मानसिक परामर्श: क्या है और कब चाहिए?
हर कोई कभी न कभी तनाव, उदासीनता या दोहरा महसूस करता है। अगर ये भाव लगातार रहते हैं और रोज़मर्रा की जिंदगी में बाधा डालते हैं, तो मानसिक परामर्श मददगार हो सकता है। परामर्श का मतलब सिर्फ डॉक्टर के पास जाना नहीं, बल्कि किसी ऐसे पेशेवर से बात करना है जो आपके सोचने का तरीका, भावनाओं को समझने और हल करने में मदद करे।
कब चाहिए मानसिक परामर्श?
आपको परामर्श तब लेना चाहिए जब:
- पिछले कुछ हफ्तों या महीनों में लगातार उदास या चिंतित महसूस हो रहा हो।
- नींद में दिक्कत, भूख में बदलाव या ऊर्जा का अभाव हो।
- रिश्तों में झगड़े, काम या पढ़ाई में ध्यान नहीं लग रहा हो।
- आत्महत्या या खुद को नुकसान पहुँचाने के विचार आते हों।
- मादक पदार्थों या शराब की आदत बढ़ रही हो।
इनमें से कोई भी संकेत लगातार रहे तो परामर्श लेना समझदारी है। याद रखें, मदद मांगना कमजोरी नहीं, बल्कि आत्म-देखभाल का हिस्सा है।
सही काउंसलर कैसे चुनें?
पहला कदम: योग्यता देखें। काउंसलर या मनोवैज्ञानिक के पास मान्यता प्राप्त डिग्री (M.A. Psychology, M.Phil, आदि) और लाइसेंस होना चाहिए। दूसरा: अनुभव जरूरी है। आपके जैसी समस्या से निपटने का पहले से अनुभव रखने वाले पेशेवर के साथ काम करना आसान रहता है। तीसरा: आरामदायक माहौल। पहली मीटिंग में आपको बताने में सहज महसूस होना चाहिए, नहीं तो आगे काम नहीं बनेगा।
अगर ऑनलाइन परामर्श चुनते हैं, तो वीडियो या फ़ोन के माध्यम से पहला सत्र लेना फायदेमंद है। इससे आप देख सकते हैं कि आवाज़, बात करने का तरीका और विश्वसनीयता कैसी है। कुछ लोग मुफ्त परामर्श या ट्रायल सत्र चाहते हैं, वह भी पूछें।
परामर्श के दौरान आपसे कब और कितना समय चाहिए, यह भी तय करें। कुछ लोग साप्ताहिक सत्र चाहते हैं, जबकि दूसरे दो‑तीन हफ़्ते में एक सत्र पर्याप्त पाते हैं। अंत में, फीस का पता लगाएँ और देखिए कि वह आपके बजट में है या नहीं। कई संस्थान सामाजिक वर्ग के लिए कम दर या स्लाइडिंग स्केल ऑफ़र करते हैं।
मानसिक परामर्श के फायदे तेजी से नहीं दिखते, लेकिन नियमित सत्रों से विचारों में स्पष्टता, तनाव में कमी और आत्म‑विश्वास में बढ़ोतरी महसूस होगी। खुद को समय दें, अपने आप से धैर्य रखें और याद रखें कि आप अकेले नहीं हैं। अगर आपको अभी भी संदेह है, तो अपने निकटतम हेल्पलाइन या सरकारी स्वास्थ्य केंद्र से मदद माँगें।
मक्कल नीधि मय्यम पार्टी के प्रमुख और अभिनेता, कमल हासन ने तमिलनाडु के कल्लाकुरिची होच त्रासदी पीड़ितों से मुलाकात की और मानसिक परामर्श की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि पीड़ितों को अपनी गलतियों का अहसास होना चाहिए और पीने को सामाजिक और सीमित रखना चाहिए। मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये और इलाज करा रहे लोगों को 50,000 रुपये की वित्तीय सहायता देने की घोषणा की है।
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