ऑपरेशन सिंदूर क्या है?
ऑपरेशन सिंदूर 2023 में शुरू हुआ एक सामाजिक आंदोलन है, जहाँ कई राज्यों की महिला पुलिस और समाजिक समूह ने लाल सिंदूर से सशस्त्र होकर सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए। उनका मुख्य दावा था महिलाओं की सुरक्षा, कार्यस्थल में समानता और शैक्षिक अवसरों को प्राथमिकता देने की जरूरत।
शुरुआत और कारण
इस अभियान की जलवायु कई बड़े घटना‑ओं से बनी थी—जैसे 2022 में उच्च स्तर के यौन हिंसा के केस, महिला कानूनों में कई खामियां और सरकारी योजनाओं का कमजोर कार्यान्वयन। इन सबके बीच एक समूह ने ‘सिंदूर’ को प्रतीक रंग बना कर दिखाना चाहा कि भारत की हर महिला को सम्मानित और सुरक्षित महसूस होना चाहिए। पहला रैलि दिल्ली के इंडिया गेट पर हुआ, जहाँ पुलिस, छात्र और नागरिक मिलकर लाल रिबन बांधे और सरकार से स्पष्ट कदम माँगे।
उन्हें ‘सिंदूर’ इसलिए चुनना आया क्योंकि यह भारतीय संस्कृति में विवाह और सम्मान का प्रतीक है। लाल रंग का प्रयोग करके वे यह दिखाना चाहते थे कि महिलाओं की आवाज़ को भी उतना ही महत्व मिलना चाहिए जितना पारंपरिक रीति‑रिवाजों को मिलता है।
मुख्य कदम और प्रभाव
ऑपरेशन सिंदूर ने कई ठोस काम किए:
- सभी राज्य सरकारों से महिलाओं के लिए विशेष सुरक्षा सेल की स्थापना का अनुरोध किया।
- शिक्षा विभाग को प्राथमिक स्तर पर लैंगिक समानता पाठ्यक्रम जोड़ने की मांग की।li>
- केंद्रीय सरकार से ‘सिंहासन सुरक्षा योजना’ के तहत 5 साल में 10,000 सुरक्षा कैमरे स्थापित करने का प्रतिज्ञा ली।
इन मांगों पर कई राज्य तुरंत प्रतिक्रिया दे सके। पश्चिम बंगाल ने ‘महिला सुरक्षा हेल्पलाइन 1122’ को 24×7 चलाने का आश्वासन दिया, जबकि महाराष्ट्र ने महिलाओं के लिए विशेष प्राथमिक मेडिकल कवरेज बढ़ाया। इसके अलावा, कई निजी कंपनियों ने अपने भर्ती प्रॉसेस में लिंग समता के मानक अपनाए।
सामाजिक स्तर पर, ऑपरेशन सिंदूर ने महिलाओं को आत्मविश्वास दिया कि उनके अधिकारों के लिए आवाज़ उठाना सही है। कई छोटे उत्तराखंड के गांवों में महिलाओं ने अब स्थानीय पंचायत में सीधे मुद्दे रखे, जो पहले कभी नहीं हुआ था।
कुल मिलाकर, ऑपरेशन सिंदूर ने लोकतंत्र में एक नई ऊर्जा लाई—जहाँ नागरिक आंदोलन सिर्फ रैलियों तक सीमित नहीं रहते, बल्कि नीति‑निर्माण में सीधे योगदान करते हैं। भविष्य में इस तरह के आंदोलन और भी विविध क्षेत्रों में फैल सकते हैं, जैसे पर्यावरण, शिक्षा और स्वास्थ्य।
यदि आप भी इस बदलाव का हिस्सा बनना चाहते हैं, तो अपने क्षेत्र में महिलाओं के अधिकारों की जाँच करें, स्थानीय NGOs से जुड़ें और छोटे‑छोटे कदम उठाएँ। याद रखें, हर लाल सिंदूर का स्ट्रिप सिर्फ रंग नहीं, बल्कि एक आवाज़ है जो हर कोने तक पहुँचना चाहिए।
प्रधानमंत्री मोदी के अदांपुर एयरबेस पर अचानक पहुंचने से पाकिस्तान के झूठे दावों की पोल खुल गई। S-400 सिस्टम नष्ट होने के दावों को मोदी ने मौके पर खारिज किया और चेतावनी दी कि भारत की संप्रभुता पर हुई कोई भी चोट भारी तबाही लाएगी। ऑपरेशन सिंदूर के बाद यह दौरा सैन्य तैयारियों का स्पष्ट प्रदर्शन रहा।
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