IMD अलर्ट – क्या है, क्यों चाहिए और कैसे रखें अपडेट
भारत में मौसम से जुड़ी खबरें अक्सर अचानक बदलती रहती हैं। ऐसे में भारत मौसम विभाग (IMD) के अलर्ट आपके लिए बेहतरीन सुरक्षा कवच बनते हैं। अगर आप दिल्ली में रहने वाले हैं, तो IMD द्वारा जारी "आंधी और बारिश का अलर्ट" आपके दिन‑रात की योजनाओं को सीधे प्रभावित कर सकता है। इसी तरह राजस्थान के बाड़मेर में अचानक बरसात या उत्तर प्रदेश में धूप‑से‑ठंड का बदलाव भी IMD अलर्ट से ही पता चलता है।
IMD अलर्ट कब और कैसे जारी होते हैं?
IMD मौसम विज्ञानियों के नेटवर्क और सैटेलाइट डेटा का इस्तेमाल करके विभिन्न क्षेत्रों में संभावित खतरे पहचानता है। अगर किसी जगह में तेज़ हवाओं, भारी बारिश या तेज़ तापमान बढ़ोतरी की संभावना होती है, तो वे तुरंत अलर्ट जारी करते हैं। आमतौर पर अलर्ट तीन श्रेणियों में आते हैं – ‘अलर्ट’, ‘वार्निंग’ और ‘अडवाइस’। अलर्ट सबसे गंभीर होता है, जैसे दिल्ली में अचानक 40°C से ऊपर तापमान और अचानक ठंडी धारा के साथ बारिश का जोखिम।
इंस्ट्रूमेंट्स और ऐप्स – IMD अलर्ट को पाते रहें
आजकल अधिकांश लोग अपने मोबाइल से ही जानकारी लेते हैं। IMD का ऑफिशियल ऐप, विज्ञान विभाग की वेबसाइट और विभिन्न फ़ोन एप्प्स (जैसे Weather.com, AccuWeather) IMD अलर्ट को रियल‑टाइम में पुश नोटिफ़िकेशन के रूप में भेजते हैं। बस एक बार सेटिंग में अलर्ट को एनेबल कर दें और मौसम के बदलते पैटर्न से हमेशा एक कदम आगे रहें। अगर आप सोशल मीडिया पर फ़ॉलो करना पसंद करते हैं, तो IMD के आधिकारिक ट्विटर और फ़ेसबुक पेज पर भी अलर्ट की ताज़ा जानकारी आती रहती है।
इन साधनों का इस्तेमाल करके आप न केवल खुद को, बल्कि अपने परिवार और पड़ोसी को भी सुरक्षित रख सकते हैं। उदाहरण के तौर पर, जब दिल्ली में IMD ने "बारिश और आंधी का अलर्ट" जारी किया, तो कई लोग अपनी यात्रा योजनाओं को री‑शेड्यूल कर पाए और अचानक बाढ़ की स्थिति से बच पाए। इसी तरह बाड़मेर में अचानक बारिश का अलर्ट आने पर किसानों ने फसल की सुरक्षा के लिए तुरंत कदम उठाए।
IMD अलर्ट का असर सिर्फ व्यक्तिगत सुरक्षा तक सीमित नहीं है। व्यापार, परिवहन, विमानन और कृषि क्षेत्र भी इन चेतावनियों पर भारी निर्भर होते हैं। यदि आप सप्लाई चेन मैनेजमेंट या लॉजिस्टिक्स में हैं, तो ट्रैफ़िक जाम या धुंधली परिस्थितियों की जानकारी से रूट बदलना आसान हो जाता है। इसी तरह, किसानों को मौसम विभाग की चेतावनी से सिचाई या फसल कटाई के सही समय का पता चलता है, जिससे उत्पादन में नुकसान काफी कम हो जाता है।
तो, संक्षेप में, IMD अलर्ट सिर्फ एक साधारण सूचना नहीं, बल्कि रोज़मर्रा की ज़िंदगी में निर्णय लेने का महत्वपूर्ण टूल है। इसे अनदेखा न करें और हमेशा अपने फोन या कंप्यूटर पर अपडेटेड रखें। याद रखें, जब मौसम की बात आती है, तो तैयार रहना आधी जीत है।
IMD ने बिहार के 25 जिलों में पीला अलर्ट जारी किया है। कई जगह हल्की से मध्यम बारिश के साथ तेज गर्जन और बिजली गिरने की आशंका है, हवा की रफ्तार 30-40 किमी/घंटा तक रह सकती है। पटना में सुबह से तेज बारिश, दक्षिण बिहार में ज्यादा बरसात की संभावना। गंगा का जलस्तर हाजीपुर-हथिदह सेक्शन में खतरे के पार, SDRF तैनात। 10 सितंबर तक भारी बारिश की संभावना कम, उमस बढ़ेगी।
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