प्रसिद्ध मराठी अभिनेता विजय कदम का निधन: कैंसर से 68 वर्ष की उम्र में दुनिया को कहा अलविदा
प्रसिद्ध मराठी अभिनेता विजय कदम: एक अद्वितीय प्रतिभा का अंत
मराठी सिनेमा ने एक अनमोल रत्न खो दिया है। 10 अगस्त 2024 को, प्रसिद्ध मराठी अभिनेता विजय कदम ने 68 वर्ष की आयु में अंतिम सांस ली। उनकी मृत्यु कैंसर के जटिलताओं के कारण हुई। विजय कदम का नाम मराठी फिल्म और टेलीविजन जगत में बड़े आदर और सम्मान के साथ लिया जाता है। उनके अभिनय की बहुमुखी प्रतिभा ने उन्हें अत्यधिक लोकप्रियता और प्रशंसा दिलाई।
विजय कदम का जन्म महाराष्ट्र के एक छोटे से गाँव में हुआ था। प्रारंभिक जीवन में ही उन्होंने अभिनय के प्रति अपनी गहरी रुचि को पहचान लिया था। उन्हें अभिनय का शौक बचपन से ही था, और इसी शौक ने उन्हें मराठी सिनेमा तक पहुँचाया। उनकी यात्रा आसान नहीं थी, लेकिन उनकी मेहनत और प्रतिभा ने उनकी सभी मुश्किलों को पार कर लिया।
कदम ने अपने करियर की शुरुआत नाटकों से की थी। उनकी नाटक कला ने लोगों का ध्यान खींचा और उन्हें फिल्मों और टेलीविजन सीरियलों में काम करने का मौका मिला। उन्होंने अपनी अद्वितीय शैली और प्रतिभा के साथ हर किरदार में जान डाल दी। उनके द्वारा निभाए गए हर किरदार ने लोगों के दिलों में गहरी छाप छोड़ी।
मराठी सिनेमा में कदम का योगदान
विजय कदम के करियर का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा उनकी मुख्य और सहायक भूमिकाएँ थीं, जिनमें उन्होंने अपनी कला का जबरदस्त प्रदर्शन किया। उनकी बेहतरीन फिल्मों में से कुछ नामचीन रचनाएँ शामिल हैं, जिनके नाम हैं 'सिंधु स्वराज्य', 'शानिवार रात', 'धरतीपुत्र', और 'सम्पत्ति'। इनके अलावा, टीवी धारावाहिकों में भी उनकी अदाकारी ने सभी का मन मोह लिया था। उनकी हर परफॉर्मेंस को दर्शकों और आलोचकों दोनों ने सराहा था।
विजय कदम का करियर सिर्फ अभिनय तक सीमित नहीं था; उन्होंने अपने जीवन में मराठी सिनेमा के लिए कई और योगदान भी दिए। वह नए कलाकारों को प्रोत्साहित करने का काम भी करते थे। उन्होंने कई नए चेहरों को सिनेमा और थिएटर में अपनी पहचान बनाने का मौका दिया। उनकी निःस्वार्थ सेवा और समर्पण ने उन्हें उनके सहयोगियों और प्रशंसकों में अलग स्थान दिलाया।
मृत्यु और शोक
विजय कदम की मृत्यु की खबर ने सभी को स्तब्ध कर दिया। मराठी सिनेमा जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। अभिनेताओं, निर्देशक, और उनके सहकर्मियों ने कदम के असमय निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। सोशल मीडिया पर कदम के संस्मरण और श्रद्धांजलि देने वालों की बाढ़ आ गई है। उनकी हरियाली और हमेशा सकारात्मक रहने वाले व्यक्तित्व की सभी ने तारीफ की हैं।
अंतिम संस्कार और स्मारक सेवा के आयोजन की घोषणा अभी की जानी बाकी है। पूरी उम्मीद है कि मराठी सिनेमा का हर स्टार और उनके प्रशंसक इस महान अभिनेता को अंतिम विदाई देने के लिए एकत्र होंगे।
विजय कदम की मृत्यु उनके परिवार, दोस्तों, और प्रशंसकों के लिए एक बहुत बड़ी क्षति है। मराठी सिनेमा एक ऐसे अभिनेता को खो चुका है जिसने अपनी अद्वितीय प्रतिभा और समर्पण के माध्यम से सबका दिल जीत लिया।
उनकी अदाकारी और उनके द्वारा निभाए गए किरदार हमेशा याद रखे जाएंगे। विजय कदम ने अपनी कला के माध्यम से जो योगदान दिए हैं, वे मराठी सिनेमा के इतिहास में सदैव अमर रहेंगे।
14 टिप्पणि
Raghunath Daphale
