थार मरुस्थल की पूरी जानकारी – क्या देखें, कब जाएँ, कैसे तैयार रहें
थार मरुस्थल भारत के पश्चिम में राजस्थान में फैला एक बड़ा रेगिस्तान है। अगर आप पहली बार इस जगह की योजना बना रहे हैं, तो शायद आपके मन में कई सवाल हों – यहाँ का मौसम कैसा है, कौन‑कौन से टूरिस्ट स्पॉट हैं, और यात्रा के लिए क्या‑क्या जरूरी है? चलिए, इन सब बातों को आसान भाषा में समझते हैं।
थार की भूगोल और जलवायु
थार लगभग 200,000 वर्ग किमी में फैला है, जो भारत का सबसे बड़ा मरुस्थल है। यहाँ का परिदृश्य रेत के टीले, खुबानी के बाग़ान और साल भर खुले आकाश से बना है। गर्मियों में तापमान 45°C तक पहुँच सकता है, जबकि रात में ठंड हल्की‑भारी हो सकती है। साल में दो मुख्य मौसम होते हैं – गर्मी (अप्रैल‑जून) और बरसात (जुलाई‑सप्टेंबर)। बरसात के समय थोड़ी हरियाली दिखती है, लेकिन अक्सर तेज़ बौछारें और बवंडर भी आते हैं, इसलिए यात्रा की योजना बनाते समय मौसम की जानकारी पहले ले लें।
मुख्य आकर्षण और अनुभव
1. जैसलमेर का सऊसनी किला – रेगिस्तान के किनारे स्थित यह किला मिठी‑धूप में चमकता है, और यहाँ पर आप ऊँट सफ़ारी का मज़ा ले सकते हैं।
2. बाड़मेर के डेजर्ट फेस्टिवल – हर साल जनवरी में होने वाला यह मेला रंगीन पोशाक, लोक संगीत और रेत पर रेस के साथ थार की संस्कृति को दिखाता है।
3. मोरु (संतरा) ट्री के बीज के पौधे – थार में कुछ ऐसे अद्भुत पौधे भी हैं जो सीमित पानी में जीवित रह पाते हैं, उन्हें देखना रोचक होता है।
4. पुष्कर का जलवायु संग्रहालय – यहाँ पर थार की इतिहास, जल संरक्षण और स्थानीय लोगों के जीवन को दर्शाने वाले प्रदर्शन होते हैं।
5. ऊँट की सवारी – रात में रेगिस्तान की शांति को महसूस करने का सबसे बेहतरीन तरीका है, जब आप ऊँट पर बैठकर तारों के नीचे यात्रा करें।
इन सभी जगहों पर स्थानीय गाइड की मदद लेना फायदेमंद रहता है, क्योंकि वे आपको सही रास्ता दिखाते हैं और सुरक्षित रहे में मदद करते हैं।
**यात्रा टिप्स**
- सूरज की तीव्र रोशनी से बचने के लिए हल्का, लंबा कफ़ वाला कपड़ा और टोपी पहनें।
- सांसें आसान रखने के लिए पानी की बोतल हमेशा साथ रखें – कम से कम 2-3 लीटर रोज़ाना।
- सनस्क्रीन और होंठों के लिए लिप बाल्म न भूलें, रेगिस्तान में हवा भी बहुत सूखी होती है।
- यदि आप ऊँट सफ़ारी करने वाले हैं, तो पहले छोटा ट्रिप करके शरीर को अभ्यस्त कर लें, ताकि टूर के दौरान आराम महसूस हो।
- स्थानीय खाने‑पीने की चीज़ें जैसे ‘केर संगरी’ या ‘थार का खाजा’ ट्राय करें, लेकिन साफ़-सफ़ाई का ध्यान रखें।
थार मरुस्थल में आपका पहला कदम ज्यों ही पड़ेगा, आपको एहसास होगा कि यहाँ की खाली जगहों में भी कितनी जिंदादिल कहानियाँ छिपी हैं। चाहे आप रोमांच चाहते हों या सुकून भरी शांति, थार दोनों ही चीज़ें दे सकता है। बस सही तैयारी करके निकलें, और इस अनोखे रेगिस्तान का मज़ा लूँटें।
राजस्थान के बाड़मेर में महीने भर की सूखा-सी स्थिति के बाद बारिश हुई तो सड़कों पर पानी भर गया और लोगों को उमस से राहत मिली। 40.1°C तक पहुंचा तापमान गिरा। 21 अगस्त से पूर्वी जिलों में शुरू हुई बरसात की वापसी का असर पश्चिम में भी दिखा। मौसम विभाग के मुताबिक अगले कुछ दिन छिटपुट बौछारें जारी रह सकती हैं।
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