गौतम गंभीर बनाम डब्लूवी रमन बनाम विदेशी उम्मीदवार: भारतीय मुख्य कोच की दौड़ में नए मोड़
भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच के चयन की प्रक्रिया में हाल ही में कई अप्रत्याशित मोड़ आए हैं। शुरुआत में ऐसा माना जा रहा था कि गौतम गंभीर इस पद के लिए सबसे प्रमुख उम्मीदवार होंगे और यह लगभग तय है कि उन्हें ही कोच बनाया जाएगा। लेकिन नई रिपोर्ट्स इस परिदृश्य को बदल सकती हैं। अब ऐसा कहा जा रहा है कि पूर्व भारतीय क्रिकेटर डब्लूवी रमन भी इस दौड़ में शामिल हो गए हैं और उन्होंने बीसीसीआई पैनल को अपने विस्तृत प्रस्तुति से खासा प्रभावित किया है।
क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) द्वारा आयोजित किए गए इन साक्षात्कारों में रमन ने व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर अपनी प्रस्तुति दी, जबकि गौतम गंभीर ने वर्चुअल साक्षात्कार के माध्यम से हिस्सा लिया। सीएसी में सुलक्षणा नाइक, अशोक मल्होत्रा, और जतिन परांजपे शामिल थे। यह समिति अब एक विदेशी उम्मीदवार के साक्षात्कार की भी तैयारी कर रही है, जिससे कयासों का बाजार गर्म हो गया है कि वह उम्मीदवार कौन हो सकता है।
दिल्ली कैपिटल्स के कोच रिकी पोंटिंग ने भी इस भूमिका के लिए संपर्क किए जाने की बात कही है, लेकिन उन्होंने अपनी आईपीएल प्रतिबद्धताओं और घर पर समय बिताने की इच्छा जताते हुए इस भूमिका को लेकर अपनी संकोच जाहिर की।
गौतम गंभीर के वर्चुअल साक्षात्कार ने भी उन्हें एक मजबूत उम्मीदवार बनाए रखा है। गंभीर की क्रिकेट नीति और उनकी कोचिंग दृष्टि को देखते हुए, यह संभावित है कि उन्हें इस पद के लिए प्राथमिकता दी जा सकती है।
डब्लूवी रमन की प्रस्तुति
इस बीच, डब्लूवी रमन ने व्यक्तिगत रूप से अपने साक्षात्कार में भाग लेकर सीएसी सदस्यों को अपने अनुभव और योजना से काफी प्रभावित किया है। रमन ने अपनी प्रस्तुति में भारतीय क्रिकेट टीम को कैसे प्रगति की ओर ले जाया जा सकता है, इस पर विस्तार से चर्चा की। उनकी रणनीतियां और सोच बीसीसीआई के सदस्यों को आकर्षित कर सकती हैं।
विदेशी उम्मीदवार का प्रवेश
इस प्रक्रिया में एक नया मोड़ तब आया जब समिति ने एक विदेशी उम्मीदवार के साक्षात्कार की योजना बनाई। इससे स्पष्ट होता है कि बीसीसीआई इस चयन प्रक्रिया को बहुत गंभीरता से ले रहा है और हर संभव विकल्प पर विचार कर रहा है।
यह देखना दिलचस्प होगा कि यह विदेशी उम्मीदवार कौन होगा और वह क्या विशेष योजनाएं प्रस्तुत करेगा। इस संबंध में पोंटिंग के नाम की चर्चा जरूर हो रही है, लेकिन उनकी पारिवारिक और प्रोफेशनल प्रतिबद्धताओं को देखते हुए, यह संभावना कम है कि वह इस भूमिका को स्वीकृति देंगे।
