प्रधानमंत्री मोदी ने भगत सिंह जयंती 2024 पर शहीद भगत सिंह को दी श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा भगत सिंह को श्रद्धांजलि
28 सितंबर, 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी शहीद भगत सिंह की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर, प्रधानमंत्री ने कहा कि भगत सिंह ने देश की स्वतंत्रता के लिए जो बलिदान दिया, वह हमेशा याद रखा जाएगा। पीएम मोदी का यह कदम उनके अद्वितीय योगदान को मान्यता देने का एक प्रयास था, ताकि आने वाली पीढ़ियां भी उनसे प्रेरणा ले सकें।
शहीद भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर, 1907 को पंजाब के एक छोटे से गांव में हुआ था। बचपन से ही उनमें देशभक्ति का जज्बा उभर आया था और युवावस्था में उन्होंने ब्रिटिश अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाई। उनके द्वारा स्थापित संगठन ‘हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन’ ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ संघर्ष को एक नई दिशा दी।
स्वतंत्रता संग्राम में योगदान
भगत सिंह का भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में योगदान अतुलनीय है। वे गांधीजी की अहिंसात्मक आंदोलन से कुछ अलग राह चुनकर ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ सशस्त्र क्रांति का समर्थन करते थे। 1928 में पुलिस अधीक्षक सॉन्डर्स की हत्या ने उन्हें ब्रिटिश शासन की नजर में प्रमुख विद्रोही बना दिया। इसके बाद, 1929 में दिल्ली की केंद्रीय असेंबली में बम फेंककर उन्होंने “विद्रोही नौजवानें हिंदुस्तान” का नारा लगाया था।
भगत सिंह को गिरफ्तार किया गया और उन्हें 1931 में फांसी दे दी गई। केवल 23 साल की उम्र में फांसी पर चढ़ा यह योद्धा भारतीय युवाओं के लिए एक अद्वितीय प्रेरणा स्रोत बन गया। उनके संघर्ष और बलिदान ने न केवल उस समय के लोगों को प्रेरित किया, बल्कि आज भी उनकी कहानी युवाओं को न सिर्फ प्रेरित करती है, बल्कि उन्हें राष्ट्रभक्ति के मार्ग पर चलने को प्रोत्साहित करती है।
प्रधानमंत्री मोदी का भाषण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भगत सिंह की जयंती पर कहा, “भगत सिंह का जीवन और बलिदान हम सभी के लिए अभूतपूर्व प्रेरणा के स्रोत हैं। उनका साहस और देशभक्ति हमें आज भी अपनी मातृभूमि के प्रति कर्तव्यों को पूरा करने की प्रेरणा देती है।” मोदी ने भगत सिंह की अद्वितीय विरासत को सलाम किया और उन्हें एक ऐसा नायक बताया, जिन्होंने अपने छोटे से जीवन में अतीव योगदान दिया।
पीएम मोदी ने यह भी कहा कि भगत सिंह ने जो आदर्श स्थापित किए, वे हमें सदैव प्रेरित करते रहेंगे। उन्होंने युवाओं से अपील की कि भगत सिंह के विचारों और आदर्शों को अपनाकर देश के विकास में योगदान दें। “देश की स्वतंत्रता में उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता,” उन्होंने जोड़ा।
यह श्रद्धांजलि सभा सिर्फ एक औपचारिकता नहीं थी, बल्कि यह एक अवसर था भगत सिंह जैसी महान विभूतियों को याद करने का, जिनकी शहादत से हमारा देश स्वतंत्रता की राह पर आगे बढ़ सका। मोदी ने इस अवसर पर कहा कि आजादी केवल सत्ता का स्थानांतरण नहीं है, बल्कि यह एक बड़ी जिम्मेदारी भी है, जिसे हमें पूरी जिम्मेदारी और संवेदनशीलता के साथ निभाना होगा।
