कैंसर क्या है और क्यों बनता है?
कैंसर शरीर की कोई भी सेल जब नियंत्रित तरीके से नहीं बढ़ती, तो वह ट्यूमर बनाता है। कभी‑कभी ये ट्यूमर सुस्ती से बढ़ते हैं, तो कभी तेज़ी से फैलते हैं। सरल शब्दों में कहें तो आपका डीएनए कुछ गलत संकेत दे देता है और सेल अनियंत्रित रूप से बढ़ती जाती है।
हर साल लाखों लोग इस बीमारी से जूझते हैं, लेकिन सही जानकारी और समय पर कार्रवाई से कई मामलों में राहत मिलती है। तो चलिए, कैंसर की पहचान, रोकथाम और इलाज पर बात करते हैं।
कैंसर के आम लक्षण
हर प्रकार के कैंसर के लक्षण अलग‑अलग होते हैं, पर कुछ सामान्य संकेत हैं जो अक्सर नजर में आते हैं:
- अजाने में वजन घटना या बढ़ना।
- लगातार थकान महसूस होना, आराम से भी नहीं भरता।li>
- कोई असामान्य गाँठ, दाने या घाव जो देर तक नहीं ठीक होते।li>
- खाने में दर्द, स्वाद बदलना या निगलने में दिक्कत।li>
- खून का छींटा या मज़े में बदलाव (जैसे, लिंग या योनि से असामान्य रक्तस्राव)।li>
अगर इन में से कोई भी लक्षण कई हफ़्तों से बना रहे, तो डॉक्टर से मिलना बेहतर रहेगा। याद रखिए, शुरुआती पहचान उपचार को आसान बनाती है।
रोकथाम व इलाज के आसान उपाय
कैंसर पूरी तरह से रोका नहीं जा सकता, पर कुछ आदतें जोखिम को बहुत कम कर देती हैं।
सही खान‑पान: तले‑भुने वाले, बहुत तेज़ मसालेदार भोजन कम करें। ज्यादा फाइबर, फल और सब्जी खाएँ। प्रोसेस्ड मीट और शक्कर वाली चीज़ें सीमित रखें।
धूम्रपान और शराब: सिगरेट और शराब दोनों कैंसर के बड़े कारण हैं। अगर आप इन्हें नहीं छोड़ सकते, तो कम से कम मात्रा में उपयोग करें और नियमित जांच कराते रहें।
शारीरिक सक्रियता: रोज़ 30 मिनट तेज़ चलना, साइकिल चलाना या कोई खेल खेलने से शरीर के रोग प्रतिरोधक तंत्र मजबूत होते हैं।
सूर्य से सुरक्षा: धूप में बाहर निकलते समय सनस्क्रीन लगाएँ, टोपी पहनें और दोपहर के समय ज्यादा धूप से बचें। त्वचा कैंसर का खतरा बहुत बढ़ जाता है।
नियमित जाँच: 40 साल से ऊपर की उम्र में कैंसर स्क्रीनिंग (जैसे, कोलनॉस्कोपी, ब्रेस्ट स्क्रीनिंग, प्रोस्टेट एंटीजेन टेस्ट) करवाना जरूरी है। शुरुआती चरण में ट्यूमर छोटा रहता है, उपचार आसान और सस्ता होता है।
अगर कैंसर बतौर बीमारी पाई जाती है, तो डॉक्टर विभिन्न विकल्प पेश करेंगे:
- सर्जरी – ट्यूमर को हटाने के लिए।
- कीमोथेरेपी – दवाओं से कैंसर को मारने की कोशिश।
- रेडियोथेरेपी – रेडिएशन से ट्यूमर को नष्ट करना।
- इम्यूनोथेरेपी – शरीर की अपनी रक्षा प्रणाली को सुदृढ़ करना।
आजकल कई कैंसर के लिए लक्ष्य‑आधारित दवाएँ भी उपलब्ध हैं, जो रोगी के शरीर पर कम बुरे असर डालती हैं। इलाज का चयन अक्सर रोग की चरण, प्रकार और मरीज की उम्र पर निर्भर करता है।
सबसे बड़ी बात यह है कि आप खुद को जानकारी से सशक्त बनाएं। अपने शरीर को सुनें, नियमित जांच करवाएं, और हेल्थी लाइफ़स्टाइल अपनाएं। अगर कभी संदेह हो, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें – देर का कोई फायदा नहीं।
कैंसर का सामना करने में डर की जगह जागरूकता को जगह दें। सही कदम उठाने से आप या आपके परिवारजनों की जिंदगी में बड़ा अंतर आ सकता है।
प्रसिद्ध मराठी अभिनेता विजय कदम का 68 वर्ष की आयु में कैंसर के कारण निधन हो गया। उन्होंने मराठी फिल्म और टीवी इंडस्ट्री में अपने बेहतरीन अभिनय के जरिए अनमोल योगदान दिया। उनकी मौत से पूरा मराठी सिनेमा स्तब्ध है और उनके सहयोगियों और प्रशंसकों ने शोक व्यक्त किया है। उनके अंतिम संस्कार और स्मारक सेवा से संबंधित जानकारी जल्द ही साझा की जाएगी।
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