RRP सेमीकंडक्टर ने 5,215% रिटर्न के साथ 2025 का टॉप मल्टीबैगर स्टॉक बना दिया

RRP सेमीकंडक्टर ने 5,215% रिटर्न के साथ 2025 का टॉप मल्टीबैगर स्टॉक बना दिया

RRP सेमीकंडक्टर ने 5,215% रिटर्न के साथ 2025 का टॉप मल्टीबैगर स्टॉक बना दिया

2025 का सबसे चौंकाने वाला शेयर बाजार का सच ये है कि RRP सेमीकंडक्टर लिमिटेड ने एक नुकसान के बावजूद भी निवेशकों को 5,215% रिटर्न दिया। कंपनी का शेयर 185.50 रुपये से बढ़कर 9,860.90 रुपये हो गया — यानी एक रुपये का निवेश 52 रुपये में बदल गया। ये जबरदस्त उछाल अक्टूबर 24, 2025 को आया, जब शेयर चार दिनों में चौथी बार अपर सर्किट पर बंद हुआ। लेकिन हैरानी की बात ये है कि इसी तिमाही में कंपनी ने ₹437 करोड़ का नेट नुकसान दर्ज किया। बाजार क्यों इतना उत्साहित है? जवाब है — भविष्य की कहानी, न कि वर्तमान का लेखा।

क्यों बढ़ रहे हैं नुकसान वाले स्टॉक?

ये एक नया नियम नहीं, बल्कि पुरानी अमेरिकी और चीनी टेक कंपनियों की कहानी का भारतीय अनुवाद है। मल्टीबैगर स्टॉक वो होते हैं जो अभी नुकसान कर रहे हों, लेकिन उनके पास एक ऐसा बिजनेस मॉडल हो जो भविष्य में बड़ा हो सकता है। RRP सेमीकंडक्टर के पास भारत के अपने सेमीकंडक्टर प्लांट का एक बड़ा प्लान है — जिसके लिए उन्होंने टेक्नोलॉजी और टीम खरीद ली है। निवेशक अब उस भविष्य को खरीद रहे हैं, न कि इस क्वार्टर के नुकसान को।

इसी तरह, एलाइटकॉन इंटरनेशनल लिमिटेड का शेयर 1,404% बढ़ा — यानी ₹10.37 से ₹156 पर पहुंच गया। इसके पीछे एफएमसीजी सेक्टर में उनकी छह बड़ी खरीदारियां हैं, जिन्होंने उन्हें एक छोटी कंपनी से एक ब्रांड निर्माता में बदल दिया। ये नहीं कि वो अभी बहुत कमाते हैं, बल्कि ये है कि वो अब उन ब्रांड्स को नियंत्रित करते हैं जिनकी मांग बढ़ रही है।

GHV इंफ्रा और जिंदल फोटो: पांच साल में 70 गुना का उछाल

GHV इंफ्रा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड का शेयर 2025 में 1,659% बढ़ा, लेकिन पांच साल में ये 6,902% बढ़ चुका है। यानी अगर आपने 2020 में ₹10,000 लगाए थे, तो अब वो ₹7 लाख हो गए हैं। ये कोई भाग्य नहीं, बल्कि इंफ्रास्ट्रक्चर बूम की बात है — खासकर उत्तर प्रदेश और बिहार में रोड्स और विकास प्रोजेक्ट्स की तेजी।

और फिर आता है जिंदल फोटो लिमिटेड। ये कंपनी पांच साल पहले एक पेनी स्टॉक थी — ₹30.70 की कीमत पर। आज ये ₹1,519.80 पर है। 4,851% रिटर्न। लेकिन ये भी एक झूठा बड़ा नंबर नहीं है। उनकी बिक्री 1,250% बढ़ी है, और वो अब डिजिटल फोटोग्राफी और एआई-आधारित इमेज प्रोसेसिंग में निवेश कर रही है। नुकसान हो रहा है? हां। लेकिन अब उनका बिजनेस उन बड़ी कंपनियों के साथ चल रहा है जो अभी भी फिल्म कैमरे बेच रही हैं।

अन्य बड़े नाम: डिवीज़, ज्योति, बजाज फिनसर्व

स्क्रीनर.इन की सूची में डिवीज़ लैब्स टॉप पर है — ₹6,112 पर, 70% ग्रोथ के साथ। ये जो फार्मास्यूटिकल्स कंपनी है, उसकी गुणवत्ता और निर्यात इतनी अच्छी है कि वो अमेरिका और यूरोप में भी अपनी जगह बना चुकी है। ज्योति सीएनसी ऑटो भी एक अलग कहानी है — ₹939.80 पर, 63% ग्रोथ। ये कंपनी मशीन टूल्स बनाती है, जिन्हें ऑटो और एयरोस्पेस सेक्टर जरूरत है। भारत में मैन्युफैक्चरिंग बढ़ रही है, और ये कंपनी उसकी बुनियाद है।

बजाज फिनसर्व ने रतनइंडिया एंटरप्राइजेज को टॉप मल्टीबैगर के रूप में चिह्नित किया है — 113% पांच साल का CAGR। ये कंपनी वित्तीय सेवाओं में निवेश कर रही है, और उसका नेट इनकम ₹851 करोड़ है। ये एक ऐसी कंपनी है जो नुकसान नहीं, बल्कि लाभ दे रही है — लेकिन फिर भी इसकी ग्रोथ इतनी तेज है कि इसे मल्टीबैगर कहा जा रहा है।

