ABVP – भारतीय छात्र आंदोलन का प्रमुख चेहरा
When exploring ABVP, ऑल इंडिया छात्र संघ (ABVP) भारत के सबसे बड़े छात्र संगठनों में से एक है, जो भारतीय जनता पार्टी (BJP) से जुड़ा हुआ है. Also known as ऑल इंडिया वैकल्पिक छात्र संघ, it कैंपस में राजनीतिक सक्रियता, सामाजिक सेवा और राष्ट्रीय विचारधारा को बढ़ावा देता है. अगर आप अकादमिक परिसर में चल रही राजनीति, छात्र चुनाव या सामाजिक अभियानों के बारे में जानकारी चाहते हैं, तो ABVP को समझना जरूरी है। इस टैग पेज में हम ABVP के इतिहास, उसके प्रमुख कार्य, और आज के युवाओं पर उसके प्रभाव को बड़े ही आसान अंदाज में पेश करेंगे।
ABVP के प्रमुख संबंध और प्रभाव
ABVP की पहचान भारतीय जनता पार्टी, एक राष्ट्रीय स्तर की राजनीतिक पार्टी, जो ABVP को अपने छात्र विंग के रूप में संलग्न करती है से होती है। यही कारण है कि कई बार कैंपस में अलीकड़े मुद्दे राष्ट्रीय राजनीति से जुड़े होते हैं। इसी तरह, राष्ट्रीय छात्र संघ, NSUI, भारतीय कांग्रेस का छात्र विंग ABVP का सबसे बड़ा प्रतिस्पर्धी है; दोनों संगठनों के बीच अक्सर छात्र चुनावों में प्रतिद्वंद्विता देखी जाती है। इन दो संगठनों को समझना छात्र राजनीति के बड़े पैमाने पर चल रहे खेल को देखना जैसा है: एक तरफ राष्ट्रीय विचारधारा, दूसरी तरफ युवा ऊर्जा और सामाजिक बदलाव की मांग।
ABVP का काम केवल कैंपस तक सीमित नहीं रहता। यह अक्सर विद्यापीठीय चुनाव, उच्च शिक्षा संस्थानों में आयोजित चुनाव, जहाँ विभिन्न छात्र समूह अपनी नीतियों को प्रस्तुत करते हैं में सक्रिय भूमिका निभाता है। इन चुनावों में ABVP की रणनीति, नेतृत्व कौशल और सार्वजनिक भाषण की क्षमता देखी जा सकती है। साथ ही, ABVP कई राष्ट्रीय स्तर के अभियानों, जैसे स्वच्छ भारत, जननी शक्ति, और डिजिटल इंडिया, में भाग लेता है, जिससे छात्रों को सामाजिक सेवा के साथ-साथ संगठनात्मक अनुभव भी मिलता है। यह दो‑तरफ़ा तालमेल ABVP को कैंपस और देश दोनों में प्रभावशाली बनाता है।
समाज में ABVP की उपस्थिति को कई पहलुओं से समझा जा सकता है: पहला, यह युवा वर्ग को राजनीति में प्रवेश का मार्ग प्रदान करता है; दूसरा, यह राष्ट्रीय नीति निर्माण में छात्र आवाज़ को जोड़ता है। यह सब इस बात पर निर्भर करता है कि ABVP छात्र राजनीति को कैसे आकार देता है, कैसे विभिन्न सामाजिक मुद्दों को अपनाता है, और कैसे राष्ट्रीय पार्टी के साथ तालमेल बनाता है। इन सभी तथ्यों को मिलाकर हम देख सकते हैं कि ABVP सिर्फ एक संगठन नहीं, बल्कि एक गतिशील मंच है जहाँ युवा भारत की दिशा तय करने में भाग लेते हैं।
नीचे आप देखेंगे कि हमारे संग्रह में कौन‑कौन से लेख हैं: ABVP से जुड़े नवीनतम कैंपस घटनाएँ, राष्ट्रीय राजनीति में इसकी भूमिका, और छात्र आंदोलन की विविध कहानियाँ। इन लेखों में आपको वास्तविक उदाहरण, विश्लेषण और चुनौतियों की भी झलक मिलेगी, जिससे आपका समझ न सिर्फ सिद्धांत में बल्कि व्यवहार में भी गहरा हो जाएगा। अब चलिए, इस जानकारी के साथ आगे बढ़ते हैं और देखते हैं कि ABVP के विभिन्न पहलुओं को कैसे प्रस्तुत किया गया है।
सितंबर 2025 में दिल्ली विश्वविद्यालय के DUSU चुनावों में ABVP ने तीन प्रमुख पद जीत कर सत्ता में वापसी की। एर्यन मान 16,000 वोटों से राष्ट्रपति बने, जबकि NSUI के राहुल झांसला के पास वाइस‑प्रेसिडेंट का पद रहा। मतदान में 2.75 लाख संभावित मतदाताओं में से करीब 39% ने हिस्सा लिया। चुनाव कड़ी सुरक्षा के तहत दो शिफ्ट में हुआ। यह परिणाम राष्ट्रीय राजनीति के झुकाव को भी दर्शाता है।
जारी रखें पढ़ रहे हैं