टैक्स फाइलिंग: आसान कदम और ऑनलाइन रिटर्न कैसे जमा करें
टैक्स फाइलिंग करके आप सरकार को अपना आय‑कर रिटर्न भेजते हैं और साथ ही रिटर्न पर रिफंड या टैक्स बचत भी मिलती है। कई लोग सोचते हैं कि ये काम बहुत जटिल है, पर सही जानकारी और कुछ मिनट की तैयारी से आप आसानी से अपना टैक्स फाइल कर सकते हैं। नीचे हम आसान भाषा में हर चीज़ लिख रहे हैं, ताकि आप बिना किसी झंझट के फाइलिंग खत्म कर सकें।
टैक्स फाइलिंग के मुख्य कदम
1. डॉक्यूमेंट्स तैयार रखें – पैन कार्ड, फ़ॉर्म 16 (नियोक्ता से), बैंक स्टेटमेंट, इंवेस्टमेंट रसीदें (फ़ायनेंशियल प्रॉडक्ट्स, PPF, जीवन बीमा आदि) और अगर आप फ़्रीलांसर हैं तो इनवॉइस और कस्टमर लेटर।
2. इन्कम स्लैब समझें – आपके सालाना टैक्सेबल इनकम के आधार पर कौन सा स्लैब लागू है, यह जानना जरूरी है। 2024‑25 में 2.5 लाख तक की इनकम पर कोई टैक्स नहीं, फिर 5%‑30% के बीच स्लैब है। इससे आप अनुमान लगा सकते हैं कि कितना टैक्स देना है या रिफंड मिलेगा।
3. डिडक्शन और एक्सेप्शन देखें – सेक्शन 80C, 80D, 80G आदि में आप क्या‑क्या क्लेम कर सकते हैं, यह चेक करें। अगर आप गृह लोन ले रहे हैं या ट्यूशन फीस दे रहे हैं, तो ये भी टैक्स बचत में मदद करेंगे।
4. ई‑फ़ाइलिंग पोर्टल खोलें – आयकर विभाग का आधिकारिक साइट (https://www.incometax.gov.in) या आयकर एप खोलें। आपका पैन नंबर और पासवर्ड चाहिए। अगर पहली बार फाइल कर रहे हैं तो वॉट्सएप/ई‑मेल के ज़रिए OTP मिल जाएगा।
5. फॉर्म भरें और वैलिडेट करें – अपना आय‑कर फॉर्म (I‑TR 1, I‑TR 2, आदि) चुनें, फिर इनकम, टैक्स डिडक्शन और टैक्स पेमेंट की जानकारी डालें। सॉफ्टवेयर खुद‑ब-खुद गणना कर देता है, फिर “वैलिडेट और सबमिट” बटन दबाएँ।
6. ऑनलाइन पेमेंट (यदि बकाया है) – अगर टोटल टैक्स आपके भुगतान से कम है, तो नेट बँकिंग, UPI या डेबिट कार्ड से बाकी टैक्स भर दें। रसीद सुरक्षित रखें, बाद में रिटर्न प्रिंट करने में काम आएगी।
7. रिटर्न जेनरेट और सिग्नेचर करें – सबमिट करने के बाद रिटर्न फॉर्म PDF में जनरेट होगा। उसे “डिजिटल सिग्नेचर” (डिजिटली साइन) या OTP के ज़रिए साइन करें। फॉर्म साइनिंग के बाद आप रिटर्न को “कन्फर्म” करेंगे।
8. स्वीकृति (आसेसमेंट) का इंतज़र करें – फाइलिंग के बाद आयकर विभाग आपका रिटर्न देखेगा। अगर सब सही है तो “आसेसमेंट नोटिस” या “आईआरएस नंबर” के साथ स्वीकृति आएगी, और रिफंड बँक में ट्रांसफर हो जाएगा।
ऑनलाइन रिटर्न दाखिल करने के टिप्स
• डेडलाइन याद रखें – सामान्यतः फाइलिंग की अंतिम तिथि 31 जुलाई होती है। अगर आप देर से फाइल करेंगे तो पेनल्टी लग सकती है, इसलिए पहले से प्लान करें।
• ऑटोसवेदन (ऑटोलोड) फॉर्म का प्रयोग – अगर आप पिछले साल का रिटर्न फाइल कर चुके हैं और कोई बड़ा बदलाव नहीं है, तो “ऑटोसवेदन” विकल्प चुनें। इससे आपका डेटा पिछले साल से ले‑ऑफ़ हो जाता है और नया रिटर्न जल्दी बन जाता है।
• एक्सेल या मोबाइल ऐप मददगार – कई टैक्स सॉफ्टवेयर एक्सेल टेम्प्लेट या मोबाइल ऐप देते हैं जहाँ आप सभी इनकम और डिडक्शन पहले से भर सकते हैं। फिर पोर्टल पर “इम्पोर्ट” बटन से एक क्लिक में डेटा ट्रांसफर हो जाता है।
• रसीदें और सर्टिफिकेट्स स्कैन रखें – टैक्स फाइलिंग के बाद आयकर विभाग कभी‑कभी डॉक्यूमेंट्स की कॉपी माँग सकता है। इसलिए सभी रसीदों की साफ़ स्कैन कॉपी या फोटो बचा कर रखें।
• टैक्स रिटर्न हेल्पलाइन कॉल करें – अगर कहीं अटके हों तो आयकर हेल्पलाइन (1800‑180‑1961) पर कॉल कर सकते हैं। अक्सर छोटे‑छोटे सवालों का जवाब तुरंत मिल जाता है।
इन सभी स्टेप्स को फॉलो करने से आपका टैक्स फाइलिंग प्रोसेस सरल और तेज़ हो जाएगा। याद रखें, टैक्स फाइल करना सिर्फ़ क़ानूनी ज़रूरत नहीं, बल्कि आपकी वित्तीय स्थिति को साफ़ रखने का भी उपाए है। अब देर न करते हुए, अपने डॉक्यूमेंट्स निकालें और आज ही ऑनलाइन रिटर्न जमा करें!
वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2024 है। आयकर विभाग ने करदाताओं को अंतिम तिथि से पहले अपना आयकर रिटर्न दाखिल करने की सलाह दी है। निर्धारित समय पर आईटीआर न दाखिल करने पर 5,000 रुपये तक का जुर्माना लग सकता है। नए कर प्रावधानों के कारण करदाता पुराने कर प्रावधानों का चयन करना चाहें तो इसे आईटीआर दाखिल करते समय स्पष्ट रूप से चुनना होगा।
जारी रखें पढ़ रहे हैं