IC 814: 1999 की सबसे बड़ी हिजैक की कहानी
अगर आप भारत की एयरलाइंस के इतिहास को थोड़ा‑सा देखेंगे तो आपको 1999 का एक बड़ा हादसा याद आएगा – IC 814 का हिजैक। उस दिन एयर इंडिया की एक अंतरराष्ट्रीय उड़ान कब्रिस्तान की तरह बन गई, लेकिन साथ ही इस घटना ने हमारे हवाई सुरक्षा को भी लेवल‑अप कर दिया।
हिजैक की शुरुआत और यात्रा
12 फ़रवरी 1999 को नई दिल्ली से हवाई अड्डे पर निकली IC 814, कतर के दोहा से होते हुए और बंध आदि कोलेत्रिया (ओडें) की ओर जा रही थी। सात कबीलियों के आतंकवादियों ने 177 किमी के बाद भारत के बेंगलुरु के पास के एक छोटे से नगर में जेट को रोक दिया। उन्होंने 7 रहस्यकारकों को पकड़कर फाइलें बनाई, फिर अपना हजाका ऑपरेशन शुरू किया।
अकेब तक, हिजैकर्स ने इस विमान को 3 देशों – लिबिया, जॉर्डन और अंत में कंधर (अब इराक) में ले जाया। हर एक स्टॉप पर यात्रियों को अलग‑अलग बिंदु पर छोड़ते रहे, लेकिन कुछ को बंदियों की तरह रख दिया। इस दौरान भारत सरकार को कई बार सौदे के बारे में मांगें मिलीं, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
इंटरनेशनल प्रतिक्रिया और परिणाम
विमान को कई देशों के आकाश में फँसाया गया था, इसलिए इंटरनेशनल एटीएम (अंतर्राष्ट्रीय यातायात प्रबंध) ने एक बड़ा दबाव बनाया। संयुक्त राष्ट्र, यूएस, यूएई और यूरोप के कई देशों ने भारत को मदद करने का प्रस्ताव रखा, लेकिन आतंकवादी ने अपने सवालों के जवाब नहीं दिए। आखिरकार, 24 अक्टूबर 1999 को इराक की ओमान में विमान को डिक्लैरेशनों के तहत वापस किया गया। इस प्रक्रिया में भारतीय यात्रियों को 14 दिन तक रक्षाबंधन की तरह नज़रअंदाज़ किया गया।
हिजैक के बाद भारतीय एयरलाइन और सुरक्षा एजेंसियों ने कई बदलाव किए। कंधर में टर्मिनल को हाई‑टेक स्कैनर मिलते हैं, और सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में बायो‑मिक्स तकनीक लागू हो गई। विमान की हर बैग को लेकर, नियंत्रण में रखने के लिए नए प्रोटोकॉल बन गए।
इस घटना ने भारतीय जनता को भी जागरूक किया। कई लोग अब यात्रा से पहले सुरक्षा की जांच कराते हैं, और सरकार ने विमान पर रैखिक डिटेक्टर लगवाने की नीति अपनाई।
आज भी IC 814 की कहानी फिल्म, डॉक्युमेंट्री और किताबों में अक्सर देखी जाती है। इसका मुख्य संदेश यही है – सुरक्षा में कोई समझौता नहीं होना चाहिए, चाहे वह हवाई सफ़र हो या जमीन पर। अगर हम इस बात को याद रखें, तो भविष्य में ऐसी किसी भी बड़ी हिजैक को रोका जा सकता है।
अभिलाषा सिन्हा द्वारा निर्देशित और त्रिशांत श्रीवास्तव द्वारा सह-लिखी गई नेटफ्लिक्स श्रृंखला *IC 814: कंधार अपहरण* भारतीय एयरलाइंस के विमान 814 के अपहरण की सच्ची घटना पर आधारित है। यह श्रृंखला 6 भागों की सीमित श्रृंखला है, जिसमें 1999 में हुई इस दुर्घटना का विस्तार से वर्णन है।
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