जैसे-जैसे जून का महीना समाप्ति पर है, बीसीसीआई जल्द ही राहुल द्रविड़ के उत्तराधिकारी का ऐलान कर सकता है। यह देखना बेहद रोमांचक होगा कि इस दौड़ में कौन बाजी मारता है - क्या गंभीर और रमन के बीच ही मुकाबला होगा या कोई तगड़ा विदेशी उम्मीदवार इस दौड़ में शामिल होकर इसे और भी चैलेंजिंग बना देगा।
इस घटनाक्रम ने क्रिकेट प्रेमियों और विशेषज्ञों के बीच नए सिरे से चर्चा छेड़ दी है। हर कोई जानना चाहता है कि भारतीय टीम का अगला मुख्य कोच कौन होगा और वह टीम को कैसे नई ऊँचाइयों पर ले जाएगा।
11 टिप्पणि
Noushad M.P
जून 20 2024गंभीर को दे दो ये नौकरी, रमन का क्या काम है? उन्होंने तो खेलकर भी इतना नहीं कमाया जितना अब बोलकर कर रहे हैं।
Renu Madasseri
जून 21 2024अगर बीसीसीआई सच में भारतीय क्रिकेट को आगे बढ़ाना चाहता है, तो विदेशी कोच को भी अवसर देना चाहिए। हमारी टीम तो हमेशा अपनी सीमाओं में फंसी रहती है।
Sanjay Singhania
जून 22 2024रमन की रणनीति तो बहुत गहरी है, लेकिन उनका एक्सपीरियंस लोकल है। ग्लोबल टेंशन्स को समझने के लिए तो विदेशी कोच की जरूरत है। नहीं तो टीम फिर से एक्सप्लोशन नहीं होगी, बल्कि एक्सपायरी हो जाएगी।
Raghunath Daphale
जून 23 2024गंभीर तो बस बोलता है, रमन तो सोचता है... पोंटिंग तो बस बाहर बैठकर चाय पी रहा है 😅
Kajal Mathur
जून 24 2024यह सब एक निर्माणात्मक विवाद है, लेकिन विदेशी उम्मीदवार के साथ आगे बढ़ना एक निर्णायक रणनीतिगत गलती होगी। भारतीय संस्कृति के अनुकूल नहीं है।
anushka kathuria
जून 26 2024कोच की भूमिका केवल टेक्निकल नहीं, बल्कि सांस्कृतिक समझ और टीम के अंदरूनी तनाव को समझने की है। रमन के व्यक्तिगत साक्षात्कार में यह स्पष्ट था।
Anoop Joseph
जून 26 2024गंभीर को देखो, वो तो अपने दिल से खेलते हैं। रमन तो बहुत अच्छे हैं, लेकिन गंभीर का जुनून अलग है।
Aniket Jadhav
जून 27 2024मैंने रमन की प्रेजेंटेशन देखी थी, बहुत अच्छी थी। लेकिन गंभीर तो दिल्ली के खिलाड़ियों के दिल में हैं। दोनों अच्छे हैं, बस एक को चुनो।
rudraksh vashist
जून 28 2024अगर विदेशी कोच आएगा तो क्या हमारे युवा खिलाड़ी भी उनकी तरह सोचने लगेंगे? ये सवाल तो बड़ा है।
Archana Dhyani
जून 29 2024मुझे लगता है कि बीसीसीआई का यह फैसला बहुत गहरे स्तर पर विचार किया गया है। विदेशी उम्मीदवार का चयन एक ऐसा सिग्नल है जो भारतीय क्रिकेट की बैकवर्ड नीतियों को चुनौती देता है। यह न केवल एक नियुक्ति है, बल्कि एक राष्ट्रीय आत्मविश्वास का परीक्षण है। रमन के अनुभव और गंभीर की आधुनिक दृष्टि के बीच का संघर्ष तो बहुत दिलचस्प है, लेकिन एक विदेशी कोच जो वैश्विक खेल के नए नियमों को समझता है, वही भारत को वास्तविक रूप से आगे बढ़ा सकता है।
Renu Madasseri
जून 30 2024अगर गंभीर को मिल गया तो बहुत अच्छा होगा। उनकी बातों से लगता है वो टीम के लिए असली दिल लगाते हैं।