ऋषभ पंत ने दिल्ली प्रीमियर लीग को बताया पुरानी दिल्ली के लिए मान्यता पाने का बड़ा मौका
दिल्ली प्रीमियर लीग में ऋषभ पंत की उम्मीदें
भारतीय राष्ट्रीय क्रिकेट टीम के युवा और प्रतिभावान कप्तान ऋषभ पंत ने हाल ही में दिल्ली प्रीमियर लीग (डीपीएल) के प्रति अपना उत्साह व्यक्त किया है। पंत ने इसे एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में बताया है, जो युवा क्रिकेटरों को न केवल पहचान दिलाने में सहायक है, बल्कि उन्हें अपने करियर को आगे बढ़ाने का मौका भी देता है। यह लीग उन खिलाड़ियों के लिए एक सुनहरा अवसर है जो बड़े मंच पर अपनी प्रतिभा दिखाना चाहते हैं।
युवा खिलाड़ियों के लिए अवसर
ऋषभ पंत ने इस लीग के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि डीपीएल के माध्यम से उभरते हुए क्रिकेटरों को न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी अवसर मिल सकते हैं। पंत, जो कि इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में दिल्ली कैपिटल्स के कप्तान भी हैं, ने डीपीएल में भाग लेने वाले खिलाड़ियों को सलाह दी कि वे इस मंच का पूरा फायदा उठाएं और अपने खेल में सुधार करके अपनी जगह मज़बूत करें।
पुरानी दिल्ली की टीम और उनकी संभावनाएं
पुरानी दिल्ली की टीम, जो कि डीपीएल का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, पंत के अनुसार यह दिखाने का मौका है कि वे क्या कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें इस टीम में खेलने वाले युवा खिलाड़ियों को देखने का इंतजार है, जिनमें से कई को बड़े मंच पर खेलने का अभी तक मौका नहीं मिला है। पंत को पूरी उम्मीद है कि इस लीग के माध्यम से वे खिलाड़ी अपनी पहचान बना सकेंगे और भविष्य में बड़ी टीमों में अपनी जगह पक्की कर सकेंगे।
डीपीएल का उद्देश्य
डीपीएल का मुख्य उद्देश्य क्रिकेट को जमीनी स्तर पर बढ़ावा देना और उभरते हुए क्रिकेटरों के लिए प्रतिस्पर्धी वातावरण प्रदान करना है। यह लीग न केवल खेल के प्रति जुनून रखने वाले युवाओं के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह उन सपनों को भी सच करने में सहायक हो सकती है जो एक दिन भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा बनना चाहते हैं।
ऋषभ पंत की भूमिका
ऋषभ पंत का इस लीग को समर्थन उनकी खेल प्रतिभा और क्रिकेट के प्रति उनके जुनून का प्रमाण है। पंत, जो खुद एक युवा खिलाड़ी के रूप में उभर कर आए हैं, समझते हैं कि एक खिलाड़ी के विकास में ऐसे मंच कितने महत्वपूर्ण होते हैं। उन्होंने कहा कि डीपीएल से युवाओं के पास अपनी प्रतिभा दिखाने और बड़े मंच पर अपनी जगह बनाने का मौका है।
कड़ी प्रतिस्पर्धा और संभावनाएं
प्रतिस्पर्धा की बात करें तो डीपीएल में भाग लेने वाली सभी टीमें पूरी तैयारी के साथ मैदान में उतरती हैं। खिलाड़ी न केवल अपनी तकनीक बल्कि मानसिक और शारीरिक फिटनेस पर भी ध्यान देते हैं। पंत का मानना है कि इस प्रकार की कड़ी प्रतिस्पर्धा खिलाड़ियों को और भी मजबूत बनाती है।
