पिच मरम्मत क्या है और क्यों जरूरी है?
क्रिकेट में पिच मैदान का दिल है। अगर पिच असमान या टूटे‑फूटे रहे तो बॉल का बाउंस, स्पिन या तेज़ रफ़्तार बदल जाती है और दोनों टीमों को असमान लाभ मिलता है। इसलिए हर मैच से पहले, बीच में और बाद में पिच की मरम्मत ज़रूरी होती है।
पिच मरम्मत के मुख्य चरण
पहला कदम है सतह की जाँच। ग्राउंड स्टाफ देखता है कि कहीं पिच पर क्रैक्स, फुट-मार्क या गड्ढे तो नहीं हैं। अगर होते हैं तो उन्हें हल्के‑हाथ से रबड़ के रोलर या ब्रश से साफ़ किया जाता है। दूसरा चरण है आर्द्रता का संतुलन। पिच को बहुत सूखा नहीं और बहुत गीला नहीं होना चाहिए; इसलिए पानी की बूंदें या सवेतन स्प्रे का प्रयोग किया जाता है। तीसरा कदम है रोलिंग। भारी रोलर से पिच को समान और सुदृढ़ बनाते हैं, जिससे बॉल का बाउंस स्थिर रहता है। आखिरी में डस्टिंग किया जाता है – पिच के किनारे पर हल्की धूल छिड़कते हैं ताकि बॉल की गति और स्पिन दोनों नियंत्रित रहे।
प्रसिद्ध पिच मरम्मत की कहानियां
एक यादगार घटना 2015 विश्व कप में हुई थी। इंग्लैंड की पिच पर तेज़ गिरावट देखी गई और मैनेजमेंट ने तुरंत अतिरिक्त रोलिंग किया। इससे बॉल का बाउंस सुधरा और मैच का परिणाम बदल गया। इसी तरह 2022 एशिया कप में बांग्लादेश की पिच पर बारिश के बाद गेंदबाज़ों को फायदा मिला, लेकिन मरम्मत टीम ने लाइट रिंटिंग से पिच को फिर से तैयार किया, जिससे बैट्समन को भी मौका मिला।
पिच मरम्मत में इस्तेमाल होने वाले उपकरण भी दिलचस्प हैं। आमतौर पर दो तरह के रोलर होते हैं – हल्का (हैन्डहेल्ड) और भारी (ड्राइव‑ऑन)। हल्के रोलर से छोटे क्रैक्स हटाते हैं और भारी रोलर से पिच की कड़ी बनती है। साथ ही स्प्रे बोतल, हाई‑डेनिसिटी ब्रश और फेनलेस टूल्स का उपयोग भी किया जाता है।
अगर आप कोई स्थानीय क्लब या स्कूल में पिच संभाल रहे हैं, तो कुछ आसान टिप्स फॉलो करें। पहले तो पिच को हर 2‑3 दिन में एक बार रोल करें, खासकर बारिश के बाद। दूसरे, पानी देने से पहले पिच की सतह को हल्के से ब्रश करें ताकि धूल न जमे। तीसरे, जब भी कोई बड़ा बॉलिंग सत्र हो, तो पिच को दो बार रोल करें – एक बार पहले और एक बार बाद में। ये छोटे‑छोटे कदम पिच को एक स्थिर और सुरक्षित मैदान बनाते हैं।
पिच मरम्मत सिर्फ खेल प्रेमियों के लिए नहीं, बल्कि बॉलिस्ट, बैट्समन और कोचों के लिए भी ज़रूरी है। एक अच्छी पिच सभी को समान मौका देती है, जिससे खेल का मज़ा बढ़ता है। इसलिए हर मैच के दौरान और बाद में पिच को ठीक‑ठाक रखना चाहिए, नहीं तो खेल का संतुलन बिगड़ सकता है।
अंत में, अगर आप पिच के बारे में और अधिक जानकारी चाहते हैं, तो अपने स्थानीय क्रिकेट एसोसिएशन से संपर्क करें। वे अक्सर वर्कशॉप और ट्रेनिंग सत्र आयोजित करते हैं जहाँ आप प्रोफेशनल ग्राउंड स्टाफ से सीधे सीख सकते हैं। इस तरह से आप अपनी पिच को बेहतरीन बना सकते हैं और क्रिकेट को और रोमांचक बना सकते हैं।
भारतीय तेज गेंदबाज मुकुंद कुमार ने IND-A और AUS-A के बीच अनऑफिशियल टेस्ट के दौरान पिच मरम्मत में ग्राउंड्समैन की मदद कर खेल भावना की मिसाल पेश की। भारत ए की टीम ने पहली पारी में 107 रन बनाकर दूसरी पारी में 312 रन का स्कोर खड़ा किया। मुकुंद ने पहले छह विकेट लेकर ऑस्ट्रेलिया ए को 88 रन की बढ़त तक सीमित कर दिया था।
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