कंगुवा: क्या है, कहाँ रहते हैं और क्यों हैं अहम?
कंगुवा शब्द सुनते ही बहुतों को जली हुई नदी किनारे की बड़ी चमकीली सील दिखती है। असल में कंगुवा एक बड़ी मछली नहीं, बल्कि एक मगरमच्छ है, जो भारत, दक्षिण‑पूर्व एशिया और ऑस्ट्रेलिया में बड़ी संख्या में पाया जाता है।
देश के कई राज्य – खासकर तब्बे, ओडिशा, आंध्र प्रदेश और बिहार – में कंगुवा दिखे हैं। ये पानी के नीचे उछलते हुए शिकार पकड़ते हैं,लेकिन अक्सर लोगों की चेतावनी की कमी या गलती से टकराव हो जाता है। इस वजह से कंगुवा को समझना और उससे बचना ज़रूरी है।
कंगुवा के प्रकार और उनका रहन‑सहन
भारत में दो मुख्य प्रजाति मिलती हैं: भारतीय मगर (Crocodylus porosus) और इंडियन गव (Gavialis gangeticus)। भारतीय मगर बड़े आकार के होते हैं, लम्बाई 5‑7 मीटर तक पहुँच सकती है, और नदियों, खुर्दों और समुद्री तटों में घुमते रहते हैं। इंडियन गव का मुंह पतला और लम्बा होता है, जो मछलियों को पकड़ने में माहिर है।
इन दोनों को सुरक्षित रखने के लिए सरकार ने कई राष्ट्रीय उद्यान और अभयारण्य बनाए हैं – जैसे कि कच्छ रिज़़र्व, सॉन्गा राष्ट्रीय उद्यान और कर्नाटक में कांग्रे जलभूधर। इन क्षेत्रों में कंगुवा को शिकार या विस्थापन से बचाया जाता है और उनका प्राकृतिक भोजन मिलता है।
कंगुवा से निपटने के सुरक्षित उपाय
अगर आप किनारे पर हैं और कंगुवा के संकेत देखते हैं – जैसे कि पानी में फेन, कछुए या मछलियों की अचानक भागना – तो तुरंत दूरी बना लें। कंगुवा तेज़ी से दौड़ सकता है, इसलिए 30 मीटर से कम दूरी में नहीं जाना चाहिए।
बच्चों को यह सिखाएँ कि कंगुवा के पास न जाएँ और अगर कोई कंगुवा दिखे तो तुरंत स्थानीय वन अथॉरिटी या पुलिस को बुलाएँ। कई राज्यों में वन प्रमुखों ने विशेष डॉटलाइन चलायी है, जहाँ पर आम जनता कंगुवा के बारे में जानकारी ले सकती है।
कंगुवा संरक्षण में आम लोगों की भागीदारी भी महत्वपूर्ण है। अगर आप किसी जलधारा में कंगुवा के घोंसले या अंडे देखेंगे, तो उन्हें छेड़ें नहीं। न छेड़ें तो वही सुरक्षित रहेगा और कंगुवा को प्रजनन में मदद मिलेगी।
अंत में, कंगुवा सिर्फ एक खतरनाक जानवर नहीं, बल्कि हमारे पारिस्थितिक तंत्र का अहम हिस्सा है। उसकी रक्षा करके हम न केवल नदी और दलदल की जैव विविधता को बचाते हैं, बल्कि पर्यटन और विज्ञान के लिये भी एक मूल्यवान संसाधन रखते हैं। इसलिए जब भी कंगुवा की खबरें पढ़ें, तो उसके संरक्षण में अपनी छोटी‑छोटी कोशिशें याद रखें।
सूर्या की आगामी फिल्म 'कंगुवा' का 'फायर सॉन्ग' जारी हुआ है, जो सूर्या के 49वें जन्मदिन पर रिलीज हुआ। यह गाना देवी श्री प्रसाद ने कंपोज किया है और सूर्या को एक कबीलाई योद्धा के रूप में दर्शाया गया है। फिल्म में बॉबी देओल, दिशा पटानी, नटराजन सुब्रमण्यम, जगपति बाबू और योगी बाबू भी महत्वपूर्ण भूमिकाओं में नजर आएंगे। फिल्म 10 अक्टूबर को सिनेमाघरों में रिलीज होगी।
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