प्रबंधन शिक्षा का नया दौर – MBA, PGDM और ऑनलाइन कोर्स
आज के भारत में प्रबंधन शिक्षा का महत्व पहले से ज्यादा है। कई कॉलेज, विश्वविद्यालय और निजी संस्थान अलग‑अलग कोर्स पेश कर रहे हैं। आपको कौन सा कोर्स चुनना चाहिए, किस कॉलेज का निकास बेहतर है, औसत शुल्क कितना है और नौकरी की संभावना क्या है – ये सब सवाल अक्सर सामने आते हैं। इस लेख में हम इन सवालों के आसान जवाब देंगे और 2025 की प्रमुख प्रवृत्तियों पर नज़र डालेंगे।
MBA और PGDM में क्या अंतर है?
कोई भी प्रबंधन कोर्स चुनते समय सबसे पहला सवाल MBA बनाम PGDM का अंतर होता है। MBA एक विश्वविद्यालय‑प्रदान किया गया डिग्री होता है, जबकि PGDM संस्थान‑स्वतंत्र प्रबंधन संस्थान (आईआईएम, IIM‑शैल) द्वारा दिया जाता है। दोनों में पाठ्यक्रम, प्लेसमेंट और मान्यता में थोड़ा‑बहुत फ़र्क हो सकता है, पर नौकरी बाजार में दोनों को समान माना जाता है। अगर आप सरकारी या सार्वजनिक विश्वविद्यालय में पढ़ना चाहते हैं तो MBA बेहतर रहेगा, जबकि निजी संस्थान की बेहतर उद्योग‑उन्मुख पढ़ाई चाहिए तो PGDM चुनें।
ऑनलाइन प्रबंधन कोर्स की बढ़ती मांग
COVID‑19 के बाद से ऑनलाइन शिक्षा ने तेज़ी से अपना पैर पसारा है। प्रबंधन के क्षेत्र में भी कई प्लेटफ़ॉर्म 6‑12 महीने के डिप्लोमा, सर्टिफिकेट और इंटर्नशिप‑सहायता वाले कोर्स ऑफ़र कर रहे हैं। ये कोर्स कामकाजी पेशेवरों के लिये विशेष रूप से उपयोगी होते हैं, क्योंकि आप काम के साथ‑साथ पढ़ सकते हैं। कुछ लोकप्रिय प्लेटफ़ॉर्म जैसे Coursera, edX, UpGrad और Simplilearn ने Indian universities के साथ मिलकर मान्यताप्राप्त सर्टिफिकेट जारी किए हैं।
प्रबंधन शिक्षा का खर्च भी अब पहले की तुलना में लचीला हुआ है। सरकारी विश्वविद्यालयों में MBA का वार्षिक शुल्क 1 लाख से 3 लाख रुपये के बीच रहता है, जबकि प्राइवेट IIM‑शैल संस्थानों में ये 5 लाख से 15 लाख तक जा सकता है। PGDM का शुल्क अक्सर 4 लाख से 12 लाख तक होता है। ऑनलाइन कोर्स की फीस 30,000 रुपये से शुरू होती है और 2 लाख तक जा सकती है, जो बजट‑सचेत छात्रों के लिये एक आसान विकल्प बनाता है।
प्लेसमेंट की बात करें तो टॉप 10 संस्थानों से हर साल 90 % से अधिक छात्रों को 6 से 12 माह में नौकरी मिलती है। बड़े कॉर्पोरेट्स जैसे टाटा, विप्रो, महिंद्रा, डेल और एचपी अक्सर इन कैंपसों से सीधे भर्ती करते हैं। ऑनलाइन कोर्स के छात्रों को भी इंटर्नशिप और प्रोजेक्ट‑आधारित लर्निंग के ज़रिए प्रैक्टिकल अनुभव मिलता है, जिससे उनका रिज़्यूमे मजबूत बनता है।
कैरियर विकल्पों की बात करते हुए, प्रबंधन छात्रों को मार्केटिंग, फ़ाइनेंस, ह्यूमन रिसोर्स, ऑपरेशन्स और स्ट्रैटेजी जैसे क्षेत्रों में रो़ज़गार मिल सकता है। 2025 में डेटा‑एनालिटिक्स, डिजिटल मार्केटिंग और इको‑सस्टेनेबल मैनेजमेंट जैसे नयी शाखाएँ उभर रही हैं। अगर आप इन क्षेत्रों में विशेषज्ञ बनना चाहते हैं तो उन पर फोकस वाले electives चुनना समझदारी होगी।
अंत में, सही प्रबंधन शिक्षा चुनने के लिये अपने लक्ष्य, बजट और समय‑सारिणी को साफ़ तौर पर समझें। कॉलेजों के प्रोफाइल, फ़ैकल्टी की क्वालिटी, प्लेसमेंट रिकॉर्ड और अलुमनी नेटवर्क को देखना न भूलें। चाहे आप पूर्ण‑कालिक MBA, PGDM या ऑनलाइन कोर्स चुनें, सबसे ज़रूरी है लगातार सीखते रहना और मार्केट की जरूरतों के अनुसार खुद को अपडेट करना। यही सफलता का मूल मंत्र है।
NIRF रैंकिंग 2024 में IIM अहमदाबाद ने लगातार दूसरे साल शीर्ष स्थान बरकरार रखा है। IIM बेंगलुरु दूसरे स्थान पर और IIM कोझीकोड तीसरे स्थान पर काबिज हैं। ये रैंकिंग शैक्षणिक उत्कृष्टता और गुणवत्तापूर्ण प्रबंधन शिक्षा के लिए प्रसिद्ध हैं।
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