चुनाव आयोग – क्या है, कैसे काम करता है और ताज़ा खबरें
अगर आप भारत में वोट देने की सोच रहे हैं तो सबसे पहले जानना जरूरी है कि चुनाव आयोग कौन है और उसका काम क्या है। चुनाव आयोग भारत का स्वतंत्र संस्थान है, जो राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर सभी चुनावों की व्यवस्था करता है। इसका मूल उद्देश्य है निष्पक्ष, पारदर्शी और सुलभ मतदान प्रक्रिया सुनिश्चित करना।
चुनाव आयोग की मुख्य ज़िम्मेदारियाँ
छोटे‑छोटे कामों की बड़ी जिम्मेदारी होते हैं। सबसे पहले, मतदाता सूची बनाना और अप‑डेट रखना उनका काम है। हर पाँच साल में नया सरणी बनता है, ताकि सभी वयोग्रस्त नागरिकों को वोट करने का अधिकार मिले। दूसरा, इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) और विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की टेस्टिंग, रख‑रखाव और सुरक्षा भी उनका काम है। तीसरा, चुनाव में अभियान नियम बनाना, जैसे क्या वादा किया जा सकता है, कितना खर्च हो सकता है, ये सब तय करना। चौथा, चुनाव के दौरान गड़बड़ी या धोखाधड़ी की रिपोर्ट मिलने पर तुरंत कार्रवाई करना। इन सब चीज़ों से वोटर भरोसा रख पाते हैं कि उनका वोट गिना गया है।
हाल के प्रमुख निर्णय और अपडेट
पिछले कुछ महीनों में चुनाव आयोग ने कई अहम फैसले लिये हैं। सबसे बड़ा कदम ‘निवास प्रमाणपत्र’ (घर प्रमाणपत्र) को वोटर आईडी में जोड़ना था, जिससे ग्रामीण इलाकों में भी पहचान की समस्या कम हुई। दो‑तीन राज्य अब ‘ऑनलाइन वोटर रेजिस्ट्रेशन’ प्रणाली अपना रहे हैं, जिससे इंटरनेट पर ही पहचान अपडेट किया जा सकता है।
इस साल के लोकसभा चुनाव में ईवीएम में नई सुरक्षा फीचर, ‘ईवीएम‑सी’ (Secure) को लागू किया गया। यह फ़ीचर झांसे को रोकता है और हर मतदान पर रीयल‑टाइम रेकॉर्ड बनाता है। इसके साथ ही, चुनाव आयोग ने ‘पारदर्शी फंड डिस्क्लोज़र’ भी जारी किया, जिससे पार्टी के खर्चे जनता को आसानी से दिख सकें।
अगर आप वोटर पंजीकरण या अन्य सवालों के जवाब चाहते हैं, तो आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर ‘नज़र रखिए’ सेक्शन में ऑनलाइन फॉर्म भर सकते हैं। अधिकांश मुद्दों के जवाब 24 घंटे में मिल जाते हैं। याद रखिए, मतदान के दिन अपना पहचान पत्र और वोटर आईडी साथ ले जाना अनिवार्य है, नहीं तो वोट नहीं मिलेगा।
आगे बढ़ते हुए, चुनाव आयोग ने 2026 तक सभी शहरों में ‘स्मार्ट मतदान बूथ’ लगाने की योजना बनाई है। इसका मकसद है मतदाता अनुभव को आसान बनाना और लंबी कतारों से बचना। इस योजना के तहत, मोबाइल ऐप के ज़रिए भी वोट डालने की सम्भावना है, पर अभी पायलट चरण में है।
तो संक्षेप में, चुनाव आयोग वह संस्थान है जो हमारी लोकतांत्रिक आवाज़ को सुरक्षित रखता है। चाहे वह वोटर लिस्ट अपडेट करना हो, ईवीएम की सुरक्षा बढ़ाना हो या नई तकनीक लाना हो, हर कदम में हमें बेहतर मतदान अनुभव मिलने की कोशिश की जाती है। अगर आप किसी भी चुनाव से जुड़ी जानकारी चाहते हैं तो ‘भारत दैनिक समाचार’ पर बार‑बार जाएँ, जहाँ आपको हर अपडेट मिल जाएगा।
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने विपक्ष विशेषकर राहुल गांधी को चुनाव आयोग के खिलाफ आरोपों पर कड़ी चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि सात दिन में शपथपत्र देकर आरोपों का सबूत दें या देश से माफी मांगें, अन्यथा आरोप निराधार माने जाएंगे। बिहार में वोटर लिस्ट संशोधन पर भी विस्तार से सफाई दी गई।
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