इंदिरा गांधी के महत्वपूर्ण पहलू और उनका इतिहास
जब हम इंदिरा गांधी, 1970‑80 के दशक में भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री और कांग्रेस पार्टी की प्रमुख रणनीतिक नेता. Also known as इंदिरा प्रसाद गांधी की बात करते हैं, तो भारतीय राजनीति, देश के राजनीतिक मंच, दल, चुनाव और नीति निर्माण की प्रणाली, कांग्रेस पार्टी, भारत की सबसे पुरानी राष्ट्रीय कांग्रेस, जिसने स्वतंत्रता आंदोलन से लेकर आज तक शासन किया और आपातकाल (1975‑1977), एक विवादास्पद अवधि जिसमें मौलिक अधिकारों पर प्रतिबंध और प्रेस सेंसरशिप लागू हुई जैसे प्रमुख शब्द जुड़ते हैं। इंदिरा गांधी ने ‘देश के लोकतंत्र को मजबूती देना’ को अपना लक्ष्य बनाया, लेकिन इंदिरा गांधी के अमल में कई बार विरोध भी मिला।
मुख्य सिद्धांत और नीतियाँ
इंदिरा गांधी का राजनैतिक सफर आर्थिक योजना और विदेश नीति से घनिष्ठ रूप से जुड़ा रहा। उन्होंने गरीबी हटाने के लिये ग्रीन रीवॉल्यूशन की शुरुआत की, जिससे कृषि उत्पादन में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई। वह ‘गैर-समरूपी विकास’ पर ज़ोर देती थीं, यानी विकास के लाभ सभी वर्गों तक पहुंचने चाहिए। विदेश नीति में, उन्होंने भारत को ‘गैर-समरूपी शक्ति’ बनाते हुए सुदूर पूर्व एशिया और अफ्रीका में मित्र देशों के साथ सामरिक गठजोड़ मजबूत किए। यही कारण था कि 1971 का बांग्लादेश युद्ध उनके नेतृत्व में सफल रहा।
दूसरी ओर, आपातकाल के दौरान उनके कदमों ने भारतीय लोकतंत्र को चुनौती दी। संसद को बंद करके, कई नेताओं को गिरफ़्तार किया गया और प्रेस को सेंसर किया गया। कई विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर उठाया गया, लेकिन इससे मौलिक अधिकारों पर गहरा असर पड़ा। फिर भी, आपातकाल के बाद 1977 में कांग्रेस ने भारी हार झेली, जिससे यह साबित हुआ कि जनता सत्ता में बदलाव को झिझकती नहीं।
इंदिरा गांधी का नेतृत्व केवल एक व्यक्ति की कहानी नहीं, बल्कि महिला नेता के रूप में शक्ति की नई परिभाषा भी है। उन्होंने पारंपरिक सामाजिक मान्यताओं को तोड़ते हुए महिलाओं को राजनीति में प्रमुख भूमिका देने की कोशिश की। आज भी कई महिला राजनीतिक व्यक्तित्व उन्हें प्रेरणा मानते हैं। उनका ’आइडिया’ यह था कि ‘महिला भी राष्ट्र निर्माण में बराबर का योगदान दे सकती है’। इस कारण से उन्होंने शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई प्रमुख योजनाएं शुरू कीं, जैसे कि महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम।
नीचे आप विभिन्न लेख देखेंगे जो इंदिरा गांधी के जीवन के विभिन्न पहलुओं—राजनीति, नीति, विवाद और विरासत—को कवर करते हैं। चाहे आप उनके आर्थिक कदमों, विदेश नीति के प्रभाव या आपातकाल के ऐतिहासिक विश्लेषण में रुचि रखते हों, इस संग्रह में सब कुछ मिलेगा। अब आगे बढ़ें और देखें कि इंदिरा गांधी ने भारतीय इतिहास को कैसे आकार दिया।
अक्टूबर 2025 में दीपावली, छठ महापर्व, करवा चौथ, सदार पटेल और इंदिरा गांधी की पुण्यतिथियों सहित 31 प्रमुख व्रत‑त्योहार मनाए जाएंगे, जो सामाजिक और आर्थिक दोनों पहलुओं को प्रभावित करेंगे।
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