फ्लॉप फिल्में: क्या कारण बनते हैं बॉक्स ऑफिस पर असफल?
एक फ़िल्म बनाते वक्त निर्माता, निर्देशक और कलाकार सब चाहते हैं कि दर्शक फिल्म को खूब पसंद करें और कमाई बढ़े। लेकिन कई बार फिल्म बड़ी बजट से बनी होती है फिर भी बॉक्स ऑफिस पर धूम नहीं मचाती। ऐसे मामलों को हम फ्लॉप फिल्में कहते हैं।
फ़्लॉप की पहचान सिर्फ कमाई से नहीं होती, बल्कि दर्शकों की प्रतिक्रिया, समीक्षाएं और सोशल मीडिया की धाक भी इसमें शामिल होती है। आज हम बात करेंगे कि किन वजहों से फिल्म फेल हो जाती है और क्या किया जा सकता है ताकि ये बात दोहराई न जाये।
फ्लॉप फिल्मों के मुख्य कारण
पहला कारण है कहानी की कमी। अगर स्क्रिप्ट में दम नहीं, प्लॉट दोहराव वाला या समझ से बाहर हो तो दर्शकों को जल्दी बोरियत महसूस होती है। कहानी को दिलचस्प बनाना ही सबसे बड़ा काम है।
दूसरा कारण है गलत टार्गेट ऑडियंस। कई बार फिल्म बनाते समय यह नहीं देखा जाता कि कौन देखेगा। अगर मार्वल‑फैन्सी के लिए बनायी गई फ़िल्म को ग्रामीण दर्शकों के सामने पेश कर दिया जाए तो बॉक्स ऑफिस पर असर नज़र आएगा।
तीसरा कारण है मार्केटिंग में कमी। आजकल फ़िल्म की प्रोमोशन, ट्रेलर, सोशल मीडिया कैंपेन और स्टार पब्लिसिटी बहुत मायने रखती है। अगर बजट नहीं हो या सही टाइमिंग न मिले तो फ़िल्म पब्लिक की नजरों में नहीं आती।
चौथी वजह है रिलीज़ टाइम का गलत चुनाव। साल के ऐसे महीने जब बड़े बॉक्स ऑफिस हिट रिलीज होते हैं (जैसे अवकाश या त्यौहार) उस समय छोटी फ़िल्में अक्सर पीछे धकेल दी जाती हैं।
पाँचवां कारण है तकनीकी या प्रोडक्शन इश्यूज। खराब VFX, ध्वनि, या एडीटिंग की गलतियां दर्शकों को फ़िल्म से दूर कर देती हैं। आजकल दर्शक छोटी-छोटी ख़ामियों को भी नोटिस कर लेते हैं।
फ्लॉप से बचने के आसान उपाय
सबसे पहला कदम है मजबूत स्क्रिप्ट पर काम करना। लेखक को कहानी को कई बार रिव्यू करवाना चाहिए और फ़ीडबैक लेनी चाहिए।
दूसरा, टार्गेट ऑडियंस को समझें। सर्वे, फोकस ग्रुप या सोशल मीडिया के डेटा से पता चल सकता है कि कौन सी उम्र, जेंडर या रुचि वाली लोगों को फ़िल्म पसंद आएगी।
तीसरा, मार्केटिंग को प्राथमिकता दें। छोटे बजट में भी सोशल मीडिया इंस्टाग्राम, यूट्यूब, टिकटॉक जैसे प्लेटफ़ॉर्म का सही उपयोग करके हिट बनाया जा सकता है।
चौथा, रिलीज़ का सही टाइम चुनें। प्रतिस्पर्धी फ़िल्मों के रेलेज़ कैलेण्डर को देख कर अपनी फ़िल्म को एक उचित विंडो में लॉन्च करें।
पाँचवा, प्रोडक्शन क्वालिटी पर निवेश करें। आज के दर्शक हाई-डेफ़िनिशन, स्पष्ट साउंड और अच्छे VFX की उम्मीद रखते हैं, इसलिए इन क्षेत्रों में कटौती नहीं करनी चाहिए।
इन बातों को अपनाकर फ़िल्म निर्माता फ्लॉप की संभावना घटा सकते हैं और दर्शकों का भरोसा जीत सकते हैं। याद रखें, फ़िल्म बनाना सिर्फ कला नहीं बल्कि एक व्यापार भी है, और व्यापार में सफल होने के लिए सही रणनीति जरूरी है।
अगर आप फ़िल्म देखना चाहते हैं तो रिव्यू पढ़ें, ट्रेलर देखें और ट्रेंड्स पर नजर रखें। इससे आप भी समझ पाएँगे कि कौन सी फ़िल्म संभवतः हिट होगी और कौन सी शायद फ़्लॉप।
Tabu की गिनती शानदार अभिनेत्रियों में होती है, लेकिन उनके करियर में कई फिल्में ऐसी भी रहीं जो बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह फ्लॉप रहीं। हाल की 'औरों में कहां दम था' से लेकर पुराने जमाने की 'हु तू तू' और 'दो हजार एक' तक, कई फिल्में दर्शकों को रास नहीं आईं।
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