टीसीएस, एसबीआई, बीएए: दीर्घकालिक जीत

क्या मल्टीबैगर सिर्फ छोटी कंपनियों की बात है? नहीं। टीसीएस का मार्केट कैप ₹14.72 लाख करोड़ है — दुनिया की टॉप 10 आईटी कंपनियों में शामिल। फिर भी, इसकी ग्रोथ लगातार बनी हुई है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने पिछले पांच साल में 98.7% का मुनाफा बढ़ाया। ये नहीं कि ये शेयर अचानक बढ़े — बल्कि ये धीरे-धीरे, लेकिन अडिग रूप से बढ़े। ये वो टाइप के मल्टीबैगर हैं जो आपके बच्चों के शिक्षा फंड के लिए अच्छे हैं।

और फिर है भारती एयरटेल और महिंद्रा एंड महिंद्रा। एयरटेल का ARPU बढ़ रहा है, अफ्रीका में उसकी शेयर बढ़ रही है। महिंद्रा ने एसयूवी में लीडरशिप बनाई है, और अब इलेक्ट्रिक वाहनों में ₹20,000 करोड़ निवेश कर रहा है। ये कंपनियां नहीं बढ़ रहीं — वो बदल रही हैं।

अगले कदम: क्या ये बुल बाजार जारी रहेगा?

एंजल वन के अनुसार, इस साल जनवरी से सितंबर तक 12 मल्टीबैगर स्टॉक्स का मार्केट कैप ₹1,000 करोड़ से ऊपर है। ये सब नहीं बनेंगे — कुछ गिर जाएंगे। लेकिन एक बात स्पष्ट है: अब निवेशक बस लाभ नहीं, बल्कि ग्रोथ पॉटेंशियल देख रहे हैं। जिन कंपनियों का ROCE 20% से ऊपर है और CAGR 25% से अधिक है, वो अगले तीन साल में टॉप पर आएंगी।

ये बाजार अब सिर्फ नंबरों का नहीं, बल्कि कहानियों का है। जो कंपनी बता पाए कि वो क्यों बड़ी होगी — वो निवेशकों का ध्यान खींच लेगी। बाकी सब बस धुएं की तरह उड़ जाएंगे।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

RRP सेमीकंडक्टर नुकसान में भी शेयर क्यों बढ़ रहा है?

RRP सेमीकंडक्टर नुकसान कर रहा है, लेकिन ये एक निवेश का नुकसान है — भविष्य के लिए। कंपनी ने भारत में सेमीकंडक्टर उत्पादन के लिए टेक्नोलॉजी और टीम खरीदी है। अगर ये प्रोजेक्ट सफल हुआ, तो ये भारत की पहली स्वदेशी सेमीकंडक्टर कंपनी बन जाएगी। निवेशक इस भविष्य को खरीद रहे हैं, न कि इस क्वार्टर के लेखे को।

क्या सभी मल्टीबैगर स्टॉक्स बनने वाले हैं?

नहीं। हर साल 10-15 कंपनियां मल्टीबैगर बनने का दावा करती हैं, लेकिन ज्यादातर गिर जाती हैं। असली मल्टीबैगर वो होते हैं जिनका ROCE 20% से ऊपर हो, CAGR 25% से अधिक हो, और उनके पास कोई असली ब्रांड या टेक्नोलॉजी हो। बस शेयर की कीमत बढ़ना नहीं, बल्कि बिजनेस मॉडल का बदलना जरूरी है।

जिंदल फोटो का नुकसान क्यों बढ़ रहा है?

जिंदल फोटो का नुकसान 61% बढ़ा है, लेकिन बिक्री 1,250% बढ़ी है। इसका मतलब है कि वो अब बड़े ग्राहकों के साथ काम कर रही है, जिनके लिए वो बहुत कम कीमत पर बेच रही है। ये एक लॉन्चिंग स्ट्रैटेजी है — बाजार हथियाने के लिए। अगले दो साल में अगर वो कीमत बढ़ा देती है, तो लाभ फिर से आएगा।

क्या टीसीएस और एसबीआई जैसी बड़ी कंपनियां भी मल्टीबैगर हैं?

हां, लेकिन अलग तरह से। टीसीएस और एसबीआई ने पांच साल में 100% से अधिक रिटर्न दिया है — लेकिन इसमें तेजी नहीं, बल्कि लगातार ग्रोथ है। ये वो स्टॉक्स हैं जो आपके निवेश को बचाते हैं, न कि अचानक धन बनाते। इन्हें लंबे समय के लिए रखना चाहिए।

2025 के लिए कौन से स्टॉक्स अभी खरीदने योग्य हैं?

अभी अच्छे ऑप्शन हैं: ज्योति सीएनसी ऑटो (मैन्युफैक्चरिंग बूम), डिवीज़ लैब्स (फार्मा निर्यात), और महिंद्रा एंड महिंद्रा (ईवी और एसयूवी)। ये सभी कंपनियां अपने सेक्टर में लीडर हैं और उनका निवेश भविष्य के लिए है।