भविष्य की योजनाएं
पंत ने अपने प्रभावशाली करियर के दौरान जो अनुभव हासिल किए हैं, उसे वे युवाओं के साथ साझा करना चाहते हैं। वे डीपीएल के माध्यम से नए खिलाड़ियों को संवारने और उन्हें भविष्य के लिए तैयार करने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं।
ऋषभ पंत का यह बयान न केवल दिल्ली प्रीमियर लीग को मान्यता दिलाने में मदद करेगा, बल्कि यह उन तमाम युवा क्रिकेटरों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बनेगा जो अपने सपनों को साकार करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं।
18 टिप्पणि
ashish bhilawekar
अगस्त 18 2024ये डीपीएल तो बस एक लीग नहीं, ये तो भारत के छोटे शहरों के सपनों का असली मंच है। मैंने देखा एक लड़का बिहार के एक गांव से, उसका बल्ला लग रहा था जैसे बारिश की बूंदें आसमान से गिर रही हों। पंत ने सही कहा - यहाँ नाम बनता है, न कि बस नंबर दिखाता है।
Vishnu Nair
अगस्त 19 2024अगर आप डीपीएल को बस एक स्थानीय टूर्नामेंट समझ रहे हैं तो आप गलत हैं। ये एक साजिश है - एक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट ब्लॉक के खिलाफ एक गुप्त नेटवर्क जो छोटे खिलाड़ियों को आईपीएल के बाहर बनाना चाहता है। आईपीएल के स्पॉन्सर्स इसे डर रहे हैं क्योंकि अगर एक गांव का लड़का डीपीएल में 120* बना दे तो फिर वो उसे बेचने के लिए नहीं, बल्कि उसे जीतने के लिए खेलेगा।
Kamal Singh
अगस्त 19 2024मैंने अपने बेटे को डीपीएल के लिए तैयार किया है। उसने पहले गेंदबाजी की बजाय बल्लेबाजी सीखी। मैंने उसे बताया - तुम्हारा बल्ला तुम्हारी आवाज़ है। अगर तुम बोलोगे तो दुनिया सुनेगी। अब वो डीपीएल में खेल रहा है। और जब वो बल्ला मारता है, तो मैं रो पड़ता हूँ। ये लीग सिर्फ खेल नहीं, ये जीवन का नया अध्याय है।
Jasmeet Johal
अगस्त 20 2024पंत को अपनी टीम बनाने दो बस ये लीग नहीं बस एक और बाजार है जहां नाम बेचे जा रहे हैं
Namrata Kaur
अगस्त 20 2024डीपीएल अच्छा है। बस खेलो। बाकी सब बातें बाद में।
indra maley
अगस्त 21 2024क्या हम खेल को एक बर्तन के रूप में देख रहे हैं जिसमें सपने भरे जाते हैं या फिर ये खेल ही सपना है जिसे हम बर्तन में रख रहे हैं। जब एक लड़का गांव के खेल में छक्का मारता है, तो वो केवल एक बल्ले से नहीं, बल्कि अपने पूरे जीवन के बोझ को उठा रहा होता है।
Kiran M S
अगस्त 23 2024मैंने देखा है कि डीपीएल के खिलाड़ी अपने बैट्स को चांदी के लिए बांध देते हैं। ये सिर्फ क्रिकेट नहीं, ये एक नया सांस्कृतिक आंदोलन है। जहां एक गांव का लड़का अपने बल्ले से एक नए भारत की नींव रख रहा है। और हाँ, पंत एक वास्तविक नेता है। बस उनकी आंखों में वो चमक देखो - वो नहीं जानते कि वो इतिहास बना रहे हैं।
Paresh Patel