भगत सिंह की अनमोल विरासत
भगत सिंह का जीवन हर भारतीय के लिए प्रेरणादायक है। वे एक ऐसे स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्होंने अपने देश की आजादी के लिए हंसते-हंसते अपनी जान न्यौछावर कर दी। उनका जीवन देशभक्ति, साहस और बलिदान का प्रतीक है। उनकी कहानी पढ़कर आज भी प्रत्येक भारतीय के दिल में गर्व की भावना उमड़ती है।
वे न केवल स्वतंत्रता संग्राम के नायक थे, बल्कि उन्होंने समाजवाद, समानता और न्याय की अवधारणा को अपने जीवन का उद्देश्य बनाया। भगत सिंह का सपना था एक ऐसा भारत जहां सभी व्यक्ति समान हो, जहां जाति, धर्म और वर्ग के बिना सभी को समान अधिकार मिलें। उन्होंने लिखा था कि “क्रांति में दो बातें होती हैं, इंकलाब और इंतेज़ार।” उनकी यह भावना आज भी हम सभी के लिए महत्वपूर्ण है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस श्रद्धांजलि ने यह साबित कर दिया है कि भगत सिंह की विरासत कभी भी नेपथ्य में नहीं जाएगी। उनके बलिदान की गाथा हमेशा जीवित रहेगी और हमें हमेशा याद दिलाती रहेगी कि स्वतंत्रता के लिए किए गए संघर्षों का सम्मान करना हमारा कर्तव्य है।
समाज पर प्रभाव
भगत सिंह का समाज पर गहरा प्रभाव पड़ा है। उनका जीवन और उनके द्वारा किए गए कार्य आज भी नए जमाने के लिए एक मार्गदर्शक हैं। उनकी विरासत सबसे अलग है, क्योंकि उन्होंने जो कुछ भी किया, उसे मात्र स्वतंत्रता की प्राप्ति तक सीमित नहीं रखा, बल्कि एक बेहतर समाज की नींव रखने का सपना देखा। उनकी शिक्षाएं और उनके विचार हमें आज भी प्रभावित करते हैं और हमारे लिए एक आदर्श प्रस्तुत करते हैं।
भगत सिंह का बलिदान न केवल उस समय के युवाओं को प्रेरित करता था, बल्कि आज भी उनकी कहानी सुनकर हर युवा के दिल में देशभक्ति की भावना जागृत होती है। उन्होंने हमें यह सिखाया कि किसी भी अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने से पीछे नहीं हटना चाहिए, चाहे उस आवाज में कितनी भी चुनौतियां क्यों न हो। उनकी यह शिक्षाएं हमें समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए प्रेरित करती हैं।
आज के दौर में, जब हम अपनी स्वतंत्रता का आनंद उठाते हैं, तब हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि यह स्वतंत्रता हमें आसानी से नहीं मिली। इसके लिए न जाने कितने ही लोगों ने अपने प्राणों की बलि दी, और उन सभी में से भगत सिंह का नाम सबसे ऊपर आता है। उनके बिना आज का स्वतंत्र भारत अदूरदर्शी होता।
भगत सिंह की जयंती पर प्रधानमंत्री मोदी की ओर से दी गई यह श्रद्धांजलि एक महत्वपूर्ण संदेश है। यह श्रद्धांजलि न केवल उन्हें सम्मानित करती है, बल्कि यह उनके विचारों और आदर्शों को पुनः स्थापित करने का एक अवसर भी प्रदान करती है। यह हमें यह भी याद दिलाती है कि हमारे देश के महान नायकों का सम्मान करना हमारा कर्तव्य है और उनकी विरासत को समझना और उसका पालन करना हमारी आगामी पीढ़ियों के लिए आवश्यक है।