अगस्त 10 2024अरे भाई ये तो बहुत बड़ी बात है... विजय कदम जैसा आदमी निकल गया? 😢 अब कौन बोलेगा ये लाइनें? मराठी सिनेमा तो अब बस एक शो है, ना कि कला।
Renu Madasseri
अगस्त 12 2024उनकी आवाज़ में इतनी गहराई थी कि बिना कहे भी लगता था कि वो जी रहे हैं। मैंने उनका 'धरतीपुत्र' देखा था बचपन में... अभी तक याद है। उनकी याद जिंदा रहेगी। 🙏
Sanjay Singhania
अगस्त 12 2024लोक-सांस्कृतिक अभिव्यक्ति के अंतर्गत, विजय कदम का अभिनय एक रेडिकल एक्सप्रेशनिस्ट प्रैक्टिस था, जिसने नैरेटिव डायनामिक्स को री-डेफिन किया। उनकी एक्टिंग एक फिनोमेनोलॉजिकल एक्सपीरियंस थी, जिसमें अस्तित्ववाद का अंतर्निहित भाव था।
Aniket Jadhav
अगस्त 13 2024मैंने उन्हें एक नाटक में देखा था... बस एक घंटे का एक दृश्य था, लेकिन उसके बाद मैं घर आया और रो पड़ा। ऐसे आदमी नहीं मरते, वो बस और गहरे हो जाते हैं।
Anoop Joseph
अगस्त 15 2024हमेशा शांत रहते थे। कभी बड़बड़ाते नहीं। बस काम करते रहते। इतना सम्मान करने वाला इंसान।
Kajal Mathur
अगस्त 17 2024मराठी सिनेमा का एक अतीत का अवशेष, जिसे आज के ट्रेंडी रियलिटी शोज़ और स्टार प्रमोशन ने धुंधला कर दिया है। विजय कदम एक ऐसे युग के प्रतीक थे जिसे आज नहीं समझा जाता।
rudraksh vashist
अगस्त 18 2024उनकी आँखों में दर्द भी था और उम्मीद भी... उन्होंने दर्शकों को बस दिखाया कि जिंदगी क्या है। बस इतना ही काफी है।
Archana Dhyani
अगस्त 19 2024क्या आपने कभी ध्यान दिया कि आज के अभिनेता तो बस फोटो शूट करके बॉक्स ऑफिस बनाने की कोशिश करते हैं? विजय कदम तो एक विशाल आध्यात्मिक अभिव्यक्ति थे, जिन्होंने अपने शरीर को एक शास्त्रीय यंत्र की तरह इस्तेमाल किया, जिसमें भावनाओं की गहराई को बार-बार रिपीट करके अपनी आत्मा को बहाल किया। ये आज के लोगों को समझ नहीं आएगा।
Guru Singh
अगस्त 19 2024उन्होंने अपने बेटे को भी अभिनय का साथ दिया था। मैंने एक इंटरव्यू देखा था, जहाँ बेटा बोल रहा था कि 'पापा ने कभी कोई बात नहीं कही, बस अपने काम से सब कुछ सिखाया।' वो असली अभिनेता थे।
Sahaj Meet
अगस्त 20 2024मैं बिहार से हूँ, लेकिन उनकी फिल्में मैंने देखीं। उनकी आवाज़ में एक ऐसी गर्माहट थी जो किसी भी भाषा को पार कर जाती थी। जब भी मैं थक जाता हूँ, तो उनका एक दृश्य देख लेता हूँ।
Madhav Garg
अगस्त 21 2024उनकी फिल्मों में कोई भी डायलॉग बोलते नहीं थे। वो खामोशी में भी बात कर देते थे। आज के अभिनेता तो डायलॉग बोलने में ही थक जाते हैं।
Sumeer Sodhi
अगस्त 22 2024अरे ये तो बस एक आदमी था जिसने अपना काम किया। अब तो लोग बस इतना ही बोलते हैं कि 'ओह वो तो बहुत अच्छे थे'... लेकिन उनकी जगह लेने वाला कोई नहीं है। अब तो फिल्में बस इंस्टाग्राम रील्स की तरह बन रही हैं।
Vinay Dahiya
अगस्त 22 2024मराठी सिनेमा का अंतिम वास्तविक अभिनेता? अरे भाई, ये तो सिर्फ एक शो है जो बंद हुआ... अब तो सब बस नाटक नहीं, बल्कि टीवी सीरीज़ के लिए एक्टिंग करते हैं! और फिर भी लोग रोते हैं... ये तो बस एक नैरेटिव बनाने की कोशिश है!
Sai Teja Pathivada
अगस्त 23 2024क्या आपको पता है कि ये सब एक बड़ा बिजनेस गेम है? विजय कदम की मृत्यु के बाद तो सब ने उनकी फिल्में री-रिलीज़ करनी शुरू कर दीं... और अब उनकी तस्वीरें बेच रहे हैं। ये तो एक राजनीतिक अभिनय है... वो तो अभी भी जिंदा हैं... बस अब उनकी याद के नाम पर पैसे कमा रहे हैं।