अगस्त 24 2024मैं तो बस ये कहना चाहता हूँ कि जो लोग इस लीग को नज़रअंदाज़ कर रहे हैं, वो अपने बच्चों के भविष्य को खो रहे हैं। मेरा भाई डीपीएल में खेलता है। वो अभी तक एक बार भी नहीं बोला कि उसे थक गया। उसकी आंखों में वो जुनून है जो आईपीएल के बिल्डिंग्स में नहीं मिलता।
anushka kathuria
अगस्त 24 2024दिल्ली प्रीमियर लीग के उद्देश्य को अत्यधिक सरलीकृत किया गया है। यह एक व्यावसायिक अवसर के रूप में नहीं, बल्कि एक सामाजिक और शैक्षिक अभियान के रूप में देखा जाना चाहिए। खिलाड़ियों के विकास के लिए व्यवस्थित निर्देशिकाएँ और शिक्षण योजनाएँ आवश्यक हैं।
Noushad M.P
अगस्त 26 2024पंत का बयान बहुत अच्छा लगा पर असली मुद्दा ये है कि इन लड़कों को खाना कहाँ से मिलेगा जब वो टूर्नामेंट में खेल रहे हों। कोई भी बात नहीं बताता कि इनके पास जरूरत के लिए पैसे हैं या नहीं।
Sanjay Singhania
अगस्त 26 2024डीपीएल एक नए डायनामिक्स का उदाहरण है - जहां स्थानीय अधिकारियों की नेतृत्व शक्ति, युवा खिलाड़ियों के आत्मविश्वास के साथ एक गैर-पारंपरिक एकाधिकार का निर्माण कर रही है। ये एक नया नियम है - जहां बल्लेबाजी का जुनून बिजनेस मॉडल में बदल रहा है। ये एक सामाजिक एल्गोरिदम है जिसे हम समझना भूल रहे हैं।
Raghunath Daphale
अगस्त 26 2024पंत ने क्या कहा वो सब बकवास है। इन लड़कों को खाना नहीं मिल रहा और वो बड़े मंच की बात कर रहे हैं? 😒 इन लीग्स का असली उद्देश्य तो लोगों को घूंट लगाना है। बस एक और बाजार।
Renu Madasseri
अगस्त 27 2024मैंने अपने दोस्त के बेटे को डीपीएल में खेलते देखा। उसने एक गेंद पर लगातार चार छक्के मारे। उसकी माँ रो रही थी। मैंने उसे बताया - ये बस एक खेल नहीं है। ये तो उसके पूरे परिवार की आत्मा का जश्न है। इस लीग का हर मैच एक नया जन्म है।
Aniket Jadhav
अगस्त 29 2024मैंने अपने गांव में एक बच्चे को बल्ला दिया था। अब वो डीपीएल में खेल रहा है। उसके पास न तो शूज थीं न ही ट्रेनिंग। लेकिन उसकी आंखों में वो चमक थी। अब जब वो बल्ला मारता है, तो पूरा गांव उसके लिए खड़ा हो जाता है।
Anoop Joseph
अगस्त 30 2024अच्छा है। खेलो।
Kajal Mathur
अगस्त 30 2024डीपीएल का आर्थिक और सांस्कृतिक महत्व अत्यधिक अवहेलित है। इस लीग के जरिए एक नए शिक्षण और व्यावसायिक ढांचे का निर्माण किया जाना चाहिए, जो आईपीएल के अंधेरे पहलूओं के विपरीत हो।
rudraksh vashist
अगस्त 31 2024मैं तो बस ये कहना चाहता हूँ कि अगर एक लड़का गांव के खेल में बल्ला मारता है और उसकी आंखों में आंसू हैं, तो उसका बल्ला बस लकड़ी नहीं, वो उसकी आत्मा का बर्तन है।
ashish bhilawekar
अगस्त 31 2024अरे वो बच्चा जिसके बारे में तुमने बताया वो मेरा नाती है। अभी तक उसका बल्ला तीन बार टूटा है। लेकिन वो अभी भी उसे टेप से बांध कर खेल रहा है। अब वो डीपीएल में खेल रहा है। अगर तुम उसकी आंखों में देखोगे, तो तुम्हें पता चल जाएगा कि ये सिर्फ एक खेल नहीं है।