10 टिप्पणि
Sahaj Meet
सितंबर 29 2024भगत सिंह के बिना आज का भारत सिर्फ एक नकली फ्लैग था। उन्होंने जो लिखा, वो अभी भी ज़िंदा है - इंकलाब जिंदाबाद नहीं, इंकलाब ज़िंदगी है।
Guru Singh
अक्तूबर 1 2024भगत सिंह के विचारों को आज के युवाओं को स्कूलों में पढ़ाया नहीं जाता। उनकी किताबें, उनके लेख - सब बंद हैं। PM की श्रद्धांजलि अच्छी है, लेकिन क्या कोई उनके विचारों को असली तरीके से पढ़ा रहा है? ये सिर्फ ट्रेंड बन गए हैं।
Madhav Garg
अक्तूबर 2 2024भगत सिंह के जीवन का वास्तविक अर्थ उनके लिखे गए निबंधों में है, न कि उनकी मूर्तियों में। उन्होंने समाजवाद को अपनाया, न कि राष्ट्रवाद को। आज के राष्ट्रवादी नारे उनके विचारों के विपरीत हैं।
Sumeer Sodhi
अक्तूबर 3 2024अरे यार, ये सब बकवास है। भगत सिंह को तो अभी भी आतंकवादी माना जाता था, अब बस एक ट्रेंड बन गया। PM क्या कर रहे हैं? उनकी आत्मा को लेकर फोटो खींचवा रहे हैं? बस एक जयंती पर दिखावा कर रहे हैं। वास्तविक बदलाव कहाँ है? युवाओं को उनके विचारों की जगह टीवी शो दिखाए जा रहे हैं।
Vinay Dahiya
अक्तूबर 5 2024ये सब बहुत अच्छा है... लेकिन जब आप एक ऐसे नायक की श्रद्धांजलि देते हैं, जिसने अपने देश के लिए जान दी, तो क्या आप उसी देश में आज उसके विचारों को दमन कर रहे हैं? क्या आपको नहीं लगता कि आज के विद्यालयों में भगत सिंह के बारे में सिर्फ एक पैराग्राफ पढ़ाया जाता है? और फिर आप श्रद्धांजलि देते हैं? बस एक दिखावा है।
Sai Teja Pathivada
अक्तूबर 7 2024ये सब बहुत अच्छा है... लेकिन क्या आप जानते हैं कि किस नेता ने भगत सिंह की तस्वीर हटवाने की कोशिश की थी? और अब ये लोग फिर से उसे वापस लाए हैं? ये तो बस चुनावी रणनीति है। भगत सिंह के बारे में जो कुछ भी बोला जाता है, वो सब बाहरी है। असली बात ये है कि उनका समाजवाद अब बर्बाद हो चुका है।
Antara Anandita
अक्तूबर 8 2024भगत सिंह की विरासत को बचाने के लिए हमें उनके लेखों को पढ़ना चाहिए - उनके अपने शब्दों में। उन्होंने जो लिखा, वो आज भी पूरी तरह प्रासंगिक है। स्कूलों में उनके बारे में अधिक जानकारी देनी चाहिए, न कि सिर्फ एक दिन का त्योहार।
Gaurav Singh
अक्तूबर 9 2024भगत सिंह को श्रद्धांजलि देना अच्छा है... लेकिन क्या आप जानते हैं कि उनके विचारों को आज किस तरह फर्जी बना दिया जा रहा है? उन्होंने जो कहा था, उसका इस्तेमाल अब राष्ट्रवाद के नाम पर हो रहा है। ये बहुत दुखद है।
Priyanshu Patel
अक्तूबर 10 2024भगत सिंह की जयंती पर जो भी श्रद्धांजलि दी जा रही है, वो बहुत अच्छी बात है। लेकिन अगर हम उनके विचारों को अपने जीवन में उतारें - अन्याय के खिलाफ आवाज उठाएं, बराबरी के लिए लड़ें - तो वो सच्ची श्रद्धांजलि होगी। ये दिखावा नहीं, असली काम होना चाहिए। 💪
ashish bhilawekar
अक्तूबर 10 2024भगत सिंह का बलिदान? वो तो अभी भी ज़िंदा है! उन्होंने जो आग लगाई, वो आज भी जल रही है - हर उस युवा में जो अन्याय के खिलाफ बोलता है। आज के युवा जब ट्विटर पर एक ट्वीट डालते हैं, तो वो भगत सिंह की आत्मा को जीवित रख रहे हैं। इंकलाब ज़िंदाबाद, भाई! 🙌