। दिन में कम से कम 8‑10 ग्लास पानी पिएँ।
4. गर्म पैक – साफ़ कपड़े को गर्म पानी में भिगोकर थोड़ी देर के लिए निचोड़ें और आँखों पर रखें। यह ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाता है और पुस को ढीला करता है।
5. कॉन्टैक्ट लेन्स से बचें – संक्रमण के दौरान लेन्स न पहनें, कम से कम दो‑तीन दिन ब्रेक रखें।
इन साधारण उपायों से कई बार लक्षण कम हो जाते हैं, लेकिन अगर सुधार नहीं दिखता तो डॉक्टर की सलाह लेना ही बेहतर रहेगा।
सुरक्षा के लिए कुछ छोटी‑छोटी बातों का ध्यान रखें: हमेशा हाथ धुले, मेकअप की तारीख देखे, फाउंडेशन या आईलाइनर को रोज़ बदलें, और सार्वजनिक जगह पर मीटिंग रूम या लैब में आँखों को छूने से बचें।
आँखों का संक्रमण अक्सर छोटी सी लापरवाही से शुरू होता है, लेकिन सही देखभाल और समय पर उपचार से इसे जल्दी ठीक किया जा सकता है। अगर आपके पास भी ऐसे कोई सवाल या अनुभव है, तो नीचे कमेंट करें – हम सब मिलकर बेहतर समाधान खोजेंगे।
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