हिजबुल्ला क्या है? इतिहास और वर्तमान स्थिति
हिजबुल्ला, जिसका मतलब है "एलायन का पक्षी", 1980 के दशक में लेबनान में उभरा एक शिया इस्लामिक समूह है। इसके मूल में सामाजिक मदद और इसराइल के खिलाफ सशस्त्र प्रतिरोध था। शुरू में यह छोटे‑छोटे गुटों का समूह था, लेकिन धीरे‑धीरे एक संगठित शक्ति बन गया।
हिजबुल्ला का इतिहास
साल 1982 में इज़राइल ने लेबनान पर आक्रमण किया, उसी समय हिजबुल्ला का गठन हुआ। इरान से मिलने वाली समर्थन ने इसे हथियार और प्रशिक्षण दिया। 1990 के दशक में उसने कई बड़े हमले किए और 2006 में इज़राइल के खिलाफ पूरी तरह से युद्ध छिड़ा दिया। इस युद्ध ने इसे लेबनान में एक प्रमुख राजनीतिक खिलाड़ी बना दिया। तब से हिजबुल्ला का राजनीतिक दल लेबनान के संसद में सीटें रखता है और सामाजिक सेवाएँ भी देता है।
आज की स्थिति और प्रभाव
आज हिजबुल्ला का दोहरा चेहरा है – एक ओर राजनीतिक पार्टी, दूसरी ओर सशस्त्र मिलिशिया। यह लेबनान में स्कूल, अस्पताल और बेघर लोगों के लिए राहत प्रदान करता है, इसलिए कई लोग इसे समाज का सहारा मानते हैं। दूसरी ओर, इज़राइल और कई पश्चिमी देशों इसे आतंकवादी समूह जैसा देखते हैं क्योंकि इसकी सैन्य इकाइयाँ इज़राइल के खिलाफ लगातार रोकेट फायर करती रहती हैं।
हिजबुल्ला की रणनीति में स्थानीय समर्थन बनाना, इरान के साथ गठबंधन रखना और पड़ोसी देशों में अपना प्रभाव बढ़ाना शामिल है। हाल में उसने सीरिया में सरकार के साथ मिलकर लड़ाई में भाग लिया, जिससे उसकी अंतरराष्ट्रीय दृश्यता और बढ़ी। इसी कारण कई देशों ने इसे वित्तीय प्रतिबंधों की सूची में डाल दिया है।
अगर आप इस समूह की गतिशीलता समझना चाहते हैं तो ध्यान रखें – हिजबुल्ला केवल एक सशस्त्र समूह नहीं, बल्कि एक सामाजिक-राजनीतिक ताकत है। इसकी भविष्य की दिशा इस बात पर निर्भर करेगी कि लेबनान के अंदर किस तरह की शासकीय गठबंधन बनता है और अंतरराष्ट्रीय दबाव कितना रहता है।
सारांश में, हिजबुल्ला का इतिहास जटिल है, उसका प्रभाव लेबनान के कई पहलुओं में दिखता है और उसकी भविष्य की दिशा अभी भी कई कारकों पर निर्भर करती है।
ईरान और हिजबुल्ला द्वारा संभावित हमले को लेकर इजराइल ने युद्ध की तैयारी शुरू कर दी है। हमास नेता इस्माइल हनियेह की हत्या के बाद ईरान ने बदले की कसम खाई है। इजराइल ने आपातकालीन सुविधाओं को तैयार कर लिया है और नागरिकों को सुरक्षा के निर्देश दिए हैं। इस बीच, कई अंतरराष्ट्रीय एयरलाइंस ने तेल अवीव की उड़ानों को रद्द कर दिया है। स्थिति अत्यंत तनावपूर्ण बनी हुई है।
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