इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे टेस्ट में भारतीय बल्लेबाजों की मजबूती से रोमांचक मुकाबला तय
तीसरे टेस्ट में भारत की शानदार वापसी
तीसरे टेस्ट के तीसरे दिन भारत ने एक बार फिर यह दिखा दिया कि दबाव में भी टीम इंडिया टूटती नहीं। इंग्लैंड की मजबूत पहली पारी 387 रन के जवाब में, भारतीय बल्लेबाजों ने संयम और आक्रामकता दोनों का बेहतरीन संतुलन दिखाया। दूसरे दिन का खेल खत्म होने पर भारत 197/3 पर था, ऐसे में जब तीसरा दिन शुरू हुआ तो सभी की नजरें थीं कि टीम आगे कैसे डटकर खेलती है।
के एल राहुल ने एक बार फिर इंग्लैंड के खिलाफ अपनी क्लास दिखाई। उन्होंने न सिर्फ एक महत्वपूर्ण अर्धशतक लगाया, बल्कि एक मुश्किल समय में साझेदारी बनाकर इनिंग को संभाला। पांचवीं बार इंग्लैंड के खिलाफ उनका अर्धशतक आया, जो बताता है कि वह इस विपक्षी टीम के खिलाफ कितना सहज महसूस करते हैं। उनकी पारी में सबसे खास था बेन स्टोक्स के साथ रनआउट का मौका, जिसमें राहुल जरा सा बच गए। उस लम्हे ने दर्शकों की धड़कनें बढ़ा दी थीं।
रविंद्र जडेजा और नितीश कुमार रेड्डी ने जैसे ही पिच को अपने हाथ में लिया, उनका आक्रामक अंदाज दिखने लगा। जडेजा ने अपनी तेज तर्रार बल्लेबाजी से गेंदबाजों पर दबाव डाला, वहीं नितीश ने भी बल्लेबाजी में बड़ी सहजता दिखाई। दोनों ने रन गति बढ़ाई और इंग्लैंड की रणनीति को कुछ पल के लिए हिला दिया। इन दोनों की साझेदारी ने पवेलियन में भारतीय खेमे का मनोबल ऊंचा रखा।
इंग्लैंड की नई पारी और मैच का रोमांच
जब भारत की पहली पारी का अंत हुआ, तो अब बारी थी इंग्लैंड की दूसरी इनिंग की शुरुआत की। लेकिन इंग्लैंड ने बिनी किसी जोखिम के, पिच और हालात को आंकने की कोशिश की। स्टंप्स तक इंग्लैंड सिर्फ 2 रन ही बना पाया। भारतीय गेंदबाजों ने पहले दो ओवरों में ही कसावट दिखा दी और मौके बनाना शुरू कर दिया।
लॉर्ड्स की खराब रौशनी और बादलों की वजह से दर्शक भी उत्सुक थे कि आगे क्या होगा। इंग्लैंड पर अब दबाव है कि वे भारत को तेजी से आउट करें, वहीं भारत के गेंदबाजों के पास मौका है कि निर्णायक बढ़त हासिल करें।
यह मुकाबला अब बेहद रोमांचक मोड़ पर है, जहां हर रन, हर विकेट सीरीज का रुख बदल सकता है। खिलाड़ी, कोचिंग स्टाफ और फैंस—सभी की नजर टिकी हुई है कि अगले दिन कौन सी टीम दम दिखाएगी। मैदान पर रणनीति, संयम और आक्रमकता का असली टक्कर देखने लायक होगी।
7 टिप्पणि
Vishnu Nair
अगस्त 6 2025ये मैच तो सिर्फ क्रिकेट नहीं, ये एक जटिल गणितीय सिमुलेशन है जिसमें पिच की नमी, बादलों की घनत्व डेंसिटी, और बेन स्टोक्स के बल्ले के एंगल का एयर ड्रैग कोऑफिशिएंट एक साथ काम कर रहा है। राहुल का रनआउट बचाव? वो नहीं, वो एक एल्गोरिदम था जिसे इंग्लैंड के डेटा सेट ने गलत फिट किया - उनके विज़ुअल ट्रैकिंग सिस्टम ने उसके बॉडी लैंडिंग पॉइंट को 0.7 सेकंड लेट रिड किया। ये सब एक ऑपरेशन है जिसे आईसीसी ने गुप्त रूप से डिज़ाइन किया है - भारत को इंग्लैंड के खिलाफ जीतने के लिए एक फाइनल फेज दिया गया है।
Kamal Singh
अगस्त 7 2025राहुल की पारी देखकर लगा जैसे कोई बारिश के बाद का खेत फिर से हरा हो गया हो - धीमा, लेकिन गहरा। जडेजा और नितीश की साझेदारी तो बस एक गाना था जिसमें हर रन एक ताना था। इंग्लैंड के गेंदबाज लग रहे थे जैसे वो किसी बाज़ार में बिकने वाली चीज़ें बेच रहे हों, लेकिन कोई खरीदने वाला नहीं। ये मैच बस रन नहीं, बल्कि दिलों की धड़कनों का रिकॉर्ड है।
Jasmeet Johal
अगस्त 8 2025जडेजा ने बल्ला मारा बस और इंग्लैंड घबरा गया बस
Abdul Kareem
अगस्त 9 2025राहुल के रनआउट के उस लम्हे को लेकर कोई डेटा या रिकॉर्ड है कि उस तरह की एक्शन की सफलता की संभावना क्या है? ये सिर्फ एक भावनात्मक रिएक्शन है या एक टेक्निकल फैक्टर? अगर हम इसे एनालाइज़ करें तो क्या ये एक अनुकूलन का उदाहरण है या बस एक भाग्य का खेल?
Namrata Kaur
अगस्त 11 2025राहुल ने जो किया, वो बस एक बल्लेबाज का काम था। बस इतना ही।
indra maley
अगस्त 13 2025इंग्लैंड के खिलाफ भारत की ये लड़ाई असल में एक आंतरिक संघर्ष है - दबाव के बीच भी शांति बनाए रखना। राहुल ने जो किया, वो बल्ले से नहीं, दिल से किया। जडेजा की बल्लेबाजी भी तो एक चुपचाप का विद्रोह था - जिसमें आवाज़ नहीं, बल्कि असर था। इंग्लैंड ने जो पिच को देखा, वो एक जमीन थी। हमने देखा - एक जीवन।
Kiran M S
अगस्त 13 2025क्या आपने कभी सोचा कि राहुल की ये पारी बस एक खेल नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक प्रतिक्रिया है? हमारे देश में जहां असफलता को शर्म की बात माना जाता है, वहां एक बल्लेबाज ने दिखाया कि संयम ही सच्ची शक्ति है। इंग्लैंड ने अपनी राष्ट्रीय गर्व की रचना की है - बाहरी शक्ति, ताकत, और आक्रमण। भारत ने तो दिखाया कि अंदर की शांति कैसे बाहरी अराजकता को नियंत्रित कर सकती है। ये मैच बस एक खेल नहीं, ये एक दर